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आतंकवादभारत

जम्मू-कश्मीर: कठुआ में आतंकी हमले में पांच जवान मारे गए

आमिर अंसारी
९ जुलाई २०२४

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना के एक ट्रक को निशाना बनाया, जिसमें पांच सैनिक मारे गए और पांच घायल हो गए. आतंकियों की तलाश में सेना ऑपरेशन चला रही है.

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कश्मीर में तैनात सेना का जवान (फाइल तस्वीर)
सेना के काफिले पर आतंकी हमले में पांच जवान मारे गए (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Imago/Zuma Press

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार को आतंकियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हल्के और भारी वाहनों से युक्त सेना के गश्ती दल पर दो दिशाओं से गोलीबारी की गई. सुरक्षाबल जब कठुआ के बडनोटा में तलाशी अभियान चला रहे थे, उसी वक्त उनपर हमला हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती हमले के बाद आतंकवादियों ने सेना की गाड़ियों पर ग्रेनेड फेंका और फिर गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन आतंकवादी पास के जंगल में भाग गए.

आतंकवादियों की तलाश

इस हमले में कितने आतंकवादी शामिल हैं, उनकी संख्या का पता नहीं चल पाया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आतंकवादियों ने ऐसी जगह पर हमला किया, जिसके एक तरफ पहाड़ी है और दूसरी तरफ खड़ी ढलान है.

इस हमले के बाद इलाके में अतिरिक्त बल भी भेजा गया. अधिकारियों के मुताबिक आतंकियों की तलाश जारी है और मंगलवार को स्पेशल फोर्स के जवान भी ऑपरेशन में शामिल हो गए.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कठुआ में आतंकी हमले में पांच सैनिकों के मारे जाने पर दुख जताया है. सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर राजनाथ सिंह ने लिखा, "कठुआ के बडनोटा में आतंकवादी हमले में हमारे पांच बहादुर सैनिकों की मौत पर गहरा दुख है."

उन्होंने आगे लिखा, "आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं और हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

जम्मू क्षेत्र में बढ़े आतंकवादी हमले

जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद आमतौर पर कश्मीर घाटी क्षेत्र पर हावी रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र में भारतीय सेना पर हमलों में वृद्धि देखी गई है. पिछले एक महीने में जम्मू क्षेत्र में यह पांचवां ऐसा हमला है, जिसमें भारतीय सेना को नुकसान हुआ है.

वहीं पिछले 48 घंटों में जम्मू क्षेत्र में भारतीय सेना पर यह दूसरा हमला है. सात जुलाई को राजौरी जिले में सेना के कैंप पर हमला हुआ था, जिसमें सेना का एक जवान घायल हुआ था.

इससे पहले दक्षिण कश्मीर में 6 और 7 जुलाई को दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए थे और दो सैनिकों की मौत हुई थी.

जून में भी जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों की बस पर गोलीबारी की थी, जिसके कारण बस के खाई में गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई थी. घटना के कुछ दिनों बाद आतंकवादियों ने कठुआ के एक गांव पर हमला किया था, जब सुरक्षाबल वहां पहुंचे तो गोलीबारी में एक सीआरपीएफ जवान और दो आतंकवादी मारे गए.

विपक्षी नेता राहुल गांधी ने कहा कि सेना पर ये कायरतापूर्ण हमले बेहद निंदनीय है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "एक महीने के भीतर पांचवां आतंकवादी हमला देश की सुरक्षा और हमारे सैनिकों के जीवन के लिए एक बड़ा झटका है. इस तरह के लगातार आतंकवादी हमलों का समाधान खोखले भाषणों और झूठे वादों से नहीं, बल्कि कड़ी कार्रवाई से निकलेगा. इस दुख की घड़ी में हम मजबूती से देश के साथ खड़े हैं."

3 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है और बचे हुए नेटवर्क को नष्ट करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई जा रही है. राज्य सभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 सालों में केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है.

हालांकि, विपक्ष का कहना है कि कश्मीर पर मोदी सरकार की नीति विफल साबित हुई है और समय के साथ आतंकवाद की घटनाएं कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं.