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समाज

नकल के लिए ब्लू टूथ वाली चप्पल

२८ सितम्बर २०२१

भारत में दस लोगों को पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर परीक्षा में नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

राजस्थान पुलिस ने दस लोगों को आधुनिक तकनीक की मदद से नकल करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने अपनी चप्पलों में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा रखी थीं.

भारत में नकल एक बड़ी समस्या रही है. रविवार को राजस्थान में सरकारी परीक्षा हुई जिसमें 16 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए गए थे. परीक्षा जारी रहने के दौरान पुलिस को मोबाइल फोन जब्त करने के भी अधिकार दिए गए थे.

हाई टेक नकल

पुलिस का कहना है कि कुछ अभ्यार्थियों ने इन कड़े प्रतिबंधों का तोड़ निकालने की कोशिश की थी. उन्होंने अपनी चप्पलों के तले में ब्लू टूथ डिवाइस छिपा ली थी. इस डिवाइस से फोन कॉल रिसीव की जा सकती थी जिसे कान में लगाए बहुत छोटे वायरलेस रिसीवर के जरिए सुना जा सकता था.

बीकानेर में पुलिस अधिकारी प्रीति चंद्रा ने मीडिया को बताया कि आरोपियों की योजना थी कि बाहर बैठे कुछ लोग कॉल करेंगे और सवालों के जवाब बताएंगे. यह परीक्षा शिक्षकों की भर्ती के लिए हो रही थी.

चंद्रा ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही केंद्र के बाहर घूम रहे कुछ लोगों पर पुलिसकर्मियों को संदेह हुआ तो उनकी तलाशी ली गई, जिसमें योजना का पता चला.

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चंद्रा ने बताया, "हम इससे वाकिफ थे कि नकल की कोशिश हो सकती है. लेकिन हमने सोचा था कि कोई पेपर लीक करने की कोशिश कर सकता है या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसीलिए कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था. लेकिन यह तरीका एकदम नया था. वे तकनीकी रूप से मजबूत हो रहे हैं.”

पुलिस की जांच में पता चला कि कम से कम 25 परीक्षार्थियों ने एक गैंग से ये चप्पल 60-60 हजार रुपये में खरीदी थीं. बीकानेर पुलिस ने यह सूचना अन्य जिलों में परीक्षा केंद्रों तक भी भेजी जिसके बाद परीक्षार्थियों को कमरे के बाहर ही जूते-चप्पल निकालने को कहा गया.

चंद्रा बताती हैं कि एक मामले में तो पुलिस को अभ्यार्थी का पता परीक्षा क बाद चला. उन्होंने कहा, "एक छात्र को हमने एग्जाम के बाद पकड़ा और हमें उसके कान से ब्लूटूथ डिवाइस निकलवाने के लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा.”

बीमारी बन चुकी नकल

भारत में स्कूल-कॉलेज की परीक्षाओं में ही नहीं, सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नकल बहुत ज्यादा बढ़ रही है और अधिकारियों को नकलार्थियों के आधुनिक तरीकों से निपटने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.

अधिकारी बताते हैं कि नकल करने के तरीकों में किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देना भी शामिल है जिसे कुछ लोगों ने तो अपना पेशा ही बना लिया है. इसके अलावा पेपर चुराना और उन्हें बेचना भी एक पेशेवर अपराध बन चुका है.

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राजस्थान में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक परीक्षा से दो घंटे पहले ही पर्चा लीक हो गया था. पिछले महीने हरियाणा में पुलिस भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

इसी साल फरवरी में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक होने के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं देश की शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रही हैं. कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश के व्यापम जैसे मामले शिक्षा प्रणाली को खराब कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे ने कहा, "हम एक संदेश देना चाहते हैं.  ये लोग शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे हैं.  हम उन मामलों से गुजर रहे हैं जहां शिक्षा प्रणाली विकृत और खराब की गई है.” उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि मध्य प्रदेश में व्यापम मामले में क्या हुआ था.

रिपोर्टः विवेक कुमार (एएफपी)

नकली अंग बनाने वाले

 

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