1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रूस में एक साथ सैन्याभ्यास करेंगे भारतीय और चीनी सैनिक

१८ अगस्त २०२२

रूस की धरती पर चीनी और भारतीय सेना वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने जा रहे हैं. यह सैन्याभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित होगा.

https://p.dw.com/p/4Fghb
तस्वीर: Wu Xiaoling/Photoshot/picture alliance

चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि रूस में होने वाले सैन्याभ्यास में उसके सैनिक हिस्सा लेंगे. इस सैन्याभ्यास में भारत, बेलारूस, मंगोलिया, ताजिकिस्तान और अन्य देश भी हिस्सा लेने जा रहे हैं. चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा संयुक्त सैन्याभ्यास में चीन की भागीदारी "मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति से जुड़ी नहीं है." चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभ्यास में उसकी भागीदारी रूस के साथ चल रहे द्विपक्षीय वार्षिक सहयोग समझौते का हिस्सा है.

बयान में कहा गया है, "इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को और गहरा करना, भाग लेने वाले दलों के बीच रणनीतिक सहयोग के स्तर को बढ़ाना और विभिन्न सुरक्षा खतरों का जवाब देने की क्षमता को मजबूत करना है."

यह भी पढ़ेंः पहली बार चीन के बगल में युद्धाभ्यास करेंगे जर्मन लड़ाकू विमान

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल के दौरान बीजिंग और मॉस्को तेजी से करीब आए हैं.

पिछले महीने ही मॉस्को ने "वोस्तोक" सैन्याभ्यास आयोजित करने की योजना की घोषणा की थी. उसने कहा था कि यह अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर तक चलेगा, हालांकि अभ्यास में भाग लेने वाले देशों के नाम नहीं बताए थे.

वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास में भारतीय सैनिकों के शामिल होने पर भारतीय रक्षा मंत्रालय या भारतीय सेना ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

गौरतलब है कि अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी और उसके बाद से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है. कुछ क्षेत्रों में दोनों सेनाएं पीछे हटी हैं. लेकिन हॉट स्प्रिंग्स, डेमचोक और देपसांग जैसे क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करने के लिए बातचीत धीमी गति से चल रही है.

यह भी पढ़ेंः चीन ने दिया अमेरिका को जासूसी का सुनहरा मौका

चीन और रूस का अभ्यास

ठीक एक साल पहले रूस और चीन ने उत्तर-मध्य चीन में संयुक्त सैन्याभ्यास किया था जिसमें 10,000 से अधिक सैनिक शामिल हुए थे. उस समय रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने चीन के निंग्जिया में सिबू/सहयोग-2021 अभ्यास की प्रशंसा की थी और सुझाव दिया था कि ऐसे अभ्यास को और विकसित किया जा सकता है.

अक्टूबर में रूस और चीन ने जापान सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया था. इसके कुछ दिनों बाद रूसी और चीनी युद्धपोतों ने पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अपना पहला संयुक्त गश्त भी किया था.

24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले से ठीक पहले बीजिंग और मॉस्को ने "नो लिमिट पार्टनरशिप" की घोषणा की थी, हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने चीन को रूस पर अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों से बचकर सैन्य उपकरण मुहैया करते नहीं पाया है.

डोभाल मिले रूसी एनएसए से

इस बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने बुधवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की. रूस के एक बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे के तहत सामयिक मुद्दों पर चर्चा की.

रूस के बयान में कहा गया है, "दोनों पक्ष रूसी-भारतीय विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रगतिशील विकास पर जोर देते हुए दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए."

अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है. भारत कहता आया है कि कूटनीति और बातचीत के जरिए इस संकट का समाधान किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी (रॉयटर्स)