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जयशंकर ने चिन गांग से कहा हमारे संबंध "सामान्य नहीं"

आमिर अंसारी
३ मार्च २०२३

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से अलग चीनी विदेश मंत्री चिन गांग से द्विपक्षीय बैठक की. पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री बने चिन गांग और जयशंकर की यह पहली मुलाकात थी.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकरतस्वीर: Olivier Douliery/AP/picture alliance

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने चीन के साथ संबंधों की "असामान्य" वर्तमान स्थिति और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर चर्चा की. चीनी विदेश मंत्री चिन गांग जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत दौरे पर हैं. जयशंकर ने गांग के साथ बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों को "असामान्य" बताया.

पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री बने चिन गांग और जयशंकर की यह पहली मुलाकात थी. जयशंकर ने कहा, "द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियों" और विशेष रूप से सीमा में शांति को संबोधित करने पर बैठक में ध्यान केंद्रित किया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों ने जी20 एजेंडे पर भी चर्चा की.

भारत की जिम्मेदारी बड़ी

संबंधों को सुधारने पर जोर

दोनों विदेश मंत्रियों के बीच करीब 45 मिनट लंबी बातचीत चली. पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा, "हमारी बातचीत हमारे संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में थी, जिसके बारे में आप लोगों ने सुना होगा कि वह (संबंध) आसामान्य है."

उन्होंने आगे कहा, "आप में से कई लोगों ने मुझे असामान्य के रूप में वर्णित करते सुना, वे उन विशेषणों में से थे जिनका मैंने बैठक में इस्तेमाल किया था. वास्तविक समस्याएं हैं जिन पर खुले तौर पर और स्पष्ट रूप से चर्चा करने की जरूरत है. और आज हमने यही किया."

जयशंकर ने इस बैठक के बारे में ट्वीट भी किया, "आज दोपहर जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीनी विदेश मंत्री चिन गांग से मुलाकात हुई. हमारी चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए वर्तमान चुनौतियों के समाधान करने पर केंद्रित थी."

जयशंकर द्वारा बाली में तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ जी20 के मौके पर बैठक करने के लगभग आठ महीने बाद यह वार्ता हुई. वास्तविक नियंत्रण रेखा के लद्दाख सेक्टर में दोनों पक्षों के बीच जारी सैन्य गतिरोध और अमेरिका-चीन तनाव के बीच बैठक को महत्व मिला. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध पिछले कई वर्षों में सबसे तनावपूर्ण रहे हैं.

शांति की मांग करता आया है भारत

बीते महीने भारत-चीन सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 26वीं बैठक व्यक्तिगत रूप से बीजिंग में आयोजित की गई थी.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति की समीक्षा की और शेष क्षेत्रों में खुले और रचनात्मक तरीके से पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की, जो पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अमन-चैन की बहाली में मदद करेगा और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए स्थितियां पैदा करेगा.

भारत कहता आया है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होती.