भारत ने खालिस्तान समर्थकों पर एफबीआई से मांगी जानकारी
१३ दिसम्बर २०२३समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत ने यह मांग अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) से की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में काम करने वाले अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह अनुरोध भारत की आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे के साथ बैठक में किया था.
एफबीआइ के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार को दिल्ली में एनआईए मुख्यालय का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता के साथ बैठक की.
भारत ने क्या मांग की
एनआईए के इस अधिकारी ने कहा कि भारत कहता आया है कि सिख अलगाववादी अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं और इस मुद्दे पर "दोनों देशों के आंतरिक सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम ने अधिक विस्तार से चर्चा की."
अधिकारी ने कहा, "भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से उन संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है, जिन्हें हाल के सालों में अलगाववादी आंदोलन के लिए भर्ती किया गया और उसके लिए शामिल किया गया."
एनआईए ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रे ने एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता से मुलाकात की और उनके बीच "आतंकवादी-संगठित आपराधिक नेटवर्क के कृत्यों और गतिविधियों, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में अमेरिका में चल रही जांच, साइबर-आतंकवाद अपराधों की जांच समेत कई मुद्दों पर स्पष्ट और व्यापक चर्चा हुई."
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि रे और भारतीय अधिकारियों के बीच बैठकें चल रही हैं, लेकिन दूतावास ने अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की.
गर्म होता खालिस्तान का मुद्दा
दशकों पहले पंजाब में खालिस्तान का मुद्दा उठा था लेकिन उसे कुचल दिया गया था. हाल के महीनों में वैश्विक मंच पर यह दोबारा उभरा है, क्योंकि अमेरिका और कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर उत्तरी अमेरिका में सिख अलगाववादी नेताओं के खिलाफ हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है.
इसी साल कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात लोगों ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत सरकार ने निज्जर को आतंकवादी करार दिया था.
कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप लगाने के बाद भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन उसने अमेरिकी धरती पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश के आरोपों पर जांच की बात कही है.
पन्नू की हत्या की विफल साजिश
पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था यह "चिंता का विषय" और "भारत सरकार की नीति के विपरीत" है. बागची ने कहा था कि एक उच्च स्तरीय कमेटी इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है.
पन्नू के मामले पर अमेरिका ने गंभीरता से प्रतिक्रिया दी थी. पन्नू कनाडाई और अमेरिकी नागरिक है. सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे ) नाम का यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसका संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जिसने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा. वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है.
पन्नू के मामले में भारत ने जांच बिठाई है लेकिन कनाडा में निज्जर की हत्या के मामले में भारत ने कई बार कनाडा से सबूत साझा करने को कहा है लेकिन अब तक कनाडा ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है. ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों देशों के बीच राजनयकि तनाव चरम पर पहुंच गया था.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)