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ईंधन निर्यात पर लगा अंकुश

१ जुलाई २०२२

भारत सरकार ने गैस ऑयल, गैसोलीन और जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क लगा दिया है. साथ ही वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के बढ़े हुए दामों से मुनाफा कमा चुकी तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स भी लगा दिया है.

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Indien, West Bengal | Steigende Treibstoffpreise
तस्वीर: Subrata Goswami/DW

भारत सरकार ने देश के अंदर तेल की आपूर्ति स्थिर रखने के लिए गैस ऑयल, गैसोलीन और जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क लगा दिया है. साथ ही तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स भी लगा दिया है.

सरकार द्वारा लाए गए नए शुल्क और कर रिलायंस और नयारा जैसी रिफाइनिंग कंपनियों और ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और वेदांता जैसे तेल निर्माताओं की कमाई को कम कर देंगे. नयारा पर रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट का आंशिक स्वामित्व है.

सरकार की इस घोषणा के बाद शेयर बाजार में रिलायंस के शेयर का भाव 8.7 प्रतिशत गिरकर 2,370.10 रुपयों पर आ गया. यह उसके भाव में नवंबर 2020 के बाद से एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है. मंगलौर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स के शेयर का भाव 10 प्रतिशत गिर कर 81.55 रुपयों पर आ गया.

Indien, West Bengal | Steigende Treibstoffpreise
तस्वीर: Subrata Goswami/DW

निजी रिफाइनिंग कंपनियां रिलायंस और नयारा इस साल रूस से भारी छूट पर मिल रहे कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से रही हैं. कंपनियों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए देश के अंदर बिक्री कम कर निर्यात पर ज्यादा ध्यान दिया है. निर्यात किए गए उत्पाद यूरोपीय देशों ने भी खरीदे हैं, जो अब रूसी ऊर्जा का बहिष्कार कर रहे हैं.

भारत सरकार की घोषणा के बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के शेयरों के भाव बढ़ गए. गैसोलीन और जेट फ्यूल पर छह रुपए प्रति लीटर और गैस ऑयल पर 13 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से निर्यात शुल्क लगाया गया है.

सरकार ने कुछ नए नियम भी बनाए हैं जिनके तहत गैसोलीन का निर्यात करने वाली तेल कंपनियों को इस वित्त वर्ष में देश के बाहर बेचे गए गैसोलीन की कुल मात्रा के 50 प्रतिशत बराबर मात्रा में गैसोलीन देश के अंदर भी बेचना होगा.

Öl Raffinerie  Indien
तस्वीर: Reliance Industries Limited in Jamnagar/dpa/picture alliance

डीजल के लिए यह अनिवार्यता कम से कम 30 प्रतिशत की रखी गई है. नए निर्यात प्रतिबंध सिर्फ निर्यात पर ही केंद्रित कंपनियों पर लागू नहीं होंगे. इनमें जामनगर स्थित रिलायंस की रिफाइनरी शामिल है. प्रतिबंध भूटान और नेपाल भेजे जा रहे तेल उत्पादों पर भी लागू नहीं होंगे.

वेदांता के शेयरों के भावों में 7.6 प्रतिशत तक की गिरावट आई और वो गिर कर मार्च 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गए. ओएनजीसी के शेयरों के भाव भी 10.5 प्रतिशत गिरे, जो अप्रैल 2020 के बाद से एक दिन में सबसे बुरी गिरावट है.

तेल कंपनियों पर विंडफॉल कर को कच्चे तेल के हर टन पर 23,250 रुपए के दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में लगाया गया है.

नया टैक्स इन कंपनियों द्वारा पहले से हुए समझौतों के तहत इस साल उत्पादन किए तेल पर नहीं लगेगा. पिछले वित्त वर्ष में 20 लाख बैरल से कम तेल उत्पादन करने वाली छोटी कंपनियों पर भी यह टैक्स नहीं लगेगा. 

सीके/एए (रॉयटर्स)

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