भारत: 19 विधानसभाओं में 10 फीसदी से भी कम महिला विधायक
भारत सरकार ने लोकसभा को बताया है कि देश की संसद और अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का कितना प्रतिनिधित्व है.
राजनीति में महिलाओं की कम भागीदारी
पुरुषों के मुकाबले में भारतीय महिलाएं राजनीति में पीछे हैं. इसका कारण है उन्हें उचित मौका न दिया जाना है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 19 राज्यों की विधानसभाओं में महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है.
इन राज्यों में 10 फीसदी से कम प्रतिनिधित्व
इसी महीने कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू की तरफ से लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक- आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु और तेलंगाना में 10 फीसदी से भी कम महिला विधायक हैं.
इन राज्यों में 10 फीसदी से अधिक महिला विधायक
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिन राज्यों में महिला विधायकों की संख्या 10 फीसदी से अधिक है, उनमें बिहार (10.70), छत्तीसगढ़ (14.44), हरियाणा (10), झारखंड (12.35), पंजाब (11.11), राजस्थान (12), उत्तराखंड (11.43), उत्तर प्रदेश (11.66), पश्चिम बंगाल (13.70) और दिल्ली (11.43) शामिल हैं.
संसद में कितनी महिलाएं
आंकड़ों के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा में महिला सांसदों की हिस्सेदारी क्रमशः 14.94 प्रतिशत और 14.05 प्रतिशत है. वहीं पूरे देश में विधानसभाओं में महिला विधायकों का औसत केवल आठ प्रतिशत है.
गुजरात और हिमाचल चुनाव में कितनी महिलाएं जीतीं
इसी साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे. जहां गुजरात में 8 फीसदी से अधिक महिलाओं ने जीत दर्ज की, वहीं हिमाचल प्रदेश में सिर्फ एक महिला विधायक है.
महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग
देश में काफी समय से महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग हो रही है. इस विधेयक को पहली बार 1996 में संसद में पेश किया गया था. साल 2010 में इस विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद इस विधेयक की मियाद खत्म हो गई.