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मिसाइल परीक्षणों के लिए कहां से पैसा लाता है उत्तर कोरिया

७ नवम्बर २०२२

बुधवार को कम से कम 23 मिसाइल परीक्षणों के साथ उत्तर कोरिया ने रिकॉर्ड बना दिया है. ऐसे में यह सवाल है कि प्रतिबंधों में जकड़ा गरीब देश इन अंतहीन परीक्षणों के लिए कहां से पैसा ला रहा है.

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उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण के लिए पैसे कहां से लाता है
अंधाधुंध परीक्षण कर रहा है उत्तर कोरिया तस्वीर: KCNA via REUTERS

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के हर परीक्षण पर 20 लाख से एक करोड़ अमेरिकी डॉलर तक का खर्च आता है. कुछ दूसरे विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया के बेहद गोपनीय तौर तरीकों के कारण इस तरह के परीक्षणों की कीमत का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता. उनका कहना है कि मुमकिन है कि उत्तर कोरिया इस तरह की मिसाइलें दूसरे देशों की तुलना में बहुत कम कीमत पर बना रहा हो. सच्चाई जो भी हो लेकिन उत्तर कोरिया की आर्थिक मुश्किलों से उसके हथियार कार्यक्रम के धीमा पड़ने के कोई संकेत नहीं हैं. बल्कि परीक्षणों को देख कर तो यह लगता है कि देश के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर परमाणु हमले की अपनी क्षमता दिखाने की ठान ली है जिससे कि वह ज्यादा से ज्यादा रियायत वसूल सकें.

हर परीक्षण पर कितना खर्च 

उत्तर कोरिया ने बुधवार को 23 मिसाइलों का परीक्षण किया. साथ ही गुरुवार को छह और. इस साल पहले भी रिकॉर्ड स्तर पर मिसाइलों का परीक्षण हो रहा है. इनमें से कई परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जिन्हें दक्षिण कोरिया और अमेरिकी लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है.

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इनमें हवासोंग 17 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और कम दूरी की कई बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं. उत्तर कोरिया पहले भी मिसाइल परीक्षणों के लिए कुख्यात रहा है लेकिन एक दिन में इतनी मिसाइलों का परीक्षण कभी नहीं हुआ. दिल्ली विश्वविद्यालय में कोरियन स्टडीज के प्रोफेसर संदीप मिश्रा का कहना है कि पैसा कहां से आ रहा है, इससे पहले यह जानना जरूर है कि कितना पैसा खर्च हो रहा है. कैलिफोर्निया की रैंड कार्पोरेशन में सुरक्षा विश्लेषक सु किम का कहना है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों का खर्च दसियों लाख डॉलर से लेकर एक करोड़ डॉलर तक हो सकता है. यह बाकी देशों के परीक्षण पर खर्च की तुलना में काफी कम है. इसकी एक वजह यह है कि उत्तर कोरिया में मजदूरी बहुत कम है.

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन
किम जोंग उन, पार्टी और सेना के हाथ में देश का संसाधनतस्वीर: KCNA via REUTERS

रैंड कॉर्पोरेशन के ही एक और विशेषज्ञ ब्रुस बेनेट ने रेडियो फ्री एशिया को बताया कि बुधवार को कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया गया. इनकी कीमत 20 लाख  डॉलर प्रति मिसाइल हो सकती है. इस तरह से सिर्फ उस दिन के मिसाइल परीक्षणों पर ही 5 करोड़ से 7.5 करोड़ डॉलर तक का खर्च आया होगा.

दक्षिण कोरिया की कोरिया डिफेंस नेटवर्क के विशेषज्ञ ली इलवू का कहना है कि बाहर के लोगों के लिए उत्तर कोरिया में हथियार बनाने के खर्च का आकलन असंभव है. उनका कहना है, "हमारे पास ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम उत्तर कोरिया में किसी हथियार के हिस्सों को बनाने के खर्च को जान सकें. हो सकता है कि उन्होंने इसे खुद बनाया हो या फिर चीन ने उन्हें वह मुफ्त में या फिर बहुत कम पैसे लेकर दिया हो."

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संदीप मिश्रा कहते हैं, "अगर उत्तर कोरिया ने घरेलू तकनीक से मिसाइलें बनाई है तो उन पर उसे ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा. संभव है कि दूसरे देशों से किसी और काम के लिए मंगाये उपकरणों या सामानों से उन्होंने मिसाइल बना लिया हो यह उनके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं और कम खर्चीला भी." मिश्रा का यह भी कहना है, "उत्तर कोरिया के लोग विज्ञान और तकनीक के मामले में काफी हुनरमंद हैं और इस बात के आसार बहुत कम हैं कि किसी और देश ने उन्हें हथियार बनाने में मदद दी होगी."

दक्षिण कोरियाई सांसद शिन वोन सिक के दफ्तर को दी एक रिपोर्ट में सरकारी संस्था कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एनालाइजेज इन सियोल ने बताया कि 1970 से अब तक उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम पर 1.6 अरब डॉलर की रकम खर्च कर चुका है. यह रिपोर्ट दूसरे देशों में परमाणु विकास कार्यक्रमों पर हुए खर्च के आधार पर तैयार की गई है. कई पर्यवेक्षक विदेशी आंकड़ों से सावधान करते हैं क्योंकि उत्तर कोरिया सरकार जमीन या मजदूरी के लिए पैसा नहीं देती.

उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण
उत्तर कोरिया ने मिसाइल तकनीक में काफी प्रगति की हैतस्वीर: KCNA/abaca/picture alliance

परीक्षणों के लिए पैसा कहां से आता है

उत्तर कोरिया की आर्थिक मुश्किलें कोविड-19 की वजह से लेकिन वहां से इसे लेकर कोई सामाजिक अशांति या भोजन की कमी से जुड़ी खबरें नहीं आई हैं. उत्तर कोरिया में हथियारों का विकास सोवियत स्टाइल में होता है जिसमें सत्ताधारी पार्टी और सेना की भूमिका रहती है. सत्ताधारी पार्टी का नेतृत्व किम जोंग उन के हाथ में है और वह रक्षा उद्योग पर पूरा नियंत्रण रखते हैं. सियोल के कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेश के विश्लेषक होंग मिन का कहना है कि किम जोंग उन हथियारों के विकास में राष्ट्रीय संसाधनों की कमी का सामना कर रहे हैं. होंग ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड संख्या में मिसाइलों का परीक्षण करने के साथ ही उत्तर कोरिया गोला बारूद बनाने वाली फैक्ट्रियों का विस्तार भी कर रहा है जिससे कि हाल ही में विकसित हथियारों को बड़ी संख्या में बनाया जा सके.

सू किम का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने हथियार कार्यक्रम के लिए कैसे धन जुटा रहा है इस पर नजर रखना मुश्किल है क्योंकि एक तरफ अमेरिका के नेतृत्व में आर्थिक पाबंदियां हैं तो दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने खुद को भी दुनिया से बिल्कुल अलग थलग रखा है. किम ने कहा, "यही वो जगह है जहां प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाली गतिविधियां होती हैं, इनमें हाल ही में शुरू हुआ साइबरक्राइम और क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग जैसी चीजें भूमिका निभाती हैं. निश्चित रूप से बीजिंग और मॉस्को जैसे सहयोगी भी जान बूझ कर प्रतिबंधों के उल्लंघन में मदद करते हैं और इससे हथियारों का विकास समृद्ध होता है."

कई विशेषज्ञ रूस और चीन के सहयोग को स्वीकार नहीं करते है. संदीप मिश्रा का कहना है कि चीन परमाणु हथियार बनाने में उत्तर कोरिया की मदद नहीं करेगा. इससे उसे खुद के नुकसान की आशंका पैदा होगी. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा, "उत्तर कोरिया की जीडीपी लगभग 25 अरब डॉलर की है और करीब इतनी ही रकम की अर्थव्यवस्था छिपी हुई गतिविधियों से भी चल रही है. अगर वह अपनी जीडीपी का 30 फीसदी हथियारों पर खर्च कर रहे हैं तो फिर इन परीक्षणों के लिए रकम जुटाना कोई बड़ी बात नहीं है." मिश्रा ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया के बारे में  बहुत सी बातें बिना पुख्ता सबूतों के आशंकाओं और धारणाओं को आधार बना कर भी कही जाती हैं.

उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया का दावा है कि उसकी मिसाइलें अमेरिका तक मार कर सकती हैंतस्वीर: KCNA/Reuters

उत्तर कोरिया को क्या हासिल हुआ

उत्तर कोरिया के हर मिसाइल परीक्षण से उसके वैज्ञानिकों को हथियारों के विकास के लिए "अनमोल आंकड़े" हासिल होते हैं और किम जोंग उन का नेतृत्व मजबूत होता है और साथ ही दक्षिण कोरिया-अमेरिका के गठजोड़ को झटके लगते हैं. 

उत्तर कोरिया का कहना है कि उसके मिसाइल परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त युद्धाभ्यासों के खिलाफ एक चेतावनी है कि वह इन अभ्यासों को आक्रमण की तैयारी के रूप में देखता है. उत्तर कोरिया के परीक्षणों के अभी जारी रहने के आसार हैं क्योंकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया नियमित रूप से युद्धाभ्यास करते हैं.

अनुमान है कि उत्तर कोरिया के पास करीब 1,000 बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इतने मिसाइल 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के अभियान में दबाव बनाने के लिए काफी हैं. इन दबावों के जरिये वह अपने लिए प्रतिबंधों से छूट और दूसरी रियायतें चाहता है. सियोल की असान इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज के गो म्यूोंग ह्यु का कहना है, "उत्तर कोरिया 2024 से पहले यह दिखाना चाहता है कि उसके परमाणु हथियार बेहद उन्नत हैं, तैयार हैं और पहले के मुकाबले ज्यादा बड़ा खतरा हैं. वह अमेरिका के साथ यह खतरे वाली धारणा बनाये रखना चाहते हैं और यह भी कि वह अचानक से चुपचाप नहीं बैठ जाएंगे."

रिपोर्टः निखिल रंजन (एपी)