मछलीपालकों को कई अहम बातों का ध्यान रखना पड़ता है. मछलियों को पर्याप्त चारा नहीं मिला, तो उन्हें कम पोषण मिलेगा. ज्यादा चारा खिला दिया, तो आर्थिक नुकसान होगा. इंडोनेशिया में मछलीपालकों की कुल लागत का 90 फीसदी, मछलियों को खिलाने में खर्च होता है. अब यहां एक स्टार्टअप ऑटोमेशन के जरिए फिश फीडिंग सिस्टम में सुधार कर रही है. इस सस्टेनेबल तकनीक से जल प्रदूषण भी कम होता है.