ऑस्ट्रेलिया का यह नन्हा वॉम्बैट लोगों का मन मोह रहा है
क्या आप दुनिया भर के समाचारों से एक ब्रेक लेना चाह रहे हैं? तो जरा ऑस्ट्रेलिया के एक चिड़ियाघर में अपने नए घर का जायजा ले रहे नन्हे वॉम्बैट "विल्बर" की अठखेलियां देखिये.
नन्हा विल्बर
नन्हे वॉम्बैट "विल्बर" को एक नया घर मिल गया है. वह अब सिडनी के ऑस्ट्रेलियाई सरीसृप पार्क में रहता है. उसकी मां की एक गाड़ी से धक्का लग जाने के बाद मौत हो गई थी. वहां से गुजर रहे लोगों ने विल्बर को उसकी मां की थैली से निकाला और बचाया.
विल्बर के लिए ऊनी थैली
वॉम्बैट धानीप्राणी या मार्सुपियल होते हैं और सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं. वो अपने पैने पंजों का इस्तेमाल कर गड्ढे और सुरंगें खोदते हैं. नन्हे वॉम्बैटको जोई कहते हैं और वह करीब छह महीनों तक अपनी मां की थैली में रहते हैं. विल्बर के लिए यह ऊनी थैली बनाई गई है. कीपर सेलीना डे गेल्डर चौबीसों घंटे उसकी देखभाल करती हैं.
विल्बर के पड़ोसी
चिड़ियाघर में विल्बर के कुछ नए पड़ोसी उससे थोड़े अलग हैं. इस पार्क में 40 से भी ज्यादा वयस्क घड़ियाल रहते हैं और इस समय कर्मचारी उनके सालाना चेकअप को लेकर सजग हैं.
मिलिए "एल्विस" मगरमच्छ से
11 कुशल कर्मचारियों ने खारे पानी के मगरमच्छ "एल्विस" को मजबूती से पकड़ रखा है. इस चिड़चिड़े मगरमच्छ के दांतों का इलाज चल रहा है. 57 साल का एल्विस 15.5 फुट लंबा है और करीब 500 किलो वजनी है. उसके और कर्मचारियों के बीच चली खींचतान चिड़ियाघर में आकर्षण का केंद्र रही.
रोयेंदार कोआला
यहां के सबसे क्यूट नन्हे पशु के खिताब के लिए विल्बर और इस कोआला में गंभीर मुकाबला है. अपनी मां की थैली से बाहर झांकता गुलाबी थूथन वाला यह कोआला इस पार्क में पैदा होने वाला 100वां कोआला है. पेड़ों पर रहने वाले ये पशु कंगारुओं के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया के सबसे जाने माने प्रतीक हैं.
"एस्ट्रेला" के लिए मैनीक्योर
मादा कछुआ "एस्ट्रेला" भी यहीं रहती है. यहां यह मादा गैलापागोस कछुआ मैनीक्योर का आनंद ले रही है. वो 2020 में अपने नए जीवनसाथी ह्यूगो से मिलने जर्मनी के रॉस्टॉक से ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में स्थित सोमर्सबी चिड़ियाघर आई थी.
नन्हे कंगारू
"टेटे" और "स्विफ्टी" (जिसका नाम अमेरिकी पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट के नाम पर रखा गया है) इस पार्क के दो नन्हे कंगारू हैं. इन नन्हे ईस्टर्न ग्रे कंगारुओं ने जून 2023 में ही अपनी मां की थैली छोड़ दी थी और तब से चिड़ियाघर का मुआयना कर रहे हैं.
फिर से आजाद हो सकता है विल्बर
अनाथ हो चुके वन्यजीव अगर घायल या कुपोषित हों तो उनके लिए शुरू के कुछ दिन गंभीर होते हैं. विल्बर की कीपर डे गेल्डर कहती हैं, "हमने उसे करीब से देखा और वो अपने हालात से एक चैंपियन की तरह उबर गया." अब अगर वह स्वस्थ रहता है तो उसे 12 महीनों बाद फिर से जंगलों में छोड़ दिया जाएगा. (युलरीक शुल्ज)