अब चक्रवात 'निवार' का खतरा मंडराया
२४ नवम्बर २०२०बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के मंगलवार को चक्रवाती तूफान में बदलने और इसके अगले दिन तट के पास से गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरने की संभावना के बीच राज्य सरकारों ने इससे निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली है. तमिल नाडु और पुदुचेरी सरकार ने जिला प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है. सरकार ने मंगलवार से अगला आदेश आने तक जिलों के भीतर और एक जिले से दूसरे जिले तक बस सेवाएं निलंबित करने की घोषणा की है. कुछ जिलों में ट्रेन सेवा भी आंशिक और पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई.
चक्रवात निवार को लेकर मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल नाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से हालात पर चर्चा की. केंद्र सरकार ने राज्यों को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है.
मौसम विभाग ने कहा, "इसके अगले 24 घंटों के दौरान एक चक्रवाती तूफान (निवार) में तब्दील होने की आशंका है. इसके बुधवार (25 नवंबर) की दोपहर के आसपास उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और कराईकल और मामल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों को पार करने का पूर्वानुमान है."
मौसम विभाग ने इस दौरान हवा 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे या फिर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की आशंका भी जताई है. चक्रवात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम ने सोमवार को तटों का जायजा लिया और बचाव अभियान को लेकर तैयारी शुरू की.
चेन्नई, कडलूर, नागपट्टिनम, एन्नोर, कट्टुपल्ली, पुदुचेरी और कराईकल बंदरगाहों पर खासतौर पर सावधानी बरतने को भी कहा गया है. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को तमिलनाडु के जिले नागापट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरुर, अरियालुर, मयिलादुथुराई, तिरुवल्लुर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलुर, पुदुकोट्टई, कुड्डलोर, विल्लुपुरम, वेल्लोर, रानीपेट, तिरुवन्नमलाई और कल्लाकुरिची और पुदुचेरी के कराईकल तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी बारिश हो सकती है. हालांकि चेन्नई के कुछ इलाकों में मंगलवार सुबह से ही बारिश हो रही है.
इस बीच तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार के मुताबिक चक्रवात से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की छह टीमों को कुड्डलोर भेजा गया है.
साल 2016 में वरदाह चक्रवात के कारण तमिल नाडु में भारी तबाही मची थी. चक्रवात के दौरान कम से कम 38 लोगों की मौत हुई थी और कई सौ करोड़ का नुकसान हुआ था. उस दौरान हवा की अधिकतम रफ्तार 155 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा पहुंची थी.
हालांकि इस बार प्रशासन ने चक्रवात के खतरे से निपटने के लिए पहले से ही इंतजामों का दावा किया है.
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