इस्राएल ने किया हिज्बुल्लाह चीफ को मारने का दावा
२८ सितम्बर २०२४इस्राएली रक्षा बल (आईडीएफ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा." इस पोस्ट के मुताबिक दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह कमांडर अली काराकी की भी इस हमले में मौत हो गई है.
इस्राएल ने जब से लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए हैं, तभी से आशंका जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच जारी टकराव बड़े युद्ध में तब्दील हो सकता है. अभी तक इस्राएल की कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं.
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64 साल के नसरल्लाह बीते 32 साल से हिज्बुल्लाह का नेतृत्व कर रहे हैं. अगर उनकी मौत की पुष्टि होती है तो यह इस शिया मिलिशिया को इस्राएल की तरफ से पहुंचाया गया सबसे बड़ा नुकसान होगा. इस्राएल का कहना है कि बेरुत के बाहरी इलाके में जमीन के नीचे हिज्बुल्लाह के मुख्यालय थे जो रिहायशी इमारतों के नीचे बने थे. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में कम से कम छह लोग मारे गए हैं जबकि 91 घायल हो गये हैं. सरकारी मीडिया का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमले में कई इमारतें पूरी तरह तबाह हो गई हैं.
नसरल्लाह से संपर्क टूटा
ईरान समर्थित गुट हिज्बुल्लाह के एक सूत्र ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि शुक्रवार शाम से नसरल्लाह से संपर्क टूट गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सूत्रों ने भी हिज्बुल्लाह चीफ से संपर्क ना होने की बात कही है. इस्राएली दावे के बाद भी हिज्बुल्लाह की तरफ से नसरल्लाह को लेकर कोई सूचना नहीं आई है.
फलस्तीनी आतंकवादी गुट हमास ने जब बीते साल 7 अक्टूबर को दक्षिणी इस्राएल में हमला किया, उसके अगले ही दिन से हिज्बुल्लाह ने इस्राइल को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. लेकिन इस्राएल ने हाल में ही अपना ध्यान गाजा युद्ध से हटाकर लेबनान पर केंद्रित कर दिया है. उसकी भारी बमबारी में वहां अभी तक 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि 1,18,000 घायल हुए हैं.
हिज्बुल्लाह का चेहरा
लेबनान पर इस्राएली कब्जे का विरोध करने के लिए 1982 में हिज्बुल्लाह की स्थापना की गई थी. नसरल्लाह ने 1992 में इसकी कमान संभाली थी. गुट के पूर्व प्रमुख और सह संस्थापक अब्बास अली मुसावी की मौत की बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिली थी. मुसावी की हत्या इस्राएल ने कराई थी.
नरसल्लाह लंबे समय तक इसके सदस्य रहे. वह धार्मिक पढ़ाई के लिए कुछ समय ईरान में रहे. वहां से वापसी के कुछ समय बाद उन्हें हिज्बुल्लाह का नेतृत्व सौंप दिया गया. उनके प्रमुख रहते हिज्बुल्लाह को अमेरिका, यूरोपीय संघ और बहुत से दूसरे देशों ने पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से आतंकवादी संगठन करार दिया.
उधर नसरल्लाह को मारने का दावा करने के बाद इस्राएल में हाई अलर्ट है. सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नवाद शोशानी ने कहा, "हम देख रहे हैं कि हिज्बुल्लाह एक साल से हम पर हमले कर रहा है. तो यह माना जा सकता है कि वे हमले जारी रखेंगे या ऐसी कोशिश करेंगे."
एके/एडी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)