ब्रह्मांड का नक्शा खींचेंगे हॉकिंग
२७ जून २०१६1963 में उस समय स्टीफन हॉकिंग की उम्र महज 21 साल थी जब पता चला कि वे बेहद कम लोगों में पाई जाने वाली एक बीमारी एम्योट्रोफिक लैटेरल स्क्लैरोसिस या मोटर न्यूरोन डिजीज है. डॉक्टरों ने उन्हें बताया उनके पास अब केवल दो साल का समय है. लेकिन भौतिक विज्ञान और गणितीय समीकरणों में गहरे डूबे इस व्यक्ति के हौसलों से पार पाना इस रोग के बस में नहीं था.
बिग बैंग और ब्लैकहोल से जुड़े ब्रह्मांड के कई रहस्यों को सुलझा चुका यह वैज्ञानिक अब 74 साल की उम्र में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बनाए गए अपने सुपरकंप्यूटिंग सेंटर से ब्रह्मांड का अब तक का ज्ञात नक्शा खींचने की योजना बना रहा है. हॉकिंग के इस अभियान में कॉस्मॉस कंप्यूटर उन लाखों आकाशगंगाओं, ब्लैकहोलों, तारों और ऐसी दूसरी ब्रह्मांडीय संरचनाओं की स्थिति और गतिविधियों का खाका खींचेगा जिनके बारे में अब तक जानकारियां जुटाई जा सकी हैं.
हॉकिंग स्पेन के टेनेरीफ में सोमवार को शुरू हो रही स्टारमस साइंस कांफ्रेंस में सुपर मैप की इस योजना के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कॉस्मोलॉजी के प्रोफेसर और कॉस्मॉस कंप्यूटर सेंटर के निदेशक पॉल शेलार्ड बताते हैं कि इस योजना में यूरोपीय स्पेस ऐजेंसी के प्लैंक उपग्रह से खींची गई बिगबैंग के दौर के विकीरण की तस्वीरों का इस्तेमाल, शुरुआती ब्रह्मांड का नक्शा खींचने के लिए किया जाएगा. वह कहते हैं, ''सबसे शुरूआत में कैसे द्रव्य का वितरण हुआ और बाद में कैसे यह आधुनिक ब्रह्मांड की संरचना में तब्दील हुआ, प्लैंक हमें इन सबकी शानदार तस्वीरें देता है."
डार्क एनर्जी सर्वे से मिले आंकड़ों की मदद से अरबों आकाशगंगाओं को रेखांकित करने और ब्रह्मांड के विस्तार को बढ़ाने वाली डार्क एनर्जी की प्रकृति को सामने लाने के लिए इन तस्वीरों को संवर्धित किया जाएगा. इसके लिए चिली में 13 फुट व्यास वाला टेलिस्कोप लगाया गया है. शेलार्ड कहते हैं जब 2020 में यूरोपीय स्पेस ऐजेंसी का यूक्लिड प्रोब लांच किया जाएगा तो नक्शा और भी परिष्कृत हो सकता है.
आरजे/ओएसजे (पीटीआई)