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समाजभारत

महिला रेंजरों की भर्ती में छाती मापने के नियम पर विवाद

आमिर अंसारी
१० जुलाई २०२३

हरियाणा में वन विभाग में फॉरेस्ट रेंजर व अन्य पदों की भर्ती में महिलाओं के शारीरिक टेस्ट में छाती मापने की भी शर्त रख दी गई है. इसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है.

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फाइल तस्वीर
फाइल तस्वीरतस्वीर: Conway/AFP/Getty Images

हरियाणा वन विभाग ने कई पदों के लिए भर्तियां निकाली हैं, जिनमें रेंजर, डिप्टी रेंजर और अन्य पद शामिल हैं. लेकिन इसमें महिलाओं के फिजिकल टेस्ट (पीएमटी) में छाती मापने की भी शर्त रखी गई है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

हरियाणा सरकार ने कहा कि ये भर्तियां हरियाणा वन सेवा (कार्यकारी) ग्रुप सी नियम, 1998 के मुताबिक की जा रही हैं.

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने 7 जुलाई को इन भर्तियों के लिए एक नया नियम जोड़ा था, जिसके तहत महिला उम्मीदवारों की छाती का 'सामान्य' आकार 74 सेंटीमीटर या फुलाये जाने पर 79 सेंटीमीटर होना चाहिए.

वहीं पुरुषों के लिए छाती बिना फुलाये 79 सेंटीमीटर और फुलाने के बाद 84 सेंटीमीटर होनी चाहिए.

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महिला कार्यकर्ताओं ने उठाये सवाल

लेकिन इस नियम को लेकर विवाद खड़ा हो गया और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस नियम की आलोचना की. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे "तुगलकी फरमान" करार दिया.

कई महिला उम्मीदवारों ने इस फैसले के पीछे की तर्कसंगतता पर सवाल उठाया. एक महिला उम्मीदवार ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सवाल किया, "यह निश्चित रूप से हमारी गरिमा के साथ छेड़छाड़ का प्रयास है. अगर वे हमारे फेफड़ों की क्षमता जांचना चाहते हैं तो हम समझ सकते हैं. लेकिन न्यूनतम शर्त क्या है?"

दूसरी ओर अधिकार कार्यकर्ता इस तरह के कदम को बेतुका बता रहे हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ता श्वेता ढुल ने इसी अखबार को बताया, "इस तरह के नियम को जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत है. इस तरह के नियम युवतियों को असहज स्थिति में डालने वाले हैं. कहीं भी आपको ऐसा नियम नहीं दिखेगा, चाहे वह पुलिस के लिए परीक्षा हो, एनडीए या यहां तक कि सीआरपीएफ के लिए परीक्षा हो."

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नियम वापस लेने की मांग

विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस नियम को लेकर विरोध जताया है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, "खट्टर-दुष्यंत जी की जोड़ी की जानकारी के लिए उनके 7 जुलाई, 2023 के फरमान की कॉपी, हरियाणा पुलिस तथा केंद्रीय पुलिस बलों में भी ऐसी कोई शर्त न होने का सबूत भी साथ लगा दिया है. अब इस तुगलकी आदेश को वापस लें व बेटियों से माफी मांगें."

सुरजेवाला का कहना है कि यह नियम महिलाओं के गरिमा के साथ खिलवाड़ है.

हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल और महिला सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए छाती का माप नहीं लिया जाता. इसी तरह से एनडीए और सीआरपीएफ की परीक्षाओं में भी महिला उम्मीदवारों की छाती नहीं मापी जाती है. सेना, यूपीएससी के तकनीकी पदों, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा आदि में वन विभाग में भर्ती परीक्षा के लिए महिला उम्मीदवारों की छाती मापी जाती है.

विवाद के बाद सरकार की सफाई

महिला उम्मीदवारों की छाती को मापने के अपने नये नियम की विपक्षी कांग्रेस द्वारा आलोचना के बाद हरियाणा सरकार ने 8 जुलाई को स्पष्ट किया कि महिलाओं का शारीरिक माप लेने के लिए केवल महिला डॉक्टरों और महिला कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा.

एचएसएससी के चेयरमैन भोपाल सिंह खत्री ने कहा कि फॉरेस्ट रेंजर और डिप्टी रेंजर के लिए नये नियम पहले ही शामिल किये जा चुके हैं और इन पदों के लिए विज्ञापन निकाले जा चुके हैं.

उन्होंने कहा, "महिला उम्मीदवारों के लिए शारीरिक माप प्रक्रिया में केवल महिला डॉक्टर और महिला कोच शामिल होंगी."