इसरो का ईओसएस-03 उपग्रह मिशन हुआ फेल
१२ अगस्त २०२१भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को गुरुवार को एक गंभीर झटका लगा. GSLV-F10/EOS-03 रॉकेट जियो-इमेजिंग सैटेलाइट-1 (जीआईएसएटी-1) को कक्षा में स्थापित करने के अपने मिशन में विफल हो गया.
इस सैटेलाइट ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से गुरुवार सुबह 5.43 बजे उड़ान तो भरी लेकिन तय समय से कुछ सेकेंड पहले तीसरे स्टेज (क्रायोजेनिक इंजन) में गड़बड़ी आने से यह ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका.
मिशन की विफलता की घोषणा करते हुए, इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा, "क्रायोजेनिक चरण में देखी गई तकनीकी विसंगति के कारण मिशन पूरा नहीं किया जा सका है."
57.10 मीटर लंबा, 416 टन के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एफ10) का दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 5.43 बजे प्रक्षेपण हुआ था. जियो-इमेजिंग सैटेलाइट-1 लदा रॉकेट अपने पिछले हिस्से में नारंगी रंग की मोटी लौ के साथ उग्र रूप से आसमान की ओर बढ़ा. लगभग पांच मिनट तक सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से चला.
रॉकेट की उड़ान में लगभग छह मिनट और क्रायोजेनिक इंजन के संचालन शुरू होने के तुरंत बाद, मिशन कंट्रोल सेंटर में तनाव का माहौल हो गया क्योंकि रॉकेट से कोई डेटा नहीं आ रहा था. इसरो के एक अधिकारियों ने घोषणा की कि क्रायोजेनिक इंजन के प्रदर्शन में विसंगति थी.
गुरुवार को हुआ यह प्रक्षेपण पहले इस साल अप्रैल या मई महीने में होना था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण इसको टाल दिया गया था. GSLV-F10/EOS-03 अभियान के लिए उल्टी गिनती बुधवार भोर तीन बजकर 43 मिनट पर शुरू हो गई थी.
मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य नियमित समय पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना और कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों और आपदा चेतावनी देना, चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने आदि के बारे में जानकारी हासिल करना था.
कहा जा रहा है कि EOS-03 सफल तरीके से ऑर्बिट में स्थापित हो जाता तो हर रोज देश की तीन से चार तस्वीरें भेजता. इस सैटेलाइट के जरिए चीन और पाकिस्तान से सटे इलाके की तस्वीर भी ली जा सकती. इसी कारण इस सैटेलाइट को "आई इन द स्काई" भी कहा जा रहा है.
यह मिशन इस साल का दूसरा मिशन था. इस साल पहला मिशन 28 फरवरी को सफलता के साथ इसरो ने अंजाम दिया था. भारतीय रॉकेट श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ था.