नहर का रहस्य: वेनिस में ग्रैंड कनाल का पानी हरा हो गया
वेनिस में पुलिस एक दिलचस्प मामले की तहकीकात कर रही है. जांच का विषय है, ग्रैंड कनाल के पानी का रंग जो कि एकाएक चमकीले हरे रंग में बदल गया. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि इसके पानी का रंग बदला हो.
बिना देरी किए जांच शुरू
28 मई को वेनेतो प्रांत के प्रेसिडेंट लूका जाया ने इस बारे में एक ट्वीट किया है. उन्होंने बताया कि ग्रैंड कनाल के एक हिस्से में पानी चमकीले हरे रंग का हो गया. प्रशासन ने तत्काल पुलिस के साथ एक बैठक बुलाई. पर्यावरण संरक्षण एजेंसी एआरपीए ने जांच के लिए रिआल्तो ब्रिज के आसपास से पानी का नमूना लिया.
जलवायु प्रदर्शनकारियों का हाथ होने की आशंका
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला. नाविकों से भी पूछा गया कि क्या उन्होंने कोई संदिग्ध गतिविधि देखी है. सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के अनुमान लगाने लगे. एक आशंका थी कि इसके पीछे जलवायु प्रदर्शनकारियों का हाथ हो सकता है.
खतरे की बात नहीं
जांच से पता चला है कि रंगीन पानी के दूषित होने का खतरा नहीं है. अनुमान है कि पानी का रंग किसी तरह की कलरिंग के बदला हुआ. हालांकि प्रेसिडेंट लूका जाया ने आलोचना करते हुए यह भी कहा कि वेनिस ऐक्टिविज्म का मंच बन गया है. पर्यावरण संरक्षण समूह इटली में काफी सक्रिय हैं.
क्लाइमेट ऐक्टिविजम
कुछ ही दिन पहले एक पर्यावरण संरक्षण समूह ने रोम के 18वीं सदी के त्रेवी फाउंटेन में चारकोल डाल दिया था. इसमें शामिल ऐक्टिविस्ट्स ने जीवाश्म ईंधनों को दी जा रही पब्लिक सब्सिडी पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि इटली में आई ताजा बाढ़ का कारण भी जलवायु संकट है.
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
1968 में अर्जेंटीना के कलाकार निकोलस गार्सिया ने पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए फ्लोरेसेंट डाई की मदद से ग्रैंड कनाल के पानी को हरे रंग में रंग दिया था.