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रूस से संबंध के आरोप में जर्मन साइबर सुरक्षा प्रमुख बर्खास्त

१९ अक्टूबर २०२२

जर्मनी के साइबर सुरक्षा प्रमुख आर्ने शॉनबोम को मंगलवार को पद से बर्खास्त कर दिया गया. उन पर रूसी खुफिया एजेंसियों से लिंक के आरोप लगे हैं.

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Arne Schönbohm beim BSI
53 साल के आर्ने शॉनबोहम, सूचना सुरक्षा के फेडरल ऑफिस (बीएसआई) का नेतृत्व कर रहे थे.तस्वीर: Rolf Vennenbernd/dpa/picture alliance

जर्मनी के साइबर सुरक्षा प्राधिकरण के चीफ आर्ने शॉनबोम को मंगलवार को बर्खास्त कर दिया गया. उन पर रूसी खुफिया एजेंसियों से संबंधों के आरोप लगे हैं. दिलचस्प है कि टीवी पर प्रसारित होने वाले एक सटायर शो में सबसे पहले उन पर ये आरोप लगाये गये थे. अक्टूबर की शुरूआत में इस शो के प्रसारित होने के बाद वे संदेह के घेरे में आये. जर्मन गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक जर्मन मीडिया में शॉनबोम पर लगे आरोपों ने इतना तूल पकड़ा कि उन्हें पद से हटाना ही पड़ा.

मंगलवार को जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने उन्हें "तत्काल प्रभाव से" पद से हटाने की घोषणा कर दी है.

BSI-Präsident Arne Schönbohm und Innenministerin Faeser
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर के साथ आर्ने शॉनबोहम.तस्वीर: Rolf Vennenbernd/dpa/picture alliance

क्या है आरोप?

53 साल के शॉनबोम, सूचना सुरक्षा के फेडरल ऑफिस (बीएसआई) का नेतृत्व कर रहे थे. उन पर एक संस्था साइबर सिक्योरिटी काउंसिल जर्मनी के जरिये रूस की  खुफिया एजेंसियों से जुड़े होने का आरोप है. 2012 में शॉनबोम ने को-फाउंडर के तौर पर इसकी नींव रखी थी.

इस साल मार्च तक बर्लिन स्थित इसी संस्था की सदस्य प्रोटेलियन नाम की एक कंपनी इंफोटेक्स के सहायक कंपनी के तौर पर चलाई जा रही थी. मार्च के बाद इसकी सदस्यता रद्द कर दी गई. प्रोटेलियन एक साइबर सिक्योरिटी फर्म है वहीं, इंफोटेक्स एक रूसी कंपनी है जिसकी नींव रूसी इंटेलिजेंस सर्विस के एक पूर्व सदस्य ने रखी थी.

हालांकि, यह साफ सामने नहीं आया है कि शॉनबोम को बर्खास्त करने के पीछे उनका कोई गलत काम है, या सिर्फ एजेंसियों के साथ लिंक के आरोपों को उनकी बर्खास्तगी का आधार बनाया गया है.

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बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, "शॉनबोम के खिलाफ कथित आरोपों ने जर्मन साइबर सुरक्षा प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के नेतृत्व की तटस्थता और निष्पक्षता पर जनता के जरूरी भरोसे को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाया." मंत्रालय ने कहा, यूक्रेन में रूस जिस तरह से हाइब्रिड युद्ध के साथ आगे बढ़ रहा था, उसे देखते हुए ये भरोसा और भी अहम था.

साइबर सिक्योरिटी काउंसिल के हेड हैंस-विल्हेम डन ने आरोपों को "बेतुका" बताया है.

जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग में ग्रीन पार्टी की सुरक्षा नीति की प्रवक्ता, सारा नन्नी ने ट्वीट किया कि शॉनबोम की बर्खास्तगी एक "अच्छा फैसला" था. उदारवादी एफडीपी पार्टी के प्रवक्ता मानुएल होफरलिन ने चेताया है कि ''हमारे अहम बुनियादी ढांचे पर हालिया हमले और रूस से खतरे के बीच" देश की साइबर सुरक्षा की शीर्ष अथॉरिटी को ठप्प नहीं हो जाना चाहिये." विपक्षी दल सीडीयू का कहना है कि शॉनबोम को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है.

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अब आगे क्या?

फिलहाल, गृह मंत्रालय ने यह तय नहीं किया है कि शॉनबोम की जगह कौन लेगा. मंत्रालय ने ये भी कहा है कि आरोपों की गहन जांच की जाएगी लेकिन शॉनबोम, ''जांच पूरी होने तक निर्दोष''  माने जाएंगे. मीडिया संस्थान डेयर श्पीगल को मंगलवार को दिए इंटरव्यू में शॉनबोम ने बताया कि वे खुद इस मुद्दे को स्पष्ट करने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा, उन्हें नहीं पता कि "मंत्रालय ने क्या जांच की है और मेरे खिलाफ ठोस आरोप क्या हैं."   

जर्मनी की साइबर सुरक्षा को खतरा

जर्मनी ने हाल के सालों में बार-बार रूस पर ऑनलाइन जासूसी की कोशिशों का आरोप लगाया है. दोनों देशों के बीच यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद तनाव तेज हुआ है.

अब तक की सबसे हाई-प्रोफाइल घटना 2015 में एक साइबर हमले की थी,  जिसने बुंडेस्टाग के कंप्यूटर नेटवर्क को शिकार बनाया था. पूरे संस्थान को कुछ दिनों के लिए ऑफलाइन करना पड़ा था. हालांकि, रूस इससे इनकार करता है.

पिछले हफ्ते, देश के उत्तरी भाग में रेल नेटवर्क कुछ समय के लिए ठप्प हो गया था. दो जगहों पर केबल काट दिए गए थे, जिससे रेल सेवाएं तीन घंटे के लिए ठप्प हो गईं और हजारों यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई. इसके लिए कुछ अधिकारियों ने रूस पर उंगली उठाई थी.

पिछले महीने हुए विस्फोटों के पीछे भी रूस पर शक जताया गया. विस्फोटों से नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 गैस पाइपलाइनें लीक हो गई थीं. यह पाइपलाइन रूस को जर्मनी से जोड़ता है.

बीएसआई ने चेतावनी दी है कि कंपनियों, व्यक्तियों और अहम बुनियादी ढांचों के रूसी साइबर हमले की चपेट में आने का खतरा है.

(डीपीए/एएफपी)