1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गैस चूल्हे से है दमे की बीमारी का खतरा

१ जुलाई २०२३

बहुत तेज आंच पर इस्तेमाल किए गए सिंगल गैस बर्नर चूल्हे से ज्यादा मात्रा में बेंजीन केमिकल निकलता है. बेंजीन कैंसर की एक वजह बन सकता है.

https://p.dw.com/p/4THYt
घरों में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला गैस का चूल्हा दमे समेत कईं बीमारियों को जन्म दे सकता है
घरों में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला गैस का चूल्हा दमे समेत कईं बीमारियों को जन्म दे सकता हैतस्वीर: Robin Utrecht/picture alliance

बहुत तेज आंच पर इस्तेमाल किए गए सिंगल गैस बर्नर चूल्हे से बहुत ज्यादा मात्रा में बेंजीन रसायन निकलता है. बेंजीन दमा समेत कई तरह की खतरनाक बीमारियों की एक वजह बन सकता है.

आमतौर पर घरों में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला गैस का चूल्हा दमे समेत कईं बीमारियों को जन्म देता है. इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है लेकिन अमेरिका में हुआ शोध इसका दावा करता है.

स्टैनफर्ड रिसर्चरों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि इन चूल्हों से निकलने वाले हानिकारक गैसों से सांस की बीमारियों के अलावा भी कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. इनमें ल्युकेमिया और लिंफोमा जैसे कैंसर भी शामिल हैं. चूल्हे का एक भी हॉब अगर 45 मिनट तक खुला छोड़ दिया जाए तो वह बेंजीन के स्तर को इतना बढ़ा सकता जिसका असर किसी सिगरेट पीने वाले के बगल में खड़े रहने से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

रसोईघर से निकलने वाली बेंजीन पूरे घर में फैलकर नुकसान पहुंचा सकती है
तस्वीर: Action Pictures/IMAGO

नशा हो तो खाना बनाने के लिए ये रेसिपी आजमायें

बेंजीन का हानिकारक असर

इस अध्ययन में चूल्हे से निकलने वाली बेंजीन गैस को काफी हानिकारक बताया गया है. यह केवल रसोईघर तक सीमित नहीं रहती बल्कि धीरे-धीरे पूरे घर में फैलकर, दूसरे कमरों में रह रहे लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. उदाहरण के लिए, चूल्हे के बंद होने के बाद भी बेडरूम में बेंजीन खतरनाक मात्रा  में घंटों तक हवा में रहता है. इससे पैदा हुए प्रदूषण की तुलना किसी तेल या गैस सयंत्र के नजदीकी इलाकों में होने वाले प्रदूषण से की जा सकती है और यह इलेक्ट्रिक तारों वाले चूल्हे से 10 से 25 फीसदी ज्यादा है. रिसर्चरों का दावा है कि इंडक्शन चूल्हों से इतनी मात्रा में बेंजीन निकलने का कोई सुबूत नहीं है.

इस शोध के लिए 2022 में कैलिफोर्निया और कोलोराडो के 87 घरों में गैस और प्रोपेन के चूल्हों का अध्ययन किया गया. पता चला कि 30 प्रतिशत रसोईघरों में एक सिंगल गैस बर्नर चूल्हा जो हाई सेटिंग पर इस्तेमाल किया गया, उससे इतनी ज्यादा बेंजीन निकली जो किसी सिगरेट पीते इंसान के बगल में खड़े होकर धुआं निगलने से कहीं ज्यादा नुकसानदायक है. यह अमेरिका में 'एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी' (ईपीए) और विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए स्वास्थ्य मानकों से कहीं ज्यादा है. यह रिसर्च पेपर 'एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

अपनी रसोई गैस खुद बनाएं

गैस चूल्हे या विलेन

एक और रिसर्च में अमेरिका में छोटे बच्चों में दमा के लगभग 13 प्रतिशत मामलों को घर में गैस चूल्हे से जोड़ा गया. सेहत के लिए ही नहीं, गैस के चूल्हे जलवायु के लिए भी एक खतरा हैं. स्टैनफर्ड ने पहले एक अध्ययन में यह कहा था कि गैस के चूल्हे से मीथेन और दूसरे हानिकारक गैस का रिसाव होता है, तब भी जब वह बंद हों. मीथेन एक अति-शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करती है.

गैस की किल्लत से लकड़ी के चूल्हे पर वापस लौटने की मजबूरी

यह रिसर्च रिपोर्ट लिखने वाले रॉब जैक्सन ने कहा, "जहां घरों में अच्छा वेंटिलेशन प्रदूषक की मात्रा को काम करने में मदद करता है, वहीं एग्जॉस्ट पंखे बेंजीन की मात्रा को घटाने में ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए," 2013 में किए गए एक मेटा-विश्लेषण में यह सामने आया कि गैस चूल्हों वाले घरों में रह रहे बच्चों में दमा का खतरा उन बच्चों के मुकाबले 42 प्रतिशत ज्यादा है जो बिना गैस चूल्हे के घरों में रहते हैं. वहीं 2022 के एक विश्लेषण में पता चला कि अमेरिका में लगभग 12.7 प्रतिशत बच्चों में दमा का कारण गैस का चूल्हा है.

एचवी/एसबी (रॉयटर्स)