1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जी20: नई दिल्ली घोषणा पर सहमति का एलान

९ सितम्बर २०२३

जी20 का पहला दिन 55 देशों वाले अफ्रीकी यूनियन की सदस्यता और नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सर्वसम्मत सहमति का दिन रहा. लेकिन न तो यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा की गई और न ही जीवाश्म ऊर्जा का इस्तेमाल रोकने की बात कही गई है.

https://p.dw.com/p/4W8vm
जी20 बैठक में प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली घोषणा में हरित विकास और बहुपक्षीयवाद पर बल देने की बात कही गई है.

भारत के प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन में गंभीर चेहरे के साथ एक ऐसी घोषणा की जिसकी इतनी जल्दी उम्मीद नहीं की जा रही थी. उन्होंने कहा, "फ्रेंड्स अभी अभी खुशखबरी मिली है कि हमारी टीम्स के हार्डवर्क और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी-20 लीडर्स डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है.

मेरा प्रस्ताव है कि इस लीडर्स डिक्लेरेशन को भी एडॉप्ट किया जाए." कुछ क्षणों के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच इस डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किए जाने की घोषणा की.

उसके दस मिनट के बाद भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने ट्वीट किया कि जी20 देशों की नई दिल्ली घोषणा का फोकस सुदृढ़, सस्टेनेबल, संतुलित और समावेशी विकास के अलावा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर प्रगति को तेज करना, टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए मल्टीलैटरल संस्थान और मल्टीलैटरलिज्म पर फिर से बल देना शामिल है.

अमिताभ कांत ने अपने दूसरे ट्वीट में इस घोषणा को ऐतिहासिक और राह दिखाने वाला बताते हुए कहा कि सभी विकास संबंधी और भूराजनैतिक मुद्दों पर सौ फीसदी सहमति रही है. उन्होंने लिखा कि घोषणा के भूराजनैतिक हिस्से आज की दुनिया में धरती, लोगों, शांति और समृद्धि के लिए ताकतपूर्ण आह्वान है.

ओलाफ शॉल्त्स भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ
घोषणा पत्र के यूक्रेन वाले हिस्से पर टिप्पणी देते हुए जर्मनी के चांसलर शॉल्त्स ने कहा कि यहां यूक्रेन पर रूसी हमले की फिर से बात होना अहम हैतस्वीर: Evan Vucci/REUTERS

यूक्रेन पर सर्वसम्मति से पास हुआ बयान

इस बैठक में चीन ने जी20 के देशों से अर्थव्यवस्था और पर्यावरण सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने की अपील की. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह सम्मेलन में भाग ले रहे प्रधानमंत्री ली कियांग ने समाचार एजेंसी शिनहुआ के अनुसार कहा कि औद्योगिक और विकासमान देशों को एकता और सहयोग के अपने शुरुआती विचार पर कायम रहना चाहिए. एजेंसी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि क्या ली कियांग ने यूक्रेन पर रूसी हमले की बात की या नहीं. चीन का कहना है कि यूक्रेन पर उसकी स्थिति साफ है और वही रहेगी. 
साझा घोषणा पत्र में सदस्य देशों के राज्य व सरकार प्रमुखों ने यूक्रेन में इलाकाई जीत के लिए हिंसा के इस्तेमाल की निंदा की है. हालांकि घोषणा पत्र में यूक्रेन पर रूसी हमले का जिक्र नहीं है. जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार घोषणा पत्र में यूक्रेन वाले हिस्से में रूस के साथ साथ पश्चिमी देशों की मांगों का ख्याल रखा गया है. पिछले साल की तरह हमले की निंदा नहीं की गई है लेकिन संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव की ओर ध्यान दिलाया गया है. प्रतिबंधों में ढील देने की रूस की मांग के मद्देनजर रूस और यूक्रेन से अनाज, खाद्य सामग्री और खाद की फौरी और बेरोकटोक आपूर्ति संभव बनाने की अपील की गई है.  

पहली बैठक में पर्यावरण संरक्षण

शिखर सम्मेलन की पहली बैठक वैश्विक पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित थी. भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लाइफस्टाइल ऑफ इनहायर्नमेंट मिशन, ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी पहलकदमियों की चर्चा की. उन्होंने ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव पर काम शुरू करने के साथ साथ जी20 सैटेलाइट मिशन फॉर इनबायर्नमेंट एंड क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया.
जी20 के नेताओं की घोषणा में अक्षय ऊर्जा की विश्वव्यापी क्षमता को तिगुना करने के प्रयासों को समर्थन देने की बात कही गई है. घोषणा में फोसिल ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल रोकने की मांग नहीं की गई है लेकिन कहा गया है, “हम जलवायु परिवर्तन सहित पर्यावरण संकटों और चुनौतियों से निबटने के लिए अपने कदमों को फौरन तेज करने का वचन देते हैं.

सहमति की राह

भारत की राजधानी में दुनिया की 20 आर्थिक शक्तियों की शिखर भेंट शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद शीर्ष नेताओं की साझा घोषणा पर सहमति हो गई. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पश्चिमी देशों और रूस के बीच बिगड़े संबंधों के कारण सहमति को मुश्किल बताया जा रहा था. साझा घोषणा की विस्तृत जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन साझा घोषणा में शब्दों के चुनाव को लेकर बढ़ते मतभेदों के कारण पिछले सालों में जी-20 देशों के बीच सहमति लगातार मुश्किल होती रही. यूक्रेन युद्ध ने मतभेदों को और बढ़ा दिया है.
शनिवार को अफ्रीकी यूनियन को भी जी-20 में शामिल कर लिया गया. अब तक इसके 19 देश और यूरोपीय संघ सदस्य थे. अब तक जी-20 में पश्चिमी देशों का दबदबा था, जो अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने के बाद संतुलित हो जाएगा. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने नई दिल्ली घोषणापत्र पास होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जी20 सम्मेलन बहुत कामयाब रहा है. उन्होंने कहा, "ये भारतीय कूटनीति और हमारे सहयोग की सफलता है." अफ्रीकी यूनियन के जी20 में शामिल होने पर टिप्पणी करते हुए जर्मन चांसलर ने कहा कि ये बहुत बड़ी छलांग है कि अफ्रीकी यूनियन जी20 का हिस्सा बन पाया है.

घोषणा पत्र के यूक्रेन वाले हिस्से पर टिप्पणी देते हुए शॉल्त्स ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण था कि यहां यूक्रेन पर रूसी हमले की फिर से बात हुई. चांसलर ने कहा, "हम यूक्रेन का तब तक समर्थन करते रहेंगे जब तक जरूरी होगा."जर्मनी की ओर से चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वित्त मंत्री क्रिश्टियान लिंडनर भी शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. 

एमजे/एसबी(रॉयटर्स, एएफपी)