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राजनीतिजापान

जापान के प्रधानमंत्री ने अपने बेटे को किया बर्खास्त

स्वाति मिश्रा
३१ मई २०२३

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपने बेटे शोतारो किशिदा को अपने सेक्रेटरी पद से बर्खास्त कर दिया है. शोतारो, फुमियो किशिदा के बड़े बेटे हैं. वह पीएम के एक्जिक्यूटिव पॉलिसी सेक्रेटरी भी थे.

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जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा अपने बेटे शोतारो किशिदा के साथ
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा अपने बेटे शोतारो किशिदा के साथतस्वीर: The Yomiuri Shimbun/AP Photo/picture alliance

इस्तीफे की वजह है एक पार्टी की तस्वीरें. इनमें शोतारो कुछ रिश्तेदारों के साथ पीएम के आधिकारिक आवास पर पार्टी करते दिख रहे हैं. शोतारो और बाकी मौजूद लोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का अभिनय कर रहे हैं.

इन तस्वीरों को शुकान बुनशुन नाम के एक मैगजीन ने छापा. इनमें शोतारो और उनके लगभग 10 रिश्तेदार पीएम आवास के लाल कालीन से ढकी सीढ़ियों पर बैठे हैं. ये सीढ़ियां सांकेतिक तौर पर काफी अहम मानी जाती हैं. शोतारो की तस्वीरें नई कैबिनेट नियुक्तियों की सामूहिक तस्वीरों की नकल बताई जा रही हैं. इनमें शोतारो बीच में उस जगह पर बैठे दिखते हैं, जो पीएम के लिए आरक्षित होती है. इन तस्वीरों के सामने आने के बाद लोगों में काफी नाराजगी दिखी. ऐसे में फुमियो किशिदा ने शोतारो को बर्खास्त कर दिया.

विपक्ष ने आलोचना की

30 मई की रात पीएम किशिदा ने इस मामले पर कहा, "प्रधानमंत्री के राजनैतिक मामलों के सचिवऔर सार्वजनिक पद के तौर पर उसका व्यवहार अनुचित था और मैंने उसे हटाने का फैसला किया, ताकि वह जिम्मेदारी  ले." किशिदा ने बताया कि वह ताकायोशि यामामोतो को सचिव बनाएंगे, जो लंबे समय से उनके निजी सहयोगी रहे हैं.

इस घटना का वक्त किशिदा के लिए अनुकूल नहीं है. हिरोशिमा में हुई हालिया जी7 मीटिंग के बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी. मगर विपक्ष उनकी आलोचना करता है. कॉन्स्टिट्यूशनल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ जापान, देश का सबसे बड़ा विपक्षी दल है. इसके नेता सेजी ओसाका ने कहा है कि शोतारो को पहले ही बर्खास्त किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, "यह बहुत देर से हुआ है. मुझे संदेह है कि किशिदा ने किसी ऐसे शख्स को नियुक्त किया है, जो प्रधानमंत्री के सहायक के इस पद पर होने योग्य नहीं है."

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इमारत को लेकर कई अफवाहें हैं

प्रधानमंत्री के जिस आधिकारिक आवास का अनुचित इस्तेमाल करने पर पीएम किशिदा ने बेटे को बर्खास्त किया, उसकी कहानी दिलचस्प है. करीब 5,000 स्क्वायर किलोमीटर में फैला यह आवास 1929 में बनकर तैयार हुआ था. 1923 में आए कांटो भूकंप से बहुत तबाही हुई थी. उसी भूकंप के बाद पत्थर और ईंट की इस इमारत का निर्माण हुआ. इसे जापान के 20वीं सदी के आधुनिकतावाद के उभार के तौर पर देखा गया.

विवाद के बाद शोतारो किशिदा को पद से हटाया गया
विवाद के बाद शोतारो किशिदा को पद से हटाया गयातस्वीर: The Yomiuri Shimbun/AP Photo/picture alliance

बाद के दशकों में यह इमारत कई घटनाओं के केंद्र में रही. 1932 में यहां तख्तापलट की एक कोशिश हुई. इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इनुकाई श्योशी मारे गए. नौसेना के कई अधिकारियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. चार साल बाद 1936 में "फरवरी 26" घटना हुई. इंपीरियल आर्मी के एक धड़े ने तख्तापलट की एक कोशिश के दौरान वित्तमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या कर दी.

तब से ही इस इमारत को लेकर कई अफवाहें हैं. कई लोग मानते हैं कि यहां भूत रहते हैं. ब्रिटिश अखबार टेलिग्राफ की एक खबर के मुताबिक, पूर्व पीएम कोईजूमी अफवाहों से इतने चिंतित थे कि 2001 में यहां आकर रहने से पहले उन्होंने एक पुजारी को आवास पर बुलाकर झाड़-फूंक करवाया. उनका मानना था कि झाड़-फूंक असरदार रहा.

"संसद ज्यादा डरावना है"

किशिदा, दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में रहने आए. 2012 में योशिहिको नोदा के बाद किशिदा यहां रहने वाले पहले प्रधानमंत्री बने. योशिहिको नोदा जब यहां रहते थे, तब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने उनसे सवाल किया था कि क्या कभी उन्हें यहां डर लगा. इसपर योशिहिको ने कहा था, "संसद कहीं ज्यादा डरावना है."

किशिदा से पहले प्रधानमंत्री रहे योशिहिदे सुगा संसद सदस्यों के लिए बने आवासीय कॉम्प्लैक्स में और शिंजो आबे टोक्यो के अपने निजी आवास में रहते थे. खबरों के मुताबिक, 2013 में एक विपक्षी नेता ने तत्कालीन पीएम शिंजो आबे से पूछा कि वह आधिकारिक आवास में क्यों नहीं रहते. तब आबे ने कहा था कि उन्हें अफवाहों की जानकारी नहीं थी. बाद में जब किशिदा यहां रहने लगे, तो उनसे उनका अनुभव पूछा गया. इसपर किशिदा ने कहा कि वह अच्छे से सोये.