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पद से चिपके जर्मन मेयर को जनता ने दरवाजा दिखाया

७ नवम्बर २०२२

फ्रैंकफर्ट की जनता ने जनमत संग्रह के जरिए मेयर को पद से हटा दिया है. भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप झेलने वाले नेता को हटाने का यह दुर्लभ मामला है.

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पेटर फेल्डमन
तस्वीर: rheinmainfoto/IMAGO

फ्रैंकफर्ट के मेयर पेटर फेल्डमन पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप हैं. सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के नेता फेल्डमान पर कई महीनों से इस्तीफे का दबाव बन रहा था, लेकिन वो पद छोड़ने में आनाकानी करते रहे.

रविवार को शहरवासियों ने फेल्डमन के पद पर बने रहने को लेकर जनमत संग्रह में हिस्सा लिया. बैलेट पेपर पर लिखा हुआ था कि, "क्या आप फ्रैंकफर्ट शहर के मेयर, मिस्टर पेटर फेल्डमन के डिसलेक्शन के पक्ष में वोट डाल रहे हैं?" 95 फीसदी से ज्यादा लोगों ने इसका जवाब "हां" में दिया.

शुरुआती नतीजे रविवार रात ही शहर प्रशासन की वेबसाइट पर डाल दिये गये. फ्रैंकफर्ट शहर की आबादी करीब पांच लाख है. शहर के ज्यादातर निवासियों को जनमत संग्रह में हिस्सेदारी का न्योता दिया गया था.

शुरुआती नतीजों के सामने आने के बाद 64 साल के राजनेता फेल्डमन ने हार मान ली. फेल्डमन ने कहा, "इसका मतलब है कि मैं शुक्रवार को मेयर नहीं रहूंगा." नतीजों का आधिकारिक रूप से एलान 11 नवंबर को शुक्रवार के दिन किया जाएगा.

पेटर फेल्डमन
पेटर फेल्डमनतस्वीर: rheinmainfoto/IMAGO

पद का दुरुपयोग करने के आरोप

भ्रष्टाचार के आरोप में फेल्डमन पर फ्रैंकफर्ट की अदालत में मुकदमा भी चल रहा है. उन पर पद का दुरुपयोग करते हुए कुछ करीबियों को बहुत ज्यादा तनख्वाह देने के आरोप हैं. इनमें से एक महिला, पहले उनकी पार्टनर थी और बाद में पत्नी बनी. मोटी तनख्वाह शहर के सार्वजनिक बजट से दी गई. इन आरोपों के कारण समय समय पर फेल्डमन कोर्ट के कठघरे में होते रहे हैं, जहां वे धांधली से इनकार करते हैं.

यूरोप के दिग्गज फुटबॉल क्लबों में शुमार आइनट्राख्ट फ्रैंकफर्ट के साथ भी मई 2022 में फेल्डमन का बड़ा विवाद हुआ. फेल्डमन ने यूरोपा कप जीतने के बाद आधिकारिक समारोह में टीम से जबरदस्ती ट्रॉफी छीनीं. इसके बाद टीम मैनेजटमेंट ने अपने स्टेडियम में फेल्डमन की एंट्री बैन कर दी. बाद में फेल्डमन ने इसके लिए माफी मांगी.

यूरोपा कप के साथ आइनट्राख्ट फ्रैंकफर्ट
यूरोपा कप के साथ आइनट्राख्ट फ्रैंकफर्टतस्वीर: Claus/HMB-Media/IMAGO

जिद्दी मेयर को जनता का सबक

फेल्डमन को पद से हटाने के लिए शहर के पार्षदों ने भी वोटिंग की. लेकिन उन्होंने पार्षदों की वोटिंग को अस्वीकार कर दिया. तमाम राजनेताओं समेत एसपीडी ने भी फेल्डमन से इस्तीफा देने की अपील की, लेकिन असर नहीं हुआ. वह बार बार कहते रहे कि उन्होंने शहर के लिए बहुत कुछ किया है. कोई हल नहीं निकलने के बाद आखिरकार राइट टू रिकॉल के तहत जनमत संग्रह कराया गया.

फ्रैंकफर्ट, जर्मन प्रांत हेसे की राजधानी भी है. हेसे के कानून एसोसिएशन ऑफ सिटीज के मुताबिक किसी नेता को वोटिंग के जरिए पद से हटाने का प्रावधान बेहद दुर्लभ है. जर्मनी में इससे पहले 2003 में इसी तरह फ्रैंकफर्ट के पड़ोसी शहर हनाऊ के मेयर मारग्रेट हेएर्टल को हटाया गया था. उन पर गैरकानूनी तरीके से पद का लाभ उठाने के आरोप थे. हेएर्टल ने अपने निष्कासन के खिलाफ प्रशासनिक कोर्ट में अपील भी की, लेकिन अदालत ने उनके केस को खारिज कर दिया.

हेएर्टल के केस से फेल्डमन को भी सबक मिला है. फिलहाल उन्होंने किसी तरह की अदालती लड़ाई का संकेत नहीं दिया है. 

ओएसजे/एनआर (डीपीए, एपी)