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राजनीतिफ्रांस

टीचर की हत्या के बाद फ्रांस में सेना की तैनाती

१४ अक्टूबर २०२३

फ्रांस में उच्च स्तर का अलर्ट घोषित कर दिया है और 7,000 सैनिकों की तैनाती की जा रही है. चाकू से हमले में टीचर की मौत के बाद यहां चिंता काफी ज्यादा बढ़ गई है.

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फ्रांस में सेना की तैनाती की गई है
चाकू से हमले के बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी, हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया हैतस्वीर: Pascal Rossignol/REUTERS

शुक्रवार को उत्तरपूर्वी टाउन अरास में एक टीचर को 20 साल के एक आदमी ने चाकू मार दिया. चाकूबाजी की इस घटना में तीन अन्य लोग घायल भी हुए. इनमें गार्ड और सफाईकर्मी शामिल हैं. हमले में कोई छात्र घायल नहीं हुआ है. टीचर की मौत हो गई. फ्रांसीसी टीचर का नाम डोमिनिक बर्नार्ड था. पुलिस ने संदिग्ध हमलावर मोहम्मद मोगुशकोव को गिरफ्तार कर लिया है. वह "अल्लाह-हो-अकबर" के नारे लगा रहा था. शनिवार को पुलिस 10 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें मोगुशकोव और उसके परिवार के कई सदस्य शामिल हैं.

फ्रांस के अधिकारियों ने इस घटना का संबंध मध्यपूर्व की हिंसा से होने की आशंका जताई है
चाकूबाजी में टीचर की मौत के बाद स्कूल के पास जमा लोगतस्वीर: Pascal Rossignol/REUTERS

"इस्लामी आतंकवाद"

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे "इस्लामी आतंक" करार दिया है. राष्ट्रपति माक्रों ने घटना के बाद स्कूल का दौरा किया. उनका कहना है, "स्कूल इस्लामी आतंकवाद की क्रूरता की चपेट में आया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित ने हमलावर को रोकने की हिम्मत दिखा कर, "शायद कई लोगों की जान बचा ली." माक्रों ने बताया कि पेरिस के पास के एक इलाके में इसी तरह के दूसरे हमले को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया. गृह मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रपति का इशारा एक कट्टर आदमी की गिरफ्तारी की तरफ था जिसे प्रतिबंधित हथियार के साथ प्रार्थना कक्ष के बाहर निकलते हुए पकड़ा गया.

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राष्ट्रपति के दफ्तर एलिसी पैलेस से दी गई जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम तक ऑपरेशन सेंटिनेल सैनिकों की तैनाती पूरी हो जाएगी. सेंटीनेल, फ्रेंच सेना का एक अभियान है जिसमें सैनिकों, पुलिस और जॉन्दार्मरी के लोग शामिल हैं. जनवरी 2015 की घटना के बाद इस अभियान  की रचना की गई और इसके तहत आतकंवाद के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में जरूरत पड़ने पर इनकी तैनाती की जाती है. जॉन्दार्मरी, फ्रांस की सेना का एक अंग है जो नागरिक की आबादी में रह कर काम करता है.

फ्रांस में हुए चाकू हमले में टीचर की मौत के बाद हाई अलर्ट
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने घटना के बाद स्कूल का दौरा कियातस्वीर: Ludovic Marin/abaca/picture alliance

मध्यपूर्व की हिंसा से संबंध

अधिकारियों को ऐसा लग रहा है कि इस हमले का मध्य पूर्व की हिंसा से संबंध हो सकता है. गृह मंत्री जेराल्ड दारमानां ने बाद में कहा, "मध्यपूर्व में जो कुछ हो रहा है उसका इस घटना से कोई सबंध हो सकता है." शुक्रवार को माक्रों की अध्यक्षता में फ्रांस की सुरक्षा मामले पर बैठक हुई थी. इसके बाद देश में अलर्ट की स्थिति को सर्वोच्च स्तर पर बढ़ा दिया गया है. फ्रांस में फलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. हालांकि लोग नियम तोड़ कर प्रदर्शन करने निकल रहे हैं. गुरुवार को पेरिस में हजारों लोग फलीस्तीन के समर्थन में नारे लगाते हुए जमा हो गए. पुलिस को उन्हें हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

फ्रांस के राष्ट्रीय आतंकविरोधी अभियोजक ने घोषणा की है कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक मोगुशकोव रूसी था और नॉर्थ काकेसस के मुस्लिम बहुल इंगुशेतिया रिपब्लिक में पैदा हुआ था. फ्रेंच नेशनल रजिस्टर में पहले से ही उसका नाम सुरक्षा खतरे के रूप में दर्ज था. फ्रांस की घरेलू खुफिया एजेंसी उसकी इलेक्ट्रॉनिक और शारीरिक निगरानी कर रही थी. बीते सालों में फ्रांस में कई आतंकवादी हमले हुए हैं.

एनआर/एडी (एएफपी)