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टाटा से निकाले गए पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन

५ सितम्बर २०२२

टाटा ग्रुप के सबसे विवादित चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री का एक कार दुर्घटना में निधन हो गया. उनके साथ कार में तीन और लोग सवार थे.

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Indien Cyrus Pallonji Mistry
तस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन 54 वर्षीय उद्यमी साइरस मिस्त्री के निधन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है. मिस्त्री की रविवार को मुंबई के पास एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई.

टाटा में अपने कार्यकाल के विवादास्पद खात्मे के कारण 2016 में लगातार सुर्खियों में रहे साइरस मिस्त्री ने 300 अरब डॉलर की कंपनी टाटा के साथ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, जिसे आखिर वे हार गए थे.

महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक मुंबई से करीब 135 किलोमीटर दूर पालघर में रविवार दोपहर को उनकी कार एक हादसे का शिकार हो गई. पालघर जिले के पुलिस अधिकारी बी पाटील ने बताया कि मिस्त्री गुजरात से मुंबई जा रहे थे. उस वक्त कार में तीन अन्य लोग भी सवार थे.

पाटील ने बताया कि हादसा दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे हुआ जब कार चारोटी इलाके में एक डिवाइडर से टकरा गई. उन्होंने कहा, "यह हादसा करीब 3.15 बजे हुआ जब मिस्त्री मुंबई जा रहे थे. यह एक्सीडेंट सूर्य नदी पर एक पुल के ऊपर हुआ. देखने में यह दुर्घटना ही लगती है.”

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मिस्त्री के साथ कार में टाटा कंपनी के स्वतंत्र निदेशक डेरियस पैंडोल भी थे. पैंडोल ने मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने का विरोध किया था और उनके साथ ही कंपनी छोड़ दी थी. डेरियस की पत्नी और जानी-मानी महिला रोग विशेषज्ञ अनाहिता पैंडोल के साथ-साथ डेरियस के भाई जहांगीर पैंडोल भी कार में सवार थे. जहांगीर की भी हादसे में मौत हो गई जबकि पैंडोल दंपत्ति को वापी में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में मुंबई में ले जाया गया.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उन्होंने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "डीजीपी से बात की है और विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं.”

हर ओर शोक

कई नेताओं, उद्योगपतियों और जानी-मानी हस्तियों ने मिस्त्री के निधन पर शोक जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर लिखा, "वह उद्योग जगत के एक संभावनाशील नेता थे, जो भारत की आर्थिक शक्ति में विश्वास रखते थे. उनका निधन उद्योग और वाणिज्य जगत के लिए बड़ा नुकसान है.”

मिस्त्री के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष बनने वाले एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि उन्हें इस दुर्घटना पर गहरी उदासी हुई है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, "साइरस मिस्त्री के इस औचक और असमय निधन से गहरा शोक हुआ. उनमें जिंदगी के प्रति जुनून था और यह बेहद दुखद है कि वह इस कम उम्र में दुनिया छोड़कर चले गए.”

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी मिस्त्री के असमय निधन पर शोक जाहिर किया है. अपने पूर्व चेयरमैन के निधन पर जारी एक बयान में टीसीएस ने कहा, "वह एक विनम्र, दोस्ताना और मिलनसार व्यक्ति थे जिन्होंने अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान टीसीएस परिवार के साथ मजबूत संबंध कायम किए.”

टाटा से विवाद

साइरस मिस्त्री 150 साल पुराने टाटा ग्रुप के सिर्फ छठे चेयरमैन थे. टाटा परिवार के बाहर से कंपनी में इस पद पर बैठने वाले वह सिर्फ दूसरे व्यक्ति थे. रतन टाटा के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उन्हें यह पद मिला था. वह रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के बहनोई थे.

मिस्त्री के दादा ने 1930 में टाटा कंपनी के शेयर खरीदे थे. उनके पिता ने शापोरजी पलोनजी (एसपी) ग्रुप की स्थापना की थी और आज भी उनके टाटा कंपनी में 18 प्रतिशत शेयर हैं जो कि किसी एक शेयरधारक के पास सबसे बड़ा हिस्सा है.

भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी एसपी ग्रुप और टाटा ग्रुप के बीच दशकों पुराने संबंधों में उस वक्त तनाव आ गया था जब 2016 में साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया गया. उनके हटाए जाने को ‘बोर्ड रूम में तख्तापलट' करार दिया गया था. उसके बाद से ही एसपी ग्रुप अपने हितों को टाटा से अलग करने पर काम कर रहा है.

लंदन के इंपीरियल कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले साइरस मिस्त्री ने बाद में लंदन बिजनस स्कूल से मैनेजमेंट में भी डिग्री ली थी. वह खुद को बिजनस संबंधी किताबों के पढ़ाकू, गॉल्फर और घोड़ों का रसिया बताते थे.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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