रंग-बिरंगी ब्रा और इत्र नष्ट करवा देता था आईएस, लेकिन...
२ दिसम्बर २०१६इस्लामिक स्टेट के लड़ाके जब मोसूल के हमजा समीह की दुकान में आए तो उसका डरना लाजमी था. इत्र की दुकान में घुसते ही आतंकियों ने हमजा को दो हुक्म दिए. एक तो इत्र और रंग-बिरंगी ब्रा नहीं बिकेंगी और दूसरा, महिला और पुरुष के लिए अलग अलग दरवाजे होने चाहिए. वक्त गुजरने पर वही आतंकवादी समीह के सबसे अच्छे ग्राहक बन गए.
23 साल के समीह मोसुल के उस इलाके में रहते हैं जहां से इस्लामिक स्टेट को भगाया जा चुका है. पश्चिमी देशों की सेनाओं की मदद से इराकी फौज ने शहर के इस हिस्से पर कब्जा कर लिया है जहां समीह की दुकान है. लेकिन समीह के लिए इस कब्जे का मतलब है उसके सबसे अच्छे ग्राहकों का चले जाना. वह बताते हैं, "पैसे तो उन्हीं के पास होते थे. वे अपने लिए और अपनी पत्नियों के लिए इत्र खरीदते थे."
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इराकी शहर मोसुल पर इस्लामिक स्टेट का दो साल से ज्यादा समय तक पूरा कब्जा रहा. यहां उन्होंने सुन्नी इस्लाम के नए नियम थोपे. महिलाओं के लिबास से लेकर पुरुषों की दाढ़ी की लंबाई तक हर चीज के लिए नए नियम बनाए गए. अक्टूबर में इराकी फौज ने मोसुल पर दोबारा कब्जा करने के लिए जंग शुरू की थी. अब तीन चौथाई शहर इस्लामिक स्टेट से आजाद हो चुका है.
समीह बताते हैं कि इस्लामिक स्टेट के नियमों ने तो उनका धंधा ही बंद करा दिया था. उनकी मुख्य ग्राहक महिलाएं ही थीं और आईएस ने महिलाओं को पूरी तरह काले बुर्के में ढके रहने, बाहर न निकलने और सार्वजनिक जगहों पर इत्र का इस्तेमाल न करने का आदेश दिया था. समीह बताते हैं, "दाएश (आईएस) ने मेरी दुकान में मिलने वालीं ज्यादातर चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया था. मेकअप करने की इजाजत नहीं थी. इत्र बंद था." अपने फोन में एक तस्वीर दिखाते हुए समीह कहते हैं, "...और यह भी." यह तस्वीर हरी और नीली ब्रा की है जिन्हें समीह को नष्ट करना पड़ा था.
तस्वीरों में, आईएस से लोहा लेतीं कुर्द लड़कियां
ऐसी चीजों पर भी रोक थीं जिन पर अंग्रेजी में बड़े बड़े अक्षरों में नाम लिखा हो. समीह बताते हैं, "छोटे आकार के अक्षर चल जाते थे." लेकिन ये सारे प्रतिबंध आम लोगों के लिए ही थे. आतंकवादियों पर ऐसा कोई प्रतिबंध लागू नहीं होता था. समीह के कुछ पड़ोसी बताते हैं कि आतंकवादी महंगी कारों में चलते थे और लूटे गए बड़े बड़े बंगलों में रहते थे. अपने ग्राहक बन गए आतंकवादियों के बारे में समीह कहते हैं, "वे लोग महंगे विदेशी ब्रैंड्स पसंद करते थे. कुछ की चार पत्नियां थीं."
वीके/एके (रॉयटर्स)