जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने खोजी एक नन्ही आकाशगंगा
१२ दिसम्बर २०२४अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक युवा आकाशगंगा की खोज की है जो ब्रह्मांड के जन्म से जुड़ी है. इसे फायरफ्लाई स्पार्कल कहा गया है क्योंकि इसके चमकीले तारा समूह जगमगाते जुगनुओं जैसे दिखते हैं. यह खोज विज्ञान को हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के बचपन की झलक देती है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह आकाशगंगा अभी निर्माण की प्रक्रिया में है. यह उस समय की है जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान उम्र का लगभग 5 फीसदी था, यानी बिग बैंग घटना के लगभग 60 करोड़ साल बाद की. इसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के आकार के लगभग 100 लाख तारों के बराबर है और इसके पास दो अन्य अपेक्षाकृत छोटी आकाशगंगाएं हैं, जिन्हें फायरफ्लाई-बेस्ट फ्रेंड और फायरफ्लाई-न्यू बेस्ट फ्रेंड नाम दिया गया है.
कैसी है स्पार्कल फायरफ्लाई
यह 10 सघन तारा समूहों से बनी है, जिनमें से आठ केंद्रीय क्षेत्र में हैं और दो इसकी विस्तारित भुजा पर हैं. इसका मुख्य दिखाई देने वाला हिस्सा लगभग 1,000 प्रकाश वर्ष के दायरे में फैला हुआ है. एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जिसे प्रकाश एक वर्ष में तय करता है, जो 9,500 अरब किलोमीटर के बराबर होता है.
मैसाचुसेट्स के वेल्सली कॉलेज और बांग्लादेश के खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलिकी केंद्र में खगोलविद् लमिया मोवला ने बताया, "मिल्की वे का निर्माण ब्रह्मांड के इतिहास की शुरुआत में ही शुरू हो गया था. संभव है कि फायरफ्लाई स्पार्कल का निर्माण भी लगभग उसी समय शुरू हुआ होगा." मावेला नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की सह-लेखिका हैं.
उन्होंने कहा, "यह अवलोकन हमें एक सीधी झलक देता है कि हमारी मिल्की-वे जैसी आकाशगंगाएं अपने बचपन में कैसी दिखती थीं. सिमुलेशन और सांख्यिकीय विधियों का इस्तेमाल करते हुए, हमें पता चलता है कि फायरफ्लाई स्पार्कल का द्रव्यमान मिल्की वे के शुरुआती समय के बराबर ही है. इस चरण में, आकाशगंगा हमारी वर्तमान मिल्की वे से लगभग 10,000 गुना कम द्रव्यमान की थी, जो उस युग की आकाशगंगाओं के लिए सामान्य है."
जुगनू नाम कैसे आया?
मावेला कहती हैं, "एक जुगनुओं का समूह - जैसी कि यह आकाशगंगा दिखती है - को स्पार्कल कहा जाता है."
फायरफ्लाई स्पार्कल फायरफ्लाई-बेस्ट फ्रेंड से लगभग 6,500 प्रकाश वर्ष और फायरफ्लाई-न्यू बेस्ट फ्रेंड से लगभग 42,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. ये सभी वर्तमान मिल्की वे में आसानी से समा जाएंगी, जो लगभग 1,00,000 प्रकाश वर्ष में फैली हुई है.
नई खोज ने दिखाया पृथ्वी का भविष्य
न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में नासा हबल फेलो और अध्ययन के सह-मुख्य लेखक खगोलविद् कार्तिक अय्यर ने कहा, "मिल्की वे अरबों वर्षों में अन्य आकाशगंगाओं के साथ विलय और निरंतर तारा निर्माण के माध्यम से बढ़ती और विकसित होती रही, जबकि हम फायरफ्लाई स्पार्कल को उसके प्रारंभिक निर्माण चरणों में देख रहे हैं."
वह बताते हैं, "प्रारंभिक आकाशगंगाएं जैसे फायरफ्लाई स्पार्कल प्रारंभिक ब्रह्मांड में सघन गैसीय बादलों के पतन के माध्यम से बनती प्रतीत होती हैं. वर्तमान सिद्धांत और सिमुलेशन प्रारंभिक ब्रह्मांड की अत्यधिक परिस्थितियों में गैस से तारों के निर्माण के लिए कई संभावित तंत्र सुझाते हैं. हमारा विश्लेषण संकेत देता है कि ये आकाशगंगाएं अत्यधिक दबाव और घनत्व वाले क्षेत्रों में विशाल तारा समूहों के निर्माण के माध्यम से बढ़ सकती हैं, जो बाद में एक साथ मिल जाते हैं या बढ़ सकते हैं."
इसके तारा समूह थोड़े अलग-अलग रंगों को प्रदर्शित करते हैं, जो दिखाता है कि वे सभी एक साथ नहीं बने. उदाहरण के लिए, गर्म और युवा तारे अधिक नीले दिखते हैं, जबकि पुराने तारे अधिक लाल होते हैं.
जेम्स वेब का कमाल
जेम्स वेब टेलीस्कोप अब तक की सबसे शक्तिशाली दूरबीन है. यह ब्रह्मांड के बहुत पीछे जाकर इतिहास में पीछे देख पाई है क्योंकि प्रकाश को यात्रा करने में समय लगता है. इसलिए वैज्ञानिक जेम्स वेब के जरिए बिग बैंग के लगभग 13.8 अरब वर्ष बाद के पहले कुछ करोड़ वर्षों से संबंधित आकाशगंगाएं देख पा रहे हैं, जिसे ब्रह्मांडीय प्रभात काल कहा जाता है.
फायरफ्लाई स्पार्कल अब तक खोजी गई सबसे प्रारंभिक कम द्रव्यमान वाली आकाशगंगाओं में से एक है, जिसे गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग नामक घटना की सहायता से देखा गया. यह तब होता है जब एक विशाल वस्तु जिसमें अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है, पृथ्वी के दृष्टिकोण से उसके पीछे की दूरस्थ वस्तुओं से प्रकाश को मोड़ देती है, जो एक प्राकृतिक मैग्निफाइंग ग्लास की तरह काम करता है.
अय्यर ने बताया, "इस अध्ययन में, आगे बढ़ चुकी आकाशगंगाओं ने फायरफ्लाई स्पार्कल के प्रकाश को लगभग 16-26 गुना बढ़ा दिया, जिससे ऐसे विवरण देखना संभव हो पाया जो अन्यथा बहुत कमजोर होने के कारण देखे नहीं जा सकते थे."
वीके/सीके (रॉयटर्स)