बाजों के मेले में बघारी शेखी
सऊदी अरब के शहर रियाद में बाज और उसके शिकारियों का मेला लगा जहां हजारों लोग पहुंचे. देखिए कैसा था ये मेला...
बाज और उसके शिकारी
रियाद में बाज और उसके शिकारियों का मेला लगा. यहां दुनियाभर के तरह-तरह के बाज थे और उनका शिकार करने के लिए तरह-तरह के हथियार भी थे.
फाल्कनरी, एक कला
बाज पालना एक कला के रूप में भी जानी जाती है. इस कला के प्रेमियों की सऊदी अरब में बड़ी तादाद है. इसलिए सऊदी फाल्कन एंड हंटिंग एग्जिबिशन में खूब उत्साह नजर आया.
प्यार और शिकार
यहां बाज से प्यार करने वाले और उसका शिकार करने वाले दोनों तरह के लोग थे. उन्होंने पालने की विधियां बांटीं और शिकार करने की तकनीकें भी.
यूनेस्को का संरक्षण
फाल्कनरी को यूनेस्को की उन परंपराओं में गिना जाता है जिनका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है. 17 देशों में इसे ‘अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ का दर्जा हासिल है.
जब बंदूक नहीं थी
फाल्कनरी दुनिया की सबसे पुरानी गतिविधियों में से एक मानी जाती है. नेशनल ज्यॉग्रैफिक की एक रिपोर्ट कहती है कि यह लिखित इतिहास से पहले भी मौजूद थी.
दूर दूर से आए लोग
प्रदर्शनी में स्थानीय ही नहीं यूरोप और अमेरिका के शिकारी और बाज-प्रेमी भी पहुंचे थे. वहां पालने और शिकार करने से जुड़ी हर चीज उपलब्ध थी.
एक लाख वर्गमीटर
इस साल यह प्रदर्शनी पिछले साल से भी बड़ी थी. पिछले साल कुल क्षेत्र 85,000 वर्गमीटर था जबकि इस साल एक लाख वर्गमीटर. इस बार 25 हिस्सों में इसे बांटा गया था.