यौन अपराध का झूठा आरोप लगाने पर 8.5 साल की सजा
१५ मार्च २०२३मई 2020 में ब्रिटेन में एक फेसबुक पोस्ट वायरल होने लगी. यह पोस्ट एलेनॉर विलियम्स नाम की युवती ने लिखी थी. पोस्ट में कहा गया था कि कैसे उसे दक्षिण एशियाई मूल के पुरुषों ने नशीली दवाएं दी. फिर उससे सामूहिक बलात्कार किया और बाद में एम्सटर्डम में उसे जबरन देह व्यापार में धकेला गया. जल्द ही पोस्ट एक लाख से ज्यादा बार शेयर हो गई.
क्या क्या कहा फेसबुक पोस्ट में
विलियम्स ने आरोप लगाया कि, 12 साल की उम्र से उसे पालने पोसने वाले पाकिस्तानी मूल के कारोबारी मोहम्मद रमजान, एक दिन उसे ब्लैकपूल लेकर गए. वहां जान से मारने की धमकी देकर कई पुरुषों से उससे बलात्कार किया. 22 साल की विलियम्स ने यह भी आरोप लगाया कि नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम में रमजान ने उसे पैसे लेकर सेक्स करने पर मजबूर किया. बाद में उसे बेचा भी गया.
क्या सच में झूठ पकड़ती है मशीन
इस पोस्ट के वायरल होते ही युवती के गृह नगर बैरो में लोग गुस्से से भर गए. तोड़ फोड़ होने लगी. समाज दो हिस्सों में बंट गया. नस्लीय नफरत सिर उठाने लगी. ब्रिटिश मीडिया के एक धड़े में भी इस पर तीखी बहस होने लगी. विलियम्स के आरोपों पर पुलिस को शक जैसी रिपोर्ट छापने वाले एक स्थानीय अखबार को बहिष्कार के कारण बंद करना पड़ा.
बलात्कार के झूठे केस से बर्बाद होती जिंदगियां
युवती ने मोहम्मद रमजान समेत जिन तीन दक्षिण एशियाई पुरुषों पर आरोप लगाए थे, उनकी जिंदगी मुसीबतों से भर गई. तीनों ने आत्महत्या करने की कोशिश की. मोहम्मद रमजान को सोशल मीडिया पर दुनिया भर के लोग जान से मारने की धमकी देने लगे. रमजान के घर और कार के शीशे तोड़ दिए गए. उनका फलता फूलता कारोबार बर्बाद हो गया.
जांच में क्या निकला
जांच के दौरान विलियम्स के आरोपों की परतें उखड़ने लगी. पुलिस के मुताबिक युवती ने जिस दिन नीदरलैंड्स में होने की बात कही, उस दिन रमजान का बैंक कार्ड बैरो में इस्तेमाल हो रहा था. इस बीच यह भी पता चला कि ब्लैकपूल में सामूहिक बलात्कार का दावा करने वाली युवती, उस कथित घटना के दिन अकेली थी और होटल के कमरे में यूट्यूब पर वीडियो देख रही थी.
घरेलू हिंसा के मामले में पुरुष भी होते हैं पीड़ित
पुलिस जांच की रिपोर्ट और अदालती कार्रवाई के बाद प्रिस्टन क्राउन कोर्ट ने युवती को दोषी करार देते हुए साढ़े आठ साल जेल की सजा सुनाई है. जज रॉबर्ट एल्थम ने कहा कि वह विलियम्स की मंशा समझा नहीं सकते लेकिन जज ने युवती के आरोपों को "पूरी तरह काल्पनिक" करार दिया.
विलियम्स ने मानी गलती
अदालत को एक माफीनामे जैसा लेटर भी मिला है. इस खत में विलियम्स ने कोर्ट से कहा है, "मैं यह नहीं कह रही हूं कि मैं दोषी हूं लेकिन मैं जानती हूं कि इस वाकये में कुछ जगहों पर मेरी गलती है और उसके लिए मैं माफी मांगती हूं."
युवती के मुताबिक वह कभी समाज में तनाव या घृणा नहीं फैलाना चाहती थी. लेकिन जज ने माना कि विलियम्स को यह पता था कि उसकी पोस्ट के बाद पाकिस्तानी विरासत वाले लोगों को निशाना बनाया जाएगा. माफीनामे में युवती का कहना है, "अगर मुझे इसके क्या नतीजे होंगे, ये पता होता तो मैं यह कभी पोस्ट नहीं करती."
ओएसजे/सीके (एपी)