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चीन से एसी और फ्रिज की गैस की तस्करी से परेशान यूरोपीय देश

१५ अक्टूबर २०१९

यूरोपीय देश जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए एचएफसी गैसों का उत्सर्जन कम करने की कोशिश में हैं. लेकिन चीन से हो रहा अवैध निर्यात उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. यहां एसी और फ्रिज में भरने वाली गैसों की तस्करी हो रही है.

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Polen Illegale Nutzung Fluorkohlenwasserstoffe
तस्वीर: PROZON

"यूरोपीय संघ में अवैध तस्करी कर रहे लोग खूब पैसा कमा रहे हैं." ये  कहना है इटैलियन रेफ्रिजरेंट सप्लायर जनरल गैस के सेल्स डायरेक्टर अलेसांड्रो बोर्री का. वो ड्रग्स की अवैध तस्करी की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी)  गैसों की तस्करी की बात कर रहे हैं. एचएफसी का इस्तेमाल एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और हीट पंप में किया जाता है.  बोर्री के मुताबिक चीन से आयात किए जाने वाले एचएफसी सिलेंडर का ट्रांसपोर्ट भाड़ा जोड़कर खर्च 70 डॉलर यानी लगभग 4900 रुपये होता है. इन्हें जहाज में कंटेनरों में लाया जाता है. एक कंटेनर में 900 सिलेंडर आ सकते हैं. फिर इन्हें फेसबुक या ई बे से बांटा जाता है. कुछ लोग अपनी वैन से भी अलग-अलग वर्कशॉप पर जाकर भी इन्हें बांटते हैं.

ई बे या दूसरे ऑनलाइन रिटेलर्स पर गैर कानूनी रूप से आयात किए गए एक सिलेंडर की कीमत 180 से 250 यूरो यानी लगभग 14 से 20 हजार रुपये के बीच होती है. इन कीमतों के चलते एचएफसी के कानूनी बाजार में परेशानियां होती हैं. यूरोपीय संघ के नेता बढ़ते कार्बन उत्सर्जन पर चिंता जता रहे हैं लेकिन एचएफसी की ये कालाबाजारी उनके अरमानों पर पानी फेर रही है. यूरोपीय संघ के मौजूदा कानूनों में इससे निपटने के लिए कड़े कानून नहीं हैं. यही वजह है कि ये अवैध व्यापार का असर सीधा जलवायु परिवर्तन पर हो रहा है.

एचएफसी एक मानवनिर्मित गैस है. ये गैस पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है. लंदन में पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ एनवायरनमेंटल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (ईआइए) के मुताबिक एयर कंडीशनर और दूसरी जगहों पर इस्तेमाल होने वाली सामान्य एचएफसी पर्यावरण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से 675 से 3,922 गुना खतरनाक होती है. दूसरी फ्लोरोकार्बन गैसें जो स्प्रे फोम या कुचालक की तरह इस्तेमाल की जाती हैं, वो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में पर्यावरण के लिए 24,000 गुना तक खतरनाक होती हैं. यूरोपीय संघ में 2015 में फ्लोरोकार्बन ग्रीन हाउस गैसों को नियंत्रित करने की योजना बनाई थी. यूरोपीय संघ ने 2030 तक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों का इस्तेमाल 80 प्रतिशत तक कम करने की योजना बनाई है. हालांकि ये लक्ष्य अभी दूर की कौड़ी लगता है.

Russland Sinti und Roma Siedlung in Plechanovo
तस्वीर: DW/E. Ibragimowa

आयात नियंत्रित करने में विफल ईयू

ईआइए के मुताबिक पिछले साल यूरोपीय बाजार में 1.7 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों का उत्सर्जन हुआ. लेकिन इस बार यूरोपीय संघ को सिर्फ 1 करोड़ टन उत्सर्जन की अनुमति है. आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में करीब 1.6 करोड़ टन कार्बन डाइ ऑक्साइड के बराबर हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैर कानूनी रूप से लाया गया था. ये उत्सर्जन चार कोयला ऊर्जा संयत्रों या 40 लाख कारों को सालभर चलाने से पैदा हुए प्रदूषण जितना है. आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि ये हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसें चीन से गैर कानूनी तरीके से लाई गईं थीं.

ईआइए में काम करने वाली सोफी जियोहेगन कहती हैं, "हमने आंकड़े देखे तो पता चला कि ईयू में आयात हो रहे हाइड्रोफ्लोरोकार्बन और कंपनियों के रिकॉर्ड में मौजूद हाइड्रोफ्लोरोकार्बन में अंतर है. साथ ही चीन से यूरोपीय संघ को किए गए निर्यात और यहां हुए आयात के आंकड़ों में भी अंतर है." चीन दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोफ्लोरोकार्बन उत्पादक है और यूरोपीय संघ इसका सबसे बड़ा आयातक है. यहां इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल कारों में होता है. 2018 में जर्मनी, स्पेन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन में करीब 80 लाख कारों का उत्पादन हुआ. कारों के नए मॉडलों में एयर कंडीशनिंग के लिए हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है.

Infografik FKW Importe EN

तस्करी का रास्ता कहां से

इन गैसों को आयात करने वाले लोग यूरोप में इन गैसों को लाने के लिए डिस्पोजेबल सिलेंडरों को कार या ट्रकों में लादकर लाते हैं. वो या तो रूस और यूक्रेन के रास्ते पोलैंड में दाखिल होते हैं या फिर तुर्की से बुल्गारिया, ग्रीस, क्रोएशिया होते हुए इटली पहुंच जाते हैं. ईआइए के मुताबिक यहां से इन गैसों को यूरोपीय संघ की कंपनियों में बांटा जाता है. कंपनियों के अलावा रेफ्रिजरेशन का काम करने वाले छोटे व्यापारियों तक इन गैसों की आसानी से सप्लाई की जाती है. इस साल चीन से आई ऐसी दो बड़ी खेपों को जर्मन शहर हैम्बर्ग में पकड़ा गया था. यूरोपीय संघ ने 2018 में हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों के इस्तेमाल की एक सीमा तय कर दी थी. इसकी वजह से सामान्य बाजार में इन गैसों की कीमत करीब आठ गुना तक बढ़ गई. इन गैसों की मांग कम नहीं हुई. इसी वजह से तस्करों को मौका मिल गया. यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता का कहना है, "हमारा मकसद हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों की जगह पर्यावरण अनुकूल विकल्प लाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन इस सीमा के अप्रत्याशित नतीजे सामने आए हैं. आयातक गलत तरीके से लाई गई गैस से अच्छे पैसे कमा रहे हैं."

एयर कंडीशनिंग का काम करने वाले एक दुकानदार ने बताया, "अचानक से गैस सिलेंडरों की कीमत आठ गुना बढ़ गई. अब हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था. इसलिए हमने ई बे पर सस्ते सिलेंडर खरीदना शुरू कर दिया. छोटे व्यापारियों के लिए महंगे सिलेंडर खरीदना बेहद मुश्किल होता है. हमारा मुनाफा इन गैसों की कीमत पर ही निर्भर करता है. आज भी हमारे पास जर्मनी और दूसरे देशों से हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों की खरीददारी के लिए ईमेल आते रहते हैं." हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के कुछ सिलेंडर ही नहीं यूरोप में अवैध तरीके से कंटेनर तक लाए जा रहे हैं. इस अवैध व्यापार की वजह से वैध तरीके से काम कर रहे लोग परेशान हैं क्योंकि वो महंगी दरों पर गैस खरीद रहे हैं और ग्राहक उतनी कीमत देने को तैयार नहीं हैं.

Infografik HFC Gas illegale Importwege EN

सिस्टम में अभी भी बड़ी खामियां

पोलैंड में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे संस्थान प्रोजोन के क्रिस्टॉफ जेगोर्चिक कहते हैं कि सिस्टम में अभी भी बड़ी खामियां हैं. वो कहते हैं, "अगर आज आपको एक कंटेनर खरीदने की अनुमति है तब भी आप 10 सिलेंडर खरीद सकते हैं. क्योंकि यूरोपीय संघ में आयात का रिकॉर्ड रखने का सिस्टम ठीक नही है." ईआइए की जियोहेगन कहती हैं, "कस्टम अधिकारियों को आंकड़ों के लिए साल खत्म होने का इंतजार करना होता है क्योंकि तब सारी कंपनियां जानकारी देती हैं कि उन्होंने कितना आयात किया. और तब कस्टम अधिकारी इसे अपने डाटा से मिलाते हैं. यह तरीका काम का नहीं है. अवैध व्यापार को रोकने के लिए इन्हें बेहतर ट्रेनिंग की आवश्यकता है."

पोलैंड में प्रोजोन ने पिछले दिनों कस्टम अधिकारियों को ऐसी एक ट्रेनिंग दी. इसके बाद कस्टम अधिकारियों ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के 1,200 सिलेंडरों की एक खेप पकड़ी. इनमें करीब 13 टन हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैस थी. जर्मनी में अवैध तरीके से फ्लोरोकार्बन गैसें बेचते पकड़े जाने पर दो साल की सजा और 50 हजार यूरो यानी 40 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. लेकिन यूरोपीय संघ के दूसरे देशों में इसके लिए कठोर नियमों की कमी है. हाल में ईयू ने इटली और रोमानिया को फ्लोरोकार्बन गैसों पर कड़ा कानून बनाने के लिए एक नोटिस जारी किया था.

Screenshot subito.it Angebot für Kältemittelöl Zylinder
एक ई कॉमर्स साइट पर बिकता सिलेंडर.तस्वीर: subito.it

इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने की योजना

वैध तरीके से हाइड्रोफ्लोरोकार्बन गैसों का व्यापार करने वाले व्यापारी चाहते हैं कि जल्द से जल्द अवैध व्यापार पर रोक लगे. कई कंपनियों ने यूरोपीय एंटी फ्रॉड एजेंसी को अवैध रूप से काम कर रही कंपनियों की जानकारी दी है. फिलहाल इनके ऊपर जांच चल रही है. यूरोपीय आयोग का कहना है कि फ्लोरोकार्बन गैसों के अवैध व्यापार पर नियंत्रण करने में वे अभी असफल रहे हैं. इसको लेकर वे चिंतित हैं.

फिलहाल ईयू एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बनाने पर काम कर रहा है. इस सिस्टम में देखा जा सकेगा कि काम कर रहे व्यापारी पंजीकृत हैं या नहीं. साथ ही इनके पास कितना फ्लोरोकार्बन इस्तेमाल करने की सीमा है. जर्मनी का मानना है कि 2050 आते आते हाइड्रोफ्लोरोकार्बन से संबधित उत्सर्जन को सिर्फ आठ प्रतिशत तक लाया जा सकेगा. इसके लिए वो ईयू के साथ मिलकर कानून बना रहे हैं.

टिम शाउएनबर्ग/ ऋषभ शर्मा

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