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मंगल ग्रह पर जाने का अभियान यूक्रेन युद्ध की वजह से रुका

१९ मार्च २०२२

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सहयोग रोकने के फैसले पर रूसी स्पेस एजेंसी पलटवार किया है. कहा, "हम अकेले मंगल ग्रह तक पहुंच जाएंगे."

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यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय स्पेस एजेंसी का मंगल अभियान टला
यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय स्पेस एजेंसी का मंगल अभियान टलातस्वीर: J. Bell/NASA/AP/picture alliance

मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश के लिए चल रहे यूरोपीय संघ और रूस के साझा प्रयासों को झटका लगा है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने सितंबर 2022 में लॉन्च के लिए प्रस्तावित 'एक्सो मार्स 2022' मिशन स्थगित कर दिया है. दरअसल, यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने रूसी स्पेस प्रोग्राम रोसकोसमोस के साथ सभी साझा अभियान स्थगित कर दिए हैं. ईएसए के महानिदेशक योसेफ आशबाखर ने कहा कि सितंबर में प्रस्तावित लॉन्च यूक्रेन युद्ध की वजह से "व्यावहारिक और राजनीतिक रूप से अंसभव" है.

मंगल अभियान में फिलहाल नासा काफी आगे
मंगल अभियान में फिलहाल नासा काफी आगेतस्वीर: NASA/JPL-Caltech/Zumapress/picture alliance

रूस ने कहा, 'हम अकेले मंगल जाएंगे'

रूस ने ईएसए के फैसले पर पलटवार करते हुए कहा कि वह अकेले ही मंगल ग्रह तक पहुंचेगा. रूसी स्पेस एजेंसी रोसकोसमोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि "रोसकोसमोस मंगल अभियान खुद पूरा करने में सक्षम हो जाएगा." उन्होंने के कहा, "हां, हम कुछ साल खो देंगे, लेकिन हम अपने लैंडिंग मॉड्यूल की प्रतिकृति बनाएंगे और अंगारा लॉन्च वीकल की मदद से अपनी नई लॉन्च साइट वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम से इसे शोध अभियान को पूरा करेंगे."

आशबाखर ने कहा कि ईएसए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के साथ काम करने की कोशिश करेगा. आशबाखर के मुताबिक, नासा ने साथ काम करने के लिए बड़ी दिलचस्पी दिखाई है.

ईएसए और नासा शुरुआत में एक्सोमार्स पर इकट्ठे काम कर रहे थे, लेकिन नासा ने 2012 में बजट की समस्या की वजह से यह प्रोजेक्ट छोड़ दिया. रूस साल 2013 में नासा की जगह आया.

2021 में चीन भी मंगल पर पहुंचा
2021 में चीन भी मंगल पर पहुंचातस्वीर: picture alliance / ZUMAPRESS.com

रूस पर निर्भर अभियान

अब तक इस अभियान में रॉकेटों समेत काफी रूसी उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे थे. 2016 के लॉन्च में रूस रॉकेट प्रोटोन-एम इस्तेमाल किया गया था. सितंबर 2022 के लॉन्च के लिए भी इसी तरह के रॉकेट की योजना बनाई जा रही थी.

ईएसए में मानव और रोबोट अन्वेषण के प्रमुख- डेविड पार्कर ने कहा कि भविष्य में रूस के साथ इस अभियान पर काम करने की संभावनाएं पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं. रूस के साथ अगर काम चला रहता, तो यह अभियान 2024 तक पूरा हो जाता. अगर अभियान में रूस को शामिल नहीं किया जाता, तो इस मिशन पर यूरोप को दोबारा काम करना होगा. और अगर सिरे से बदलाव करने पड़ते हैं तो यह मिशन 2026 या 2028 तक खिंच सकता है.

मंगल ग्रह के थपेड़ों की आवाज

दो चरणों में बंटा अभियान

एक्सोमार्स के दो हिस्से हैं. साल 2016 में हुए पहले चरण में एक ऑर्बिटर और एक लैंडर लॉन्च किया गया था. लेकिन लैंडर नष्ट हो गया था. सितंबर 2022 में मार्स रोवर को भेजने की तैयारी की जा रही थी. पहले इस अभियान का दूसरा हिस्सा 2020 में लॉन्च किया जाना था. लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसे टाल दिया गया. यूक्रेन युद्ध शुरू होने के 4 दिनों बाद ही ईएसए ने अभियान स्थगित करने का इशारा कर दिया था.

आशबाखर ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बारे में भी जानकारी दी है. वहां भी रूस एक बड़ा हिस्सेदार है. आशबाखर ने कहा कि फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में पहले की तरह काम जारी है. शुक्रवार को एक रूसी सोयूज रॉकेट में तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेश स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं. वे फिलहाल स्पेस स्टेशन में मौजूद दो रूसी और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों की जगह लेंगे.

मंगल पर नदियां बनीं और गायब हो गईं

वैज्ञानिकों ने लिए उदासी भरा फैसला

अभियान स्थगित करने पर डेविड पार्कर ने कहा कि "हमारी काउंसिल के लिए यह दुखदायी फैसला है. यूरोप, अमेरिका और हां, रूस के सैकड़ों वैज्ञानिक और इंजीनियर तकनीकी खामियों, प्रोग्राम की चुनौतियों और अलग-अलग संस्कृतियों से पार पाकर यहां तक पहुंचे हैं, जहां हमारे पास एक अंतरिक्ष यान है जो लॉन्च के लिए तैयार होगा."

उन्हें लगता है कि भले ही यह मिशन पूरा होने में समय लगे, लेकिन यह पूरा जरूर होगा. उन्होंने कहा, "मंगल वहीं होगा." पार्कर ने कहा, "मंगल ग्रह साढ़े चार अरब साल पुराना है. इसलिए इसके सारे रहस्य जानने के लिए अब हमें कुछ और साल इंतजार करना होगा."