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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

छोटे से अमेरिकी शहर ने एलियंस को भेजा न्योता

१८ जनवरी २०२४

अमेरिका के केंटकी में एक छोटे से शहर ने एलियंस यानी परग्रही जीवों को अपने यहां आने का न्योता दिया है. यह न्योता लेजर किरणों के जरिए रात को आसमान में प्रकाशित किया जा रहा है.

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यूएफओ, प्रतीकात्मक तस्वीर
बढ़ रही है एलियंस को लेकर गंभीरतातस्वीर: Ig0rZh/IMAGO

अमेरिका के केंटकी राज्य में एक छोटा सा शहर एलियंस को अपने यहां बुला रहा है. इसके लिए शहर प्रशासन ने बाकायदा न्योता भेजा है. लेजर बीम के जरिए आसमान में लिखकर उन्होंने एलियंस को अपने यहां बुलाया है.

लेक्सिंगटन शहर के पर्यटन विभाग ने इंफ्रारेड लेजर के जरिए ब्रह्मांड के अनजान जीवों के नाम एक संदेश लिखा है. यह संदेश कुछ यूं है, "जब आप पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले जो चीज आपको नजर आएगी, वह है सेंट्रल केंटकी के आसपास की हरियाली, जो लेक्सिंगटन के जगमगाते सिटी सेंटर के इर्द-गिर्द फैली है. यह हमारा मशहूर ब्लूग्रास इलाका है.”

संदेश यहीं खत्म नहीं होता. इसमें शहर के आसपास की देखने लायक जगहों और बर्बन शराब के बारे में भी बताया गया है. उसके बाद रहने और खाने-पीने की जगहों का जिक्र भी है.

दरअसल, यह लेक्सिंगटन शहर के पर्यटन विभाग का प्रचार अभियान है. इसके जरिए पर्यटकों को शहर की ओर आकर्षित करने की कोशिश की गई है. इस अभियान का विचार प्रशासन को हाल ही में उड़नतश्तरियों या यूएफओ के बारे में हो रहे खुलासों से आया है.

पर्यटन विभाग ने एक बयान में बताया कि यूएफओ के बारे में पिछले कुछ महीनों में जो जानकारियां सामने आई हैं, उसके बाद यह बात और मजबूत हुई है कि हम इस ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं.

एलियंस की खोज में तेजी

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कोई एलियंस पृथ्वी पर आए हैं या उनका विमान क्रैश हुआ है. मीडिया से बातचीत में अमेरिकी उप रक्षा मंत्री रोनाल्ड मौल्ट्री ने कहा कि एलियंस के अस्तित्व का अब तक कोई सबूत नहीं है.

मौल्ट्री ने कहा, "अब तक जो हमारे पास है, उसमें मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखा है कि धरती पर एलियंस आए हों या कोई एलियन-क्रैश हुआ हो.”

पिछले कुछ सालों में उड़नतश्तरियों को लेकर आधिकारिक गंभीरता बढ़ी है. 2022 में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक नया विभाग बनाया जिसे ऑल-डोमेन एनोमली रेजॉल्यूशन ऑफिस (एएआरओ) नाम दिया गया है. बाह्य अंतरिक्ष में जीवन की खोज के लिए बनाए गए इस विभाग के निदेशक शॉन कर्कपैट्रिक हैं, जो कहते हैं कि इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता कि ब्रह्मांड में कहीं और जीवन नहीं है लेकिन वह इस खोज में वैज्ञानिक नजरिये से काम कर रहे हैं.

2022 में अमेरिकी सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें 2004 से अब तक की 140 ऐसी घटनाओं का जिक्र है जिन्हें अमेरिकी सेना ‘अनआइडेंटिफाइड एरियल फिनोमिना' (यूएपी) कहते हैं. यानी ये ऐसी घटनाएं हैं जिनकी कोई दुनियावी व्याख्या नहीं की जा सकी है.

रिपोर्ट कहती है कि इन 140 में से एक ही मामला है जिसमें गर्म हवा के गुब्बारे को देखा गया और उड़नतश्तरी समझ लिया गया. बाकी किसी मामले की व्याख्या नहीं की जा सकी है और इसका और अध्ययन किए जाने की जरूरत है.

रिपोर्ट में यह भी पता चला कि इन 139 मामलों से इतर 143 मामले ऐसे हैं जिनके बारे में बहुत काम जानकारी उपलब्ध है. इसलिए यह समझना ही मुश्किल है कि ये घटनाएं कैसी थीं. साथ ही यह कहना भी मुश्किल है कि ये घटनाएं किसी बाहरी दुनिया की ताकत के कारण हुईं या फिर रूस या चीन जैसी किसी महाशक्ति द्वारा अंजाम दी गईं.

2021 में आई इस रिपोर्ट में ऐसी कई घटनाएं शामिल हैं जिनमें कुछ उड़ती हुई चीजों को इतनी तेज रफ्तार के साथ आते जाते या उतरते देखा गया, जितनी रफ्तार अब तक ज्ञात तकनीक के हिसाब से संभव नहीं है.

80 साल का इंतजार

यूएफओ को मिले इस नए उभार का फायदा लेक्सिंगटन का प्रशासन उठाना चाहता है. इसलिए उन्होंने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए संदेश तैयार किया है. विभाग के मुताबिक आसमान में यह संदेश भेजने के लिए उन्होंने वैज्ञानिकों और विद्वानों के साथ मिलकर अभियान की रूपरेखा बनाई.

लेक्सिंगटन का संदेश 40 प्रकाश वर्ष दूर TRAPPIST-1 नाम के सौर मंडल में स्थित संभावित ग्रहों की ओर भेजा गया है. इस वैज्ञानिक प्रक्रिया का नेतृत्व लेक्सिंगटन के ही रहने वाले रॉबर्ट लोडर ने किया जो एक कंप्यूटर इंजीनियर और एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट होने के साथ-साथ एलियंस की खोज में जुटे विद्वान हैं.

लोडर कहते हैं, "हम इंजीनियरिंग, भाषा, डिजिटल मीडिया, दर्शन और साइंस फिक्शन के विद्वानों को साथ लेकर आए. उन्होंने इस पूरे अभियान पर बहस की और उसके बाद डिजाइन तैयार किया गया.”

यह संदेश एक बिटमैप इमेज के रूप में भेजा गया है. भाषा विद्वान डॉ. एंड्रयू बर्ड कहते हैं, "असली बात तो बिटमैप इमेज ही है. हमने ऐसे बिंब बनाए हैं जिनमें जिंदगी के तत्व, लेक्सिंगटन के मशहूर पहाड़ियां और पानी, बर्बन और डोपामिन के मॉलीक्यूलर स्ट्रक्चर शामिल हैं.”

विभाग का कहना है कि इस संदेश के अपने लक्ष्य तक पहुंचने में 40 साल का समय लगेगा और जवाब वापस आने में 40 और साल लग सकते हैं. तब तक शहर प्रशासन चाहता है कि धरती पर रहने वाले लोग उनके यहां आते रहें.

वीके/एए (एपी)