परंपरा के पिंजरे तोड़ती बाज लड़ैया आयशा
आयशा अल मंसूरी अपनी 10 साल की बेटी और उन जैसी कई लड़कियों को एक ऐसा खेल सिखा रही हैं, जिस पर हजारों साल से पुरुषों का आधिपत्य रहा है. वह एक पेशेवर बाज लड़ैया हैं.
10 साल की बाज लड़ैया
अपनी उम्र के बहुत से बच्चों की तरह 10 साल की ओशा अल मंसूरी को भी पालतू जानवरों का बहुत शौक है. लेकिन उनका पालतू कुछ अलग है. यह एक बाज है.
मां ने सिखाया
अबु धाबी की ओशा बाज पालती हैं. वह एक पेशेवर बाज लड़ैया बनने की तैयारी में हैं. उनके पास तीन बाज और एक सालुकी हैं. इसकी वजह है ओशा की मां आयशा, जो खुद एक पेशेवर बाज लड़ैया हैं.
लोकप्रिय खेल
आयशा अल मंसूरी अपनी बेटी के साथ-साथ कई और महिलाओं को भी यह कला सिखा रही हैं, जो अरब जगत में एक बड़ा और लोकप्रिय खेल है.
बेड़ियां तोड़तीं महिलाएं
यूं तो बाज पालने का यह खेल पुरुषों का माना जाता है, लेकिन 40 साल की आयशा ने 4,000 साल पुरानी यह परंपरा तोड़ी है और वह अपनी जैसी कई महिलाओं को इसमें लेकर आई हैं.
रोज का अभ्यास
आयशा और ओशा लगभग रोजाना अपने पक्षियों के साथ अभ्यास करती हैं, जिसके लिए वह रेगिस्तान में जाती हैं. वह अपने पक्षियों को शिकार करना सिखाती हैं.
सबको सिखाना है
आयशा ने 2017 में अबु धाबी लेडीज क्लब में महिलाओं को फाल्कनरी सिखाना शुरू किया था. हालांकि वह अपने हुनर का श्रेय अपने पिता को देती हैं, जो खुद एक माहिर बाज लड़ैया थे.
धीरज और समझ
आयशा अल मंसूरी कहती हैं कि इसके लिए बहुत धीरज की जरूरत होती है. आपको अपने पक्षी को समझना पड़ता है, उसके साथ वक्त बिताना पड़ता है और सिर्फ आंखों से उसकी भाषा समझनी होती है.