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दिल्ली में पटाखे जलाने पर छह महीने की कैद

२० अक्टूबर २०२२

दिल्ली में दिवाली पर पटाखे जलाने वालों को छह महीने तक की जेल हो सकती है. राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह ऐलान किया है.

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पिछले साल दिवाली पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जले थे
पिछले साल दिवाली पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जले थेतस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance

दिल्ली ने दिवाली पर पर्यावरण प्रदूषणको नियंत्रण में रखने के लिए सख्त कदमों का ऐलान किया है. राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि जो लोग पटाखे जलाते पकड़े जाएंगे, उन्हें छह महीने तक की जेल हो सकती है. राज्य में पहले ही पटाखे जलाने पर प्रतिबंध है. हालांकि इसके बावजूद पिछले साल बड़ी तादाद में पटाखे जलाए गए थे.

लगभग दो करोड़ लोगों की आबादी वाला दिल्ली शहर दुनिया की सबसे प्रदूषित राष्ट्रीय राजधानी के रूप में बदनाम है. सर्दियों के मौसम में तो दिल्ली की हवा की हालत बेहद खराब हो जाती है. पीएम 2.5 लेवल अत्यधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और सांस लेना तक दूभर हो जाता है.

गोपाल राय ने मीडिया को बताया कि जो कोई पटाखे जलाता पकड़ा जाएगा, उसे 200 रुपये जुर्माना और छह महीने की जेल हो सकती है. पटाखे जमा करते या बेचते पकड़े जाने वालों के लिए 5,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. उन्हें तीन साल तक की जेल भी हो सकती है.

दिल्ली की प्रदूषित हवा को मापेंगे नए सेंसर

दिवाली पर पटाखे जलाना भारत में पुरानी परंपरा रही है लेकिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दो साल पहले इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. दिल्ली सरकार ने राज्य में पटाखे बेचना और इस्तेमाल करना दोनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. पिछले महीने ही पटाखों पर व्यापक प्रतिबंध लगाया गया जो 1 जनवरी तक जारी रहेगा.

राय ने कहा, "हर साल दिवाली के आसपास प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इसकी बड़ी वजह पटाखे जलाए जाना है. पटाखों से होने वाला उत्सर्जन खासतौर पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है.” प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए रेवन्यू डिपार्टमेंट ने 165 टीमें बनाई हैं. इसके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की 33 और दिल्ली पुलिस की 210 टीमें भी इस दौरान निगरानी करेंगी. गोपाल राय ने बताया कि 1 सितंबर को प्रतिबंध लागू किए जाने के बाद से 188 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 2,197 किलोग्राम पटाखे जब्त हुए हैं.

राय ने बताया कि इसके तहत एक जागरूकता अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिसे ‘दीये जलाओ, पटाखे नहीं' नाम दिया गया है. 21 अक्टूबर से इस अभियान की शुरुआत होगी, जबकि 24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी. राय ने बताया कि दिल्ली सरकार कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51,000 दीये जलाएगी.

भावनात्मक मुद्दा

दिवाली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध को कुछ हिंदू धार्मिक भावनाओं से जोड़कर भी देखते हैं. ऐसे लोगों का कहना है कि पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाकर उनकी धार्मिक आजादी के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. यही वजह है कि दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध एक विवादित विषय बना हुआ है और इसका खासा विरोध होता है.

दिल्ली सरकार द्वारा सख्ती का ऐलान करते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी टिप्पणियों का आदान प्रदान हो रहा है. एक ट्विटर यूजर सूरज बरमन ने लिखा, "मैं अपने कुत्तों की खातिर इस साल दिवाली पर पटाखे नहीं जलाऊंगा. इसका मतलब यह नहीं कि जो जलाते हैं, मैं उनका सम्मान नहीं करता. मुझे हिंदू होने पर गर्व है और अपने त्योहारों पर गर्व है.”

रजनीश चूनी ने लिखा, "अक्टूबर खत्म होने वाला है और मौसम की ओर देखिए. गर्मी! इस आग में घी डालना अतार्किक, अनचाहा और गैरजरूरी होगा, पटाखे जलाना, शोर करना और हर तरह का संभव प्रदूषण फैलाना.”

प्रतिबंध का मामला सुप्रीम कोर्ट में

पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. हालांकि इसी महीने पटाखों पर बैन को लेकर जब एक वकील ने आपात सुनवाई की याचिका दी तो अदालत ने उसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दिवाली आ रही है और लोगों ने पटाखों के धंधे में बहुत पैसा लगाया होगा.

मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने याचिका ठुकराते हुए कहा, "माफ कीजिए, इस मामले पर अब सुनवाई नहीं करेंगे. दिवाली आने वाली है और आप अब आए हैं. लोगों ने पटाखे के धंधे में निवेश किया होगा. आपको दो महीने पहले आना चाहिए था.”

बेंच ने कहा कि इस मामले पर अब सुनवाई बाद में ही होगी. उन्होंने कहा, "अब तो हम इस मामले पर सुनवाई नहीं कर पाएंगे. नहीं तो देखिए, कैसे परिणाम होंगे. कुछ भी किया तो उन लोगों के काम-धंधे ठप्प हो जाएंगे. माफ कीजिए, अब यह दिवाली के बाद होगा.”

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध को रोकने से भी इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि वह प्रदूषण में और इजाफा नहीं चाहता. हालांकि यह याचिका ग्रीन-पटाखे बेचने वालों ने दायर की थी. वे चाहते थे कि पूर्ण प्रतिबंध ना लगाया जाए. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिनमें बेरियम होता है.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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