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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

जीन थेरेपी का कमालः सुनने लगा 11 साल का बहरा बच्चा

२४ जनवरी २०२४

11 साल के ऐसाम ने जीवन में पहली बार अपने पिता की आवाज सुनी. जीन थेरेपी के सफल इलाज से यह संभव हो पाया. हालांकि वह बोल शायद ही कभी पाए.

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Path of sound in the ear
तस्वीर: JACOPIN/BSIP/picture alliance

अपने पिता की आवाज. सड़क पर गुजरती कारों की आवाज. रसोई से आती खाना पकने की आवाज. 11 साल के ऐसाम दाम ने ये आवाजें पहली बार सुनी हैं. जीन थेरेपी के कारण उसका बहरापन ठीक हो गया है. ऐसाम दाम के एक जीन में एक बेहद दुर्लभ असामान्यता थी जिसके कारण वह बचपन से ही सुन नहीं पाता था.

फिलाडेल्फिया के बाल रोग अस्पताल (CHOP) ने ऐसाम दाम का इलाज किया गया. अमेरिका में पहली बार इलाज में जीन थेरेपी तकनीक का इलाज किया गया. अस्पताल ने एक बयान में कहा कि यह सफलता दुनियाभर के उन मरीजों के लिए मील का पत्थर है जो जेनेटिक म्युटेशंस के कारण सुनने की क्षमता खो देते हैं.

20 साल की मेहनत

अस्पताल के कर्ण-रोग विभाग में क्लीनिकल रिसर्च डायरेक्टर डॉ. जॉन जर्मिलर ने कहा, "बहरेपन के लिए जीन थेरेपी एक ऐसी तकनीक है जिस पर हम वैज्ञानिक और डॉक्टर पिछले 20 साल से काम कर रहे थे. आखिरकार इसमें सफलता मिल गई है.”

डॉ. जर्मिलर ने बताया कि यह थेरेपी 150 अन्य जीन्स पर काम कर सकती है. उन्होंने कहा, "हमने जो इलाज किया है उसमें जीन थेरेपी से एक बहुत दुर्लभ जीन की असामान्यता को ठीक किया गया है. लेकिन अध्ययन से भविष्य में 150 से ज्यादा जीन-असामान्यताएं ठीक करने का रास्ता खुल सकता है, जिनके कारण बच्चों में बहरापन होता है.”

ऐसाम जैसे मरीजों में एक डिफेक्टिव जीन होता है जिसके कारम ओटोफेरलिन नाम के प्रोटीन का निर्माण नहीं हो पाता. यही प्रोटीन कान के अंदर बालों के लिए जिम्मेदार होता है. ये रेशेनुमा बाल कान के अंदर ध्वनि की तरंगों को रासायनिक संकेतों में तब्दील करते हैं और मस्तिष्क तक भेजते हैं. हालांकि ओटोफेरलिन जीन डिफेक्ट बहुत दुर्लभ है और जो बच्चे पैदा होने से ही सुन नहीं सकते, उनमें एक से आठ फीसदी मामलों में जिम्मेदार होता है.

कैसे हुआ इलाज

4 अक्तूबर 2023 को फिलाडेल्फिया में ऐसाम की सर्जरी हुई थी. इस सर्जरी में उसके कान में एक वायरस डाला गया. इस हानिरहित वायरस ने ओटोफेरलिन जीन की नकल को कान के अंदर मौजूद द्रव्य में पहुंचाया. नतीजा यह हुआ कि कोशिकाएं ओटोफेरलिन प्रोटीन बनाने लगीं और कान की क्रिया ठीक हो गई.

ऐसाम के एक कान की सर्जरी के चार महीने बाद उसकी सुनने की क्षमता में कुछ सुधार हुआ है और वह अब कुछ हद तक सुन पा रहा है. अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ऐसाम ने "अपनी जिंदगी में पहली बार कोई आवाज सुनी है.”

6 साल के बच्चे की दुर्लभ बीमारी का जीन-आधारित दुर्लभ इलाज

इस बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित एक खबर में बताया कि ऐसाम मोरक्को में जन्मा था और बाद में उसका परिवार स्पेन में बस गया. हालांकि वह शायद ही कभी बोल पाए क्योंकि मस्तिष्क का जो हिस्सा बोलने की क्षमता देता है, वह पांच साल की उम्र में ही बंद हो जाता है.

भविष्य में वैज्ञानिक इस थेरेपी को कम उम्र के बच्चों पर भी आजमाना चाहते हैं लेकिन अभी अमेरिकी संस्था फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने सुरक्षा कारणों से कम उम्र बच्चों पर प्रयोग की इजाजत नहीं दी है.

इस थेरेपी का परीक्षण अमेरिका के अलावा यूरोप और चीन में भी हो चुका है और वहां भी कई सफलताओं की रिपोर्ट है. जर्मिलर ने कहा, "जैसे-जैसे अलग-अलग उम्र के ज्यादा से ज्यादा बच्चों का इलाज होगा, शोधकर्ताओं को यह सीखने को मिलेगा कि सुनने की क्षमता में कितना सुधार होता है और यह इलाज कितने दिन तक सफलता से टिका रहता है.”

वीके/सीके (एएफपी)

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