किन देशों ने बदले अपने नाम
भारत में देश के दो आधिकारिक नामों में से एक 'इंडिया' को हटाने पर चर्चा चल रही है. अगर ऐसा होता है तो भारत अपना नाम बदलने वाले चंद देशों की सूची में शामिल हो जाएगा. कौन से हैं वो देश जिन्होंने अपने नाम बदल लिए?
तुर्किये
2021 में तुर्की ने अपना नाम बदल कर तुर्किये रखने का फैसला कर लिया. फरवरी 2022 में संयुक्त राष्ट्र ने इसकी घोषणा की. नाम बदलने का फैसला लेने वाले देश के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान के मुताबिक तुर्किये नाम ही देश के लोगों की "संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति" करता है.
द नेदरलैंड्स
द नेदरलैंड्स को हॉलैंड के नाम से भी जाना जाता रहा है. डच सरकार ने 2020 में घोषणा की कि अब से सिर्फ नेदरलैंड्स का ही इस्तेमाल किया जाएगा. माना जाता है कि यह कदम देश की छवि को बदलने के लिए उठाया गया, क्योंकि सरकार को लगता था कि दुनियाभर के लोग देश को सिर्फ एम्स्टर्डम में होने वाले रिक्रिएशनल ड्रग्स और सेक्स वर्क के लिए ही जानते हैं. एम्स्टर्डम जिस प्रांत में स्थित है उसे नार्थ हॉलैंड कहते हैं.
नार्थ मैसिडोनिया
2019 में रिपब्लिक ऑफ मैसिडोनिया की सरकार ने देश का नाम बदल कर रिपब्लिक ऑफ नार्थ मैसिडोनिया कर दिया. नाटो और यूरोपीय संघ में शामिल होने की इक्षा रखने वाला मैसिडोनिया ग्रीस से अपने रिश्ते सुधारना चाहता था. ग्रीस में मैसिडोनिया नाम का प्रांत भी है और मैसिडोनिया एक प्राचीन ग्रीक साम्राज्य का भी नाम था.
इस्वातिनी
2018 में स्वाजीलैंड के राजा ने देश का नाम बदल कर इस्वातिनी रख दिया. औपनिवेशिक काल से पहले देश का यही नाम हुआ करता था. कहा जाता है कि राजा इस बात से भी नाखुश थे कि कुछ लोग स्वाजीलैंड और स्विट्जरलैंड के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं.
चेकिया
2016 में चेक रिपब्लिक की सरकार ने देश का नाम बदल कर चेकिया कर दिया था. कारण बताया गया कि जैसे फ्रांस का आधिकारिक नाम द फ्रेंच रिपब्लिक है, वैसे ही चेक रिपब्लिक का भी छोटा नाम ज्यादा लोकप्रिय होगा. हालांकि यह नाम ज्यादा चलन में आ नहीं पाया है. 2020 में देश के प्रधानमंत्री आंद्रे बाबिस ने कहा था कि उन्हें चेकिया नाम बिल्कुल पसंद नहीं है.
काबो वेर्दे
2013 में अटलांटिक महासागर में स्थित द्वीप राष्ट्र केप वेर्दे की सरकार ने देश का नाम बदल कर काबो वेर्दे कर दिया था. यह पुर्तगाली शब्द है जिसे आंशिक रूप से अंग्रेजी में रूपांतरित कर केप वेर्दे कर दिया गया था.
श्रीलंका
श्रीलंका को ब्रिटिश राज के समय सीलोन के नाम से जाना जाता था. 1972 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद ही आधिकारिक रूप से देश का नाम बदल कर श्रीलंका कर दिया था. लेकिन 2011 में पुराने नाम को सरकारी इस्तेमाल से पूरी तरह हटाया गया.
म्यांमार
1989 में बर्मा की सैन्य सरकार ने देश का नाम बदल कर म्यांमार कर दिया था, लेकिन आज भी पूरी दुनिया में इस नए नाम को स्वीकार नहीं किया गया है. संयुक्त राष्ट्र म्यांमार को स्वीकार कर चुका है, लेकिन अमेरिका आज भी बर्मा नाम का ही इस्तेमाल कर सकता है.
तिमोर लेस्ते
तिमोर लेस्ते दक्षिणपूर्वी एशिया में स्थित है जो कभी इंडोनेशिया के अधीन था. पहले इसे ईस्ट तिमोर के नाम से जाना जाता था लेकिन 2002 में इंडोनेशिया से आजादी पाने के बाद देश का नाम तिमोर लेस्ते कर दिया गया.
कांगो डीआरसी
अफ्रीकी देश कांगो डीआरसी को 1971 से 1997 तक जाएर के नाम से जाना जाता था. इस दौरान सैन्य तानाशाह मोबुतु ने सत्ता हासिल कर देश का नाम बदल कर जाएर कर दिया था. लेकिन 1997 में मोबुतु के देश छोड़ कर भाग जाने के बाद फिर से कांगो डीआरसी नाम अपना लिया गया.
ईरान
ईरान मूल और काफी पुराना नाम माना जाता है लेकिन पश्चिम के देश ईरान को पर्शिया के नाम से जानते थे. 1935 में पहली बार ईरान के राजा रजा शाह ने दुनिया के दूसरे देशों से कहा कि वो ईरान नाम का ही इस्तेमाल करें. तब से आधिकारिक रूप से देश का नाम ईरान ही है.
थाईलैंड
थाईलैंड को ऐतिहासिक रूप से सियाम के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1939 में आधिकारिक रूप से देश का नाम बदल कर थाईलैंड कर दिया गया.
जॉर्डन
जॉर्डन देश को जॉर्डन नदी के ही नाम से जाना जाता है. ऐतिहासिक रूप से इसे ट्रांसजोर्डन कहा जाता था, यानी जॉर्डन नदी के पार का इलाका.
घाना
आज का अफ्रीकी देश घाना कभी एक पूरा प्रांत हुआ करता था जिसे गोल्ड कोस्ट के नाम से जाना जाता था. 1957 में कई इलाकों को मिला कर घाना नाम दे दिया गया.
बोत्सवाना
अफ्रीकी देश बोत्सवाना को पहले बेचुआनालैंड के नाम से जाना जाता था. 1885 में ब्रिटेन ने दक्षिणी अफ्रीका में बेशुआनालैंड प्रोटेक्टरेट की स्थापना की थी. 1966 में आजादी मिलने के बाद देश का नाम बोत्सवाना रख दिया गया.