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समाज

डब्ल्यूएचओः शायद कोरोना वायरस कभी जाए ही ना

१४ मई २०२०

डब्ल्यूएचओ ने आगाह करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस शायद कभी खत्म नहीं हो और विश्व की आबादी को इसके साथ ही जीना सीखना होगा. उसके मुताबिक जिस तरह से आबादी एचआईवी के साथ जी रही है उसे कोरोना के साथ भी जीना सीखना होगा.

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Symbolbilder Kinder mit Mundschutzmasken
तस्वीर: picture-alliance/abaca/A. Marechal

दुनियाभर में कोरोना वायरस से 43 लाख से अधिक लोग पीड़ित हैं और महामारी के कारण मृतकों की संख्या 3 लाख के करीब पहुंचने वाली है. पिछले साल चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस का अब तक इलाज नहीं मिल पाया है. दुनिया के कई देशों में 100 से अधिक वैक्सीन पर काम चल रहा है. भारत में भी वैक्सीन को तैयार करने में कंपनियां जुटी हुई हैं हालांकि वैक्सीन को तैयार होने में सालों लगते हैं लेकिन वैज्ञानिक इसे जल्द से जल्द बनाना चाहते है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस शायद कभी खत्म नहीं हो और विश्व की आबादी को इसके साथ ही जीना सीखना होगा. अब तक दुनिया के 210 देश कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशों ने लॉकडाउन लगाया था और अब धीर-धीरे पाबंदियों में ढील दी जा रही है, हालांकि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस शायद ही कभी पूरी तरह से खत्म हो.

डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के निदेशक माइकल रायन के मुताबिक, "मानव आबादी में एक नया वायरस पहली बार प्रवेश कर रहा है और इसिलए यह अनुमान लगाना बहुत कठिन है कि हम कब इस पर जीत हासिल करेंगे." उन्होंने आगे कहा, "यह अन्य वायरस की तरह कभी खत्म ही ना हो. एचआईवी भी खत्म नहीं हुआ है. लेकिन हमने एचआईवी से निपटने के तरीके निकाल लिए हैं." दुनिया की आधी से अधिक आबादी पाबंदियों के साथ रह रही है.

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कई देशों में अब भी लॉकडाउन लगा है.तस्वीर: Getty Images/J. McCarthy

लेकिन डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि पाबंदियों में ढील देने से संक्रमण की दूसरी लहर नहीं शुरू होगी. दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस के मुताबिक, "कई देश पाबंदी से बाहर आने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. लेकिन हमारी सलाह है कि जहां तक संभव हो हर एक देश को उच्च स्तर पर सतर्क रहने की जरूरत है."

रायन कहते हैं कि सामान्य रास्ते पर लौटने में हमें अभी लंबा सफर तय करना है. उनके मुताबिक, "कुछ जादुई सोच चल रही है कि लॉकडाउन बहुत अच्छा काम करता है और लॉकडाउन हटाना और भी अच्छा होगा. दोनों खतरे से भरे हैं." इसी के साथ रायन ने महामारी से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की भी निंदा की, उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में 11 देशों में 35 से अधिक हमलों की घटनाएं दर्ज की गई. उनके मुताबिक इस तरह के हमले तभी होते हैं जब समुदायों को जरूरी सूचना नहीं होती है. साथ ही रायन ने कहा कि वायरस को काबू करने के लिए वैक्सीन की खोज और इस तक व्यापक पहुंच पूरे मानव जगत के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है.

एए/सीके (एएफपी)

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