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भारत में भी वायरस के नए मामले सामने आए

आमिर अंसारी
१० मार्च २०२०

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर पहुंचे. कोविड-19 के फैलने के बाद यह चीनी राष्ट्रपति का पहला वुहान दौरा है.

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China Xi Jinping besucht die Tsinghua Universität in Peking
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot/Yan Yan

चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में पहली बार संदिग्ध बीमारी के बारे में पता चला था. तब कहा गया था कि यह प्रकार का निमोनिया है, लेकिन बाद में इसे कोरोना वायरस या कोविड-19 बताया गया है. वायरस फैलने के बाद पहली बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान का दौरा किया.

चीन से निकला कोरोना वायरस दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है. जानलेवा वायरस के कारण दुनिया भर में 4,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं एक लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. भारत में तमाम एहतियात के बावजूद संक्रमित लोगों की संख्या 46 के करीब पहुंच गई है. 

चीनी राष्ट्रपति के इस दौरे की घोषणा नहीं हुई थी और सांकेतिक लिहाज से इसे अभूतपूर्व माना जा रहा है. वायरस के फैलने के बाद वुहान और मध्य हुबेई प्रांत को जनवरी के आखिर में एक तरह से सील कर दिया गया था. वायरस से निपटने के लिए जिस तरह से वुहान और हुबेई में कदम उठाए गए थे उसके नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं, हाल के हफ्तों में नए मामलों में नाटकीय रूप से गिरावट दर्ज की गई है. चीनी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रपति शी एक विमान से हुबेई की राजधानी में "महामारी की रोकथाम और नियंत्रण कार्य का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे हैं." शिन्हुआ के मुताबिक राष्ट्रपति चिकित्साकर्मी, सैन्य अधिकारी, सामुदायिक कर्मचारी, पुलिस, मरीज और नागरिकों से मुलाकात करेंगे. ऐसा माना जाता है कि वायरस वुहान के सी फूड मार्केट से फैला. फिर यह तेजी के साथ चीन और उसके बाद वैश्विक महामारी बन गया. इस महामारी के कारण दुनिया भर में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 1,10,000 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें अधिकतर मामले चीन में हैं, हालांकि वायरस से जुड़े मामले चीन के बाहर तेजी से रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं. चीन में मंगलवार को सिर्फ 19 मामले ही दर्ज किए गए हैं, 21 जनवरी से डाटा जमा करने के काम की शुरुआत के बाद यह अब तक का सबसे कम आंकड़ा है.

दूसरी ओर भारत में कोरोना वायरस के अब तक 46 मामलों की पुष्टि हो गई है. केरल, पंजाब, कश्मीर, कर्नाटक में 1-1- और पुणे में दो व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इनमें तीन साल का बच्चा भी शामिल है जो केरल का रहने वाला है और वह इटली से लौटा था. पुणे में एक दंपति की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है, यह दंपति एक मार्च को ही दुबई से लौटे थे. इससे पहले अमेरिका से लौटा युवक कर्नाटक में और इटली से लौटा युवक पंजाब में संक्रमित पाया गया था. विदेशों में फंसे भारतीय का रेस्क्यू जारी है. मंगलवार को ईरान से 58 श्रद्धालुओं को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचा. यह सभी भारतीय पिछले कुछ दिनों से तेहरान में फंसे हुए थे. भारतीयों की वापसी के बाद विदेश मंत्री एस जयंशकर ने "मिशन कंप्लीटेड" का ट्वीट किया. https://twitter.com/DrSJaishankar/status/1237235125462552576

इससे पहले भी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर 27 फरवरी को 76 लोगों का चीन के वुहान से रेस्क्यू कर चुका है. जिनमें 36 विदेशी नागरिक शामिल थे.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय वायरस से निपटने को लेकर सभी भाषाओं में राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर रहा है. उनके मुताबिक डब्‍ल्‍यूएचओ के ग्‍लोबल अलर्ट जारी करने से पहले ही सरकार ने इस वायरस से निपटने को लेकर कवायद शुरू कर दी थी. डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि यही कारण है कि भारत बाकी देशों से आज बेहतर स्थिति में हैं.

दूसरे देशों की बात की जाए तो चीन के बाद सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई है. इटली में अब तक 460 के करीब लोगों की मौत हो गई है जबकि संक्रमण के 7,900 के मामले सामने आ चुके हैं. यूरोप में सबसे ज्यादा इटली ही प्रभावित हुआ है. दूसरी ओर जर्मन स्वास्थ्य मंत्री येंस स्पान ने कहा है कि कोरोना वायरस का प्रकोप अब तक देश में चरम स्तर पर नहीं पहुंचा है. उन्होंने रोजमर्रा के कार्यों में और पाबंदियों की संभावना जताई है. स्पान ने कहा,"प्राथमिक लक्ष्य इसके प्रकोप को कमजोर करना है." जर्मनी में कोरोना वायरस से सोमवार को पहली दो मौतें दर्ज की गई हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अब कोरोना वायरस के महामारी में बदलने का असली खतरा पैदा हो गया है. संगठन के प्रमुख ट्रेडोस घेब्रेयासुस ने कहा कि कोरोना वायरस के महामारी बनने का वास्तविक खतरा अब पैदा हुआ है. हालांकि, उन्होंने जोर दिया, "यह इतिहास की पहली महामारी होगी जिसको नियंत्रित किया जा सकता है. हम वायरस की दया पर नहीं हैं."

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