इस इक्थियोसॉर का सिर्फ सिर ही एक टन का था
युनाइटेड किंगडम के रटलैंड में साधारण रखरखाव के लिए जब एक जलाशय को सुखाया गया तो निकल कर आए 18 करोड़ साल पुराने एक जीव के अवशेष. इतना बड़ा इक्थियोसॉर ब्रिटेन में आज तक कभी नहीं पाया गया.
एक अदभुत खोज
जीवाश्म वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स में इस विशालकाय अवशेष को धरती की गोद से बाहर निकाला है. यह ब्रिटेन में आज तक मिले अवशेषों में सबसे बड़ा और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित अवशेष है.
जलाशय का रहस्य
फरवरी 2021 में पानी की कंपनी ऐंग्लियन वॉटर ने रटलैंड वॉटर नेचर रिजर्व के जलाशय के किनारों को लैंडस्केप करने की योजना बनाई. लेकिन इसके लिए जब जलाशय को सुखाया गया तो उसके नीचे जमीन पाई गई.
लाखों सालों से लुप्त
संरक्षण वालों की एक टीम इस इलाके के निरीक्षण के लिए आई. निरीक्षण के दौरान टीम के प्रमुख जो डेविस को कुछ गोल आकृतियां मिट्टी में से निकलती हुई दिखाई दीं. उनके सहकर्मी ने कहा कि ये बस पुरानी मिट्टी के पाइप हैं, लेकिन डेविड को कुछ और ही शक था.
हफ्तों चली खुदाई
जीवाश्म वैज्ञानिक और इक्थियोसॉर विशेषज्ञ डीन लोमैक्स (दाहिनी तरफ से तीसरे) और उनकी टीम ने वहां खुदाई शुरू की. पूरा अगस्त उन्होंने एक के बाद एक टुकड़े को निकला और इस तरह धीरे धीरे कर पूरा ढांचा उनके सामने आया.
10 मीटर से भी ज्यादा लंबा
जल्द ही स्पष्ट हो गया कि अवशेष एक इक्थियोसॉर का था. ब्रिटेन में इन लुप्त विशालकाय समुद्री जीवों के कई कंकाल मिले हैं. सबसे पहला कंकाल 1811 में 12 साल की मैरी ऐनिंग और उनके भाई को मिला था.
लगभग पूरा ढांचा
खुदाई जारी रही और आगे जा कर इक्थियोसॉर का लगभग पूरा ढांचा सामने आया. इस तस्वीर में उसकी पूंछ का सिरा दिखाई दे रहा है. ये जीव नौ से 25 करोड़ साल पहले समंदर में घूमा करते थे. जीवाश्म वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रटलैंड वाला अवशेष करीब 18 करोड़ साल पुराना है.
सिर से पूंछ तक
इस जीव का पूरा विस्तार धीरे धीरे सामने आया. इसका शरीर करीब 10 मीटर लंबा है, यानी लगभग एक ब्लू व्हेल जितना लंबा.
एक टन का सिर
मुमकिन है कि दूसरे समुद्री जीव इससे डर कर ही रहते हों. सिर्फ इसकी खोपड़ी का ही वजन करीब एक टन है. यह ढांचा खारे पानी के एक चपटे मगरमच्छ के जैसा दिख सकता है लेकिन ज्यादा संभावना है कि अपने समय में यह जीव उससे कहीं ज्यादा शानदार रहा होगा.
उचित दूरी बनाए रखें
कंप्यूटर से बनाई गई इस तस्वीर में ऐसा लग रहा होगा कि यह जीव मुस्कुरा रहा है लेकिन इक्थियोसॉर परभक्षी थे. इनमें वयस्क कछुओं और पक्षियों को खाते थे. संभव है कि वो दूसरे छोटे इच्थियोसॉर को भी खाते हों.