डूबते गांव के उदास लोग
फिजी के कोरल से भरपूर तट पर बसा छोटा सा गांव नामाताकुला डूब रहा है. लेकिन यहां बसे 600 लोग वहां से जाने के बजाए गांव को बचाने में जुटे हैं.
डबूता नामाताकुला
समुद्र नामाताकुला को धीरे-धीरे निगल रहा है. सरकार कह रही है कि इन लोगों को निकट भविष्य में किसी ऊंचाई वाली जगह पर विस्थापित होना होगा. अपने नामी-गिरामी अंतरराष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ियों के लिए अपने इतिहास और संस्कृति को यूं छोड़ जाना आसान नहीं है.
निगल लिया मैदान
गांव का बीच अपनी सफेद, मुलायम रेत के लिए रग्बी खेलने और प्रशिक्षण के लिए एकदम सटीक जगह थी. लेकिन समुद्र पहले ही खेल के मैदान को निगल चुका है. अब वहां बस पत्थरों और चट्टानों से बनी दीवार बची है जिसे गांव में पानी घुसने से रोकने के वास्ते बनाया गया है.
संकट में फिजी
संकट में फिजी फिजी दुनिया के उन देशों में से है जहां जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते समुद्र जल स्तर का खतरा सबसे ज्यादा है. 2021 में देश की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर जलवायु आपातकाल घोषित किया था.
खतरे वाले गांव
इस साल के आखिर तक एक ऐसी पद्धति तैयार की जानी है जिसके आधार पर उन गांवों की पहचान की जाएगी, जिनके डूबने का सबसे ज्यादा खतरा है.
पुनर्वास प्राथमिकता नहीं
फिजी के अर्थव्यवस्था मंत्रालय में जलवायु परिवर्तन के मामलों को देखने वाले विशेषज्ञ शिवनाल कुमार कहते हैं कि जो गांव सबसे अधिक खतरे में हैं वहां लोगों के पुनर्वास को प्राथमिकता में रखा जाना है. हालांकि पुनर्वास अपने आप में प्राथमिकता नहीं है. कुमार कहते हैं कि पहले नए हालात के मुताबिक गावों को ढालने की कोशिश की जाएगी और ऐसा ना हो पाया तो पुनर्वास होगा.
कई जगह विस्थापन
वैसे, फिजी के कई गांवों के लोगों को पहले ही पुनर्वासित किया जा चुका है. अत्याधिक उग्र मौसम या बढ़ते समुद्र जल स्तर के कारण वुनिदोगोलोआ और डेनीमनु जैसे गांवकों के लोगों को पुनर्वासित किया गया है जबकि देश के प्रधानमंत्री फ्रांक बेनीमारामा के गांव किऊवा और कुमी जैसे गांवों में सुरक्षा दीवार बनाई गई है.