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समाज

अलीबाबा के खिलाफ चीन ने दिए जांच के आदेश

२४ दिसम्बर २०२०

चीन के नियामक ने जैक मा के अलीबाबा समूह के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच यानी एकाधिकार का गलत इस्तेमाल करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. चीनी सरकार को शक है कि अलीबाबा एकाधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहा है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Lopez

चीनी सरकार के बाजार विनियमन ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि उसने अलीबाबा के संदिग्ध एकाधिकार कार्य की जांच के आदेश दिए हैं. बाजार नियामक ने कहा कि वह अलीबाबा की "दो में से एक चुनो" की नीति पर नजर रख रहा था. जिसके लिए व्यापार भागीदारों को प्रतियोगियों के साथ काम करने से बचने की आवश्यकता होती है. असल में अलीबाबा अपने पार्टनरों के साथ ऐसा समझौता करता है ताकि वे प्रतिद्वंदी प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद नहीं बेच पाएं. यानी जो विक्रेता अलीबाबा के साथ व्यापार कर रहे हैं वो किसी दूसरी कंपनी के साथ व्यापार नहीं कर सकते हैं.

नियामक ने कहा कि वह अलीबाबा की वित्तीय सेवा सहायक एंट समूह के साथ "पर्यवेक्षी और मार्गदर्शन" वार्ता भी आयोजित करेगा. गौरतलब है कि पिछले महीने बीजिंग ने एंट समूह के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को खारिज कर दिया था. इस आईपीओ को भारी प्रतिक्रिया मिली थी. शंघाई और हांगकांग के शेयर बाजार में लिस्टिंग के ठीक दो दिन पहले चीन सरकार ने आईपीओ पर रोक लगा दी थी. एंट समूह ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि "वह विनियामक विभाग के सभी नियामक आवश्यकताओं का सख्ती से पालन करेगा और उससे जुड़े कार्य करने के लिए प्रयास करेगा."

चीनी नेताओं ने पहले ही कहा था कि वे एकाधिकार विरोधी कदम को तेज कर देंगे. वे विशेष रूप से अलीबाबा और अन्य प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के बारे में चिंतित थे जो वित्त और स्वास्थ्य देखभाल के बाजार में विस्तार कर रही हैं.

एंट समूह अपने मुख्य उत्पाद अलीपे की सफलता के बाद तेजी से बढ़ा है. अलीपे एक ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म है जिसने चीनी अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है. अलीपे लाखों लोगों और छोटे व्यवसायों को ऋण, ऋण निवेश और बीमा जैसे उत्पाद देता है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक अखबार पीपुल्स डेली ने अपने संपादकीय में लिखा, "यह हमारे देश के लिए इंटरनेट क्षेत्र में एकाधिकार-विरोधी निगरानी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, अगर एकाधिकार को सहन किया जाता है और कंपनियों को अव्यवस्थित तरीके से विस्तार करने की इजाजत दी जाती है तो उद्योग का विकास स्वस्थ और टिकाऊ तरीके से नहीं होता है."

अलीबाबा के संस्थापक और चीन के सबसे अमीर व्यक्ति जैक मा पूर्व में चीन की वित्तीय प्रणाली पर भड़ास तक निकाल चुके हैं. वे चीन के सरकारी बैंक को "ब्याजखोर की दुकान" तक कह चुके हैं.

एए/सीके (एपी, एएफपी)

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