आसमान में चीनी विमानों की कार्रवाई के खतरनाक संकेत
९ जून २०२२चीन ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है कि साउथ चाइना सी में "अतिसक्रिय" कार्रवाइयां बंद कर दे. हाल ही में चीन और ऑस्ट्रेलिया के विमान आमने-सामने आ गए थे जिसके बाद दोनों देशों पर गंभीर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.
एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि चीन ने उसके निगरानी विमान का रास्ता रोका. हालांकि चीन की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई थी लेकिन बुधवार को उसने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी जारी की जिसे घटना की पुष्टि के रूप में भी देखा जा रहा है.
रविवार को ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि 26 मई को चीन का जे-16 लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना के पी-8 विमान के बेहद करीब आ गया था. ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि उसका समुद्री निगरानी करने वाला विमान अंतरराष्ट्रीय उड़ान क्षेत्र में रूटीन पट्रोलिंग कर रहा था, जब यह घटना घटी.
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी विमान ने उसके विमान के पास से गुजरते हुए चिंगारियां छोड़ीं. उसके बाद जे-16 ऑस्ट्रेलियाई विमान के एकदम सामने आ गया और उसके ऊपर राख फेंकी. मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस राख में एल्युमिनियम के बारीक कण भी शामिल थे जो ऑस्ट्रेलियाई विमान के इंजन में चले गए.
ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी
चीनी मंत्रालय के प्रवक्ता तान केफाई ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई विमान पार्सल आईलैंड्स के पास उस अंतरराष्ट्रीय वायुसीमा में तो नहीं घुसा, जिस पर चीन दावा करता है लेकिन उसने "चीन की संप्रभुता और सुरक्षा को गंभीर खतरा" पैदा कर दिया था. तान ने कहा, "चीनी सेना ने जो कदम उठाया वह पेशेवराना, सुरक्षित, तार्किक और वैध था."
तान ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी जारी करते हुए कहा, "ऑस्ट्रेलिया का पक्ष एकदम स्पष्ट हो चुका है. वे बार-बार गलत जानकारियां फैला रहे हैं और विवाद को उकसा रहे हैं. चीन इसका विरोध करता है. हम ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी देते हैं कि इस तरह के खतरनाक भड़काऊ कार्रवाइयां बंद करे और अपनी नौसेना व वायु सेना पर सख्त नियंत्रण रखे. नहीं तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे."
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साउथ चायना सी में बहुत से ऐसे छोटे-छोटे द्वीप हैं जिन्हें चीन अपना बताता है और उनके आसपास के समुद्र को अपनी सीमा में मानता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीजियां ने सोमवार को कहा था कि ऑस्ट्रेलिया को चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों का सम्मान करना चाहिए.
ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंधों में तनाव
ऑस्ट्रेलिया के लिए यह नाजुक स्थिति है क्योंकि हाल ही में नई सरकार ने कामकाज संभाला है. नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी पर चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने चीन के प्रति नरम होने के आरोप लगाए थे, जिनका उन्होंने पुरजोर खंडन किया था. प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने चीन के प्रति सख्त बयान भी दिया था, ताकि घरेलू स्तर पर संकेत दे सकें कि वह चीन को लेकर किसी तरह की नरमी नहीं बरतेंगे.
इस हफ्ते वह इंडोनेशिया के दौरे पर थे, जबकि चीनी विमान से ऑस्ट्रेलियाई विमान के आमने-सामने होने की खबर आई. उन्होंने इस कार्रवाई को आक्रामकता का खतरनाक कदम बताया. अल्बानीजी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया की सरकार का, हमारे रक्षा मंत्रालय का रुख यही है कि यह (चीनी विमान की कार्रवाई) सुरक्षित नहीं था. हमने चीन की सरकार को उचित संदेश दे दिया है और अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं."
ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार के शपथ लेने के बाद चीन ने अल्बानीजी को बधाई देते हुए कहा था कि दोनों देशों के संबंधों को दोबारा सही रास्ते पर लाने की जरूरत है. ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत शाओ कियान ने कहा था कि संबंधों की बेहतरी के लिए पिछले कदमों की समीक्षा की जरूरत है. हालांकि चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में उन्होंने कहा जब तक राजनीतिक संबंधों में सुधार नहीं होता, तब तक व्यापार प्रतिबंध नहीं हटाए जा सकते.
चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार है. लेकिन बीते तीन साल से दोनों देशों के बीच संबंध लगातार खराब होते गए हैं. चीन ने ऑस्ट्रेलिया के कई अहम उत्पादों पर प्रतिबंध लगा रखा है जिनकी कीमत 20 अरब डॉलर से भी ज्यादा बनती है. ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि ये प्रतिबंध हटाए जाएं और एंथनी अल्बानीजी यह मांग भी कर चुके हैं.
कनाडा ने भी लगाए थे आरोप
जैसे आरोप ऑस्ट्रेलिया ने लगाए हैं, वैसे ही आरोप पिछले हफ्ते की शुरुआत में कनाडा ने चीन पर लगाए थे. कनाडा की सेना ने कहा था कि चीन के लड़ाकू विमान अंतरराष्ट्रीय समुद्र में उसके विमानों से उलझने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर कोरिया की निगरानी में तैनात कनाडाई विमानों ने यह शिकायत की थी.
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कनाडा ने कहा है कि उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के उल्लंघन से रोकने के लिए निगरानी करने वाले उसके विमानों को चीन की सेना परेशान कर रही है. कनाडा की सेना का कहना है कि कई बार चीनी विमान उसके विमानों के रास्ते में आ गए जिस कारण उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ा. उसका आरोप है कि 26 अप्रैल से 26 मई के बीच पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के विमानों ने कई बार रॉयल कनेडियन एयर फोर्स के सीपी-140 औरॉरा पट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का रास्ता रोका. बुधवार को जारी एक बयान में कनाडा की सेना ने कहा कि एक महीने के भीतर ऐसा एक से ज्यादा बार हुआ.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चीन की वायुसेना की कार्रवाई को "भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना" बताया था. इसके जवाब में चीन ने कनाडा पर भी भ्रामक जानकारियां फैलाने का आरोप लगाया. लीजियां ने कहा कि कनाडा को तथ्यों का सम्मान करना चाहिए और गलत सूचनाएं नहीं फैलानी चाहिए. उन्होंने कहा, "कनाडा के लड़ाकू विमानों का चीन की टोह लेना पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ है. किसी भी बहाने से चीन की संप्रभुत और सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का हम सख्त विरोध करते हैं."