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चीन में विकास की रफ्तार थमी

१५ जुलाई २०२२

चीन ने कोविड-19 की शुरुआत के बाद से सबसे धीमी आर्थिक विकास दर दर्ज की है. इसे बार बार लगाई जाने वाली तालाबंदी और प्रॉपर्टी बाजार में आई मंदी का नतीजा बताया जा रहा है.

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Hongkong | 25. Jahrestag der Rückgabe an China
तस्वीर: Selim Chtayti/REUTERS

ताजा आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सिर्फ 0.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की. जनवरी से मार्च की तिमाही के मुकाबले अप्रैल से जून की तिमाही में जीडीपी 2.6 प्रतिशत सिकुड़ गई.

नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 3.9 प्रतिशत वृद्धि हुई और खुदरा बिक्री में भी 3.1 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई.

मई 2022 में खुदरा बिक्री 6.7 प्रतिशत गिर गई थी. समीक्षकों का कहना है कि इसमें उछाल एक उम्मीद देने वाला संकेत है. शहरी बेरोजगारी भी मई के मुकाबले चार अंक गिरी. मई में वह 5.9 प्रतिशत थी. लेकिन जीडीपी के सिकुड़ने को अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है. हाल के दशकों में चीन की जीडीपी का सिकुड़ना सिर्फ एक बार देखा गया है.

शंघाई
शंघाई में लॉकडाउन का दृश्यतस्वीर: CFOTO/picture alliance

समीक्षकों का अनुमान है कि इससे पूरे साल की विकास दर पर भी असर पड़ेगा. पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के शीवेई शांग कहते हैं कि अर्थव्यवस्था "धीमी रिकवरी की राह पर है...आर्थिक वृद्धि अभी भी जितनी हो सकती है उससे नीचे ही है क्योंकि कोविड के फिर से फैलने को लेकर डर उपभोक्ताओं और कंपनियों के मनोभाव पर हावी है."

स्टैगफ्लेशन का जोखिम

चीन अपनी जीरो-कोविड रणनीति पर अड़ा हुआ है जिसके तहत वायरस के कहीं भी सामने आते ही तुरंत लॉकडाउन और लंबी अवधि के क्वारंटाइन लागू कर दिए जाते हैं, लेकिन इससे व्यापार का बुरा हाल हो गया है और ग्राहक भी परेशान हैं.

देश के सबसे बड़े शहर शंघाई को हाल ही में कोविड-19 के नए मामलों की वजह से दो महीनों तक सील रखा गया था. इस दौरान सप्लाई चेन कमजोर पड़ गईं और फैक्टरियों को मजबूरन अपना काम बंद करना पड़ा.

ब्यूरो के प्रवक्ता फु लिंगुई ने मांग में कमी और आपूर्ति के भंग होने को लेकर कहा, "देश के अंदर महामारी का असर अभी भी जारी है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी स्टैगफ्लेशन का जोखिम भी बढ़ रहा है."

चीन
चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र में आई मंदी का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा हैतस्वीर: Wiktor Dabkowski/ZUMA/picture alliance

प्रॉपर्टी बाजार में मंदी

अर्थशास्त्रियों ने लंबे समय से चीन के आधिकारिक डाटा पर सवाल उठाए हैं और राजनीतिक उद्देश्यों की वजह से आंकड़ों में हेर फेर किए जाने का संदेह व्यक्त किया है. कैपिटल इकोनॉमिक्स में वरिष्ठ चीन अर्थशास्त्री जूलियन एवंस-प्रिचार्ड कहते हैं कि चीन का दूसरी तिमाही का विकास "तालाबंदी की वजह से गतिविधियों को पहुंचे नुकसान से मेल नहीं खाता है."

उन्होंने यह भी कहा, "जून में आई मजबूती को अगर हिसाब में ले तो भी आंकड़े पिछली तिमाही में दिखी नेगेटिव सालाना बढ़ोतरी की तर्ज पर ही हैं." ये आंकड़े ऐसे समय पर आए हैं जब चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र में भी चुनौतियां बढ़ रही है.

कुछ अनुमानों के मुताबिक यह क्षेत्र चीन की एक चौथाई जीडीपी के बराबर है. हाल के महीनों में घरों की बिक्री में काफी कमी आई है. घर खरीदने वाले ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो ऋण नहीं चुका रहे हैं क्योंकि उन्हें चिंता है कि उनका मकान समय पर बन कर तैयार नहीं होगा.

सीके/एए (एपी, एएफपी)

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