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समाज

सीडीएस जनरल रावत बोले साइबर हमला करने में सक्षम चीन

८ अप्रैल २०२१

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चीन भारत पर साइबर हमले शुरू करके सिस्टम को बाधित कर सकता है और इस तरह के किसी भी कदम का मुकाबला करने के लिए भारत और इसका तंत्र तैयार है.

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तस्वीर: Nicolas Asfouri/AFP/Getty Images

जनरल रावत ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि चीन भारत पर साइबर हमले करने में सक्षम है और तकनीक के मामले में दोनों देशों की क्षमताओं में अंतर है. विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में "वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को पूरा करने के लिए सशस्त्र बलों को आकार देने" पर अपनी बात रखते हुए, जनरल रावत ने कहा, "हम चीन के साथ पूरी तरह से पकड़ में नहीं आ सकते हैं. इसलिए हम किसी तरह के संबंध विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. हम पश्चिमी देशों की और देखते हैं कि कम से कम शांति समय के दौरान हम उनसे कुछ समर्थन कैसे प्राप्त कर सकते हैं, जो हमें इस कमी को दूर करने में मदद करेगा."

रावत ने कहा कि चीन को पहले मूवर्स का फायदा है, क्योंकि भारत साइबर युद्ध क्षमताओं को अपनाने के लिए धीमा था, जिसके कारण अंतर पैदा हो गया. उन्होंने कहा, "साइबर क्षेत्र में सबसे बड़ा अंतर निहित है. हम जानते हैं कि चीन हम पर साइबर हमले शुरू करने में सक्षम है और यह बड़ी संख्या में प्रणालियों को बाधित कर सकता है."

संसद में पेश आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2019 की तुलना में पिछले साल साइबर हमलों में लगभग 300 प्रतिशत की उछाल देखी गई, जो 2019 में 3,94,499 मामलों से बढ़कर 2020 में 11,58,208 हो गया है, जो सरकार के लिए चिंताजनक है. 

Indien Armee Bipin Rawat
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत.तस्वीर: Imago/ZUMA Press

रावत ने कहा, "हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह एक प्रणाली है जो साइबर रक्षा को सुनिश्चित करेगी. हम सशस्त्र बलों के भीतर एक साइबर एजेंसी बनाने में सक्षम हैं और प्रत्येक सेवा की अपनी साइबर एजेंसी भी है." 

जनरल रावत का कहना है कि इस मामले में चीन आगे है, लेकिन भारत भी अपनी तकनीकों को विकसित कर रहा है. उनके मुताबिक, "साइबर के क्षेत्र में चीन काफी पैसा लगाता आया है. इस तकनीक पर महारत हासिल करने के लिए उसने बहुत सारे कोष की व्यवस्था की है. जाहिर है कि इससे चीन को हम पर बढ़त मिली. हम भी अब साइबर की नई तकनीक विकसित करने में लगे हैं ताकि हम उनकी बराबरी में आ सकें." 

साइबर हमलावर देश के बड़े ढांचातंत्र पर हमले की कोशिश में रहते हैं, जिसमें पावर ग्रिड, महत्वपूर्ण विभाग और सरकारी एजेंसियां शामिल हैं. बैंक और वित्तीय संस्थाएं उनके निशाने पर हमेशा से रही हैं. 

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