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कैपिटोल हिल हमले में जा सकती थी नैंसी पेलोसी की जान

११ फ़रवरी २०२१

पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर चल रहे महाभियोग में संसद के अंदर लगे कैमरों की फुटेज दिखाई गई है जिससे पता चलता है कि स्पीकर नैंसी पेलोसी को अगर वक्त रहते सुरक्षाकर्मियों ने बाहर ना निकाला होता, तो उनकी जान जा सकती थी.

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Weltspiegel 11.02.2021 | USA Washington | Impeachment-Verfahren | Präsentation, Mike Pence
तस्वीर: U.S. Senate/REUTERS

अमेरिकी संसद कैपिटोल हिल पर हिंसा भड़काने के आरोप में डॉनल्ड ट्रंप पर चल रहे महाभियोग की सुनवाई के दूसरे दिन ऐसा वीडियो पेश किया गया जिसे देख कर पता चलता है कि यह हमला कितना खतरनाक था. सीसीटीवी कैमरों से ली गई फुटेज को संसद के नक्शे के साथ दिखाया गया ताकि समझाया जा सके कि दंगाई कैपिटोल के अंदर कहां कहां तक पहुंच गए थे.

वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही सुरक्षाकर्मी नैंसी पेलोसी और उनके स्टाफ को सुरक्षित कमरे में ले जाते हैं, उसके सिर्फ सात मिनट बाद दंगाइयों का एक झुंड वहां पहुंचता है. ये लोग नैंसी पेलोसी को खोज रहे हैं. एक व्यक्ति चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है, "नैंसी तुम कहां हो, हम तुम्हें ढूंढ रहे हैं, नैंसी.."

इम्पीचमेंट मैनेजर स्टेसी प्लैसकेट ने कहा, "सच्चाई सच्चाई है, फिर चाहे उसे माना जाए या नहीं और सच्चाई यह है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने महीनों तक अपने समर्थकों से एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आह्वान किया था. वे एक खास दिन, एक खास वक्त और खास जगहों की बात करते रहे.. तब तक, जब तक उनके समर्थकों ने इसे कैपिटोल पर हमला करने के संकेत के रूप में समझ नहीं लिया." प्लैसकेट ने कहा कि इन लोगों के हाथ जो भी कोई लग जाता, ये उसकी जान ले लेते.

प्लैसकेट ने वीडियो के जरिए यह भी समझाया कि दंगाई उपराष्ट्रपति और उनके परिवार से मात्र 100 फीट की दूरी पर थे. सीसीटीवी फुटेज में माइक पेंस और उनके परिवार को सुरक्षाकर्मियों द्वारा चेंबर से बाहर ले जाते देखा जा सकता है. प्लैसकेट ने कहा, "यह संयोग की बात नहीं है, कुछ भी संयोग से नहीं हुआ है. डॉनल्ड ट्रंप ने कई महीनों तक योजनाबद्ध तरीके से हिंसा को बढ़ावा दिया."

ट्रंप के खिलाफ एकजुट

महाभियोग के दौरान रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ गवाही दी. रिपब्लिकन जेमी रेस्किन ने कहा, "सबूत आपको दिखाएगा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इसमें बेकसूर मूक दर्शक नहीं थे. सबूत दिखाएगा कि उन्होंने ही 6 जनवरी की हिंसा भड़काई थी. वह दिखाएगा कि डॉनल्ड ट्रंप ने इसमें कमांडर इन चीफ की भूमिका निभाई."

इस दौरान ट्रंप द्वारा किए गए ट्वीट दिखाए गए. एक ट्वीट में वे (हिंसा भड़काने वालों से) कह रहे थे, "और हम लड़ेंगे. हम हर हाल में लड़ेंगे. और अगर आप नहीं लड़े तो आपके पास यह देश नहीं रहेगा.. आपको जोश जारी रखना होगा और आपको मजबूती से आगे बढ़ना होगा."

रिपब्लिकन जो नेगयूज ने कहा "कुछ लोगों का कहना है कि ट्रंप सिर्फ भाषण दे रहे थे. मैं यह जानना चाहूंगा कि हमारे इतिहास में ऐसा कब हुआ कि किसी राष्ट्रपति ने भाषण दिया और हजारों लोग संसद पर हमला करने पहुंच गए, वह भी हाथ में हथियार लिए.. यह मात्र एक भाषण नहीं था."

इस दौरान उन विज्ञापनों को भी दिखाया गया जो डॉनल्ड ट्रंप ने दिसंबर में चलवाए थे. एक का नाम था "फ्रॉड" और दूसरे को "स्टॉप द स्टील". ट्रंप अपने समर्थकों से यह कहते रहे कि उनसे यह चुनाव छीना जा रहा है, झूठे वोट डलवा कर उन्हें हराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. इस पर उन्होंने पांच करोड़ डॉलर तक खर्च किए. महाभियोग के दौरान कहा गया कि ट्रंप ने इन विज्ञापनों को 5 जनवरी तक चलवाया ताकि 6 जनवरी को हिंसा करवा सकें.

ना भूलने वाले पल

6 जनवरी की घटनाओं को याद करते हुए रिपब्लिकन मैडलीन डीन की आंखें भर आईं. उन्होंने कहा, "मैं कुछ साथियों के साथ गैलरी में खड़ी थी. तभी एक आवाज आई.. नीचे झुको.. फिर कहा.. लेट जाओ.. अपने ऑक्सीजन मास्क निकाल लो. इसकी कुछ देर बाद चेंबर के दरवाजों को जोर जोर से पीटने की आवाज आने लगी. मैं उन आवाजों को कभी भूल नहीं पाउंगी."

रिपब्लिकन डेविड सिसिलीन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि इस हमले के शुरुआती घटों में ट्रंप ने उसे रोकने की, लोगों को बचाने की कोई कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा, "उन्होंने एक बार भी इस हमले की निंदा नहीं की, बल्कि 6 जनवरी को अगर उन्होंने किसी की निंदा की थी तो वो थे उनके उपराष्ट्रपति माइक पेंस, जो इस इमारत में कहीं छिपने पर मजबूर थे क्योंकि उनकी और उनके परिवार की जान पर बन आई थी."

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