प्राकृतिक संसाधनों पर सरकारी कब्जे की होड़
हाल ही में चिली ने दो निजी लीथियम खनन कंपनियों के राष्ट्रीयकरण की घोषणा की है. पिछले तीन सालों में कई अन्य देशों ने अपने खनिज संसाधनों को सरकारी नियंत्रण में लाने का निर्णय लिया है.
चिली
लीथियम एक मुलायम सफेद धातु है जो इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोन और कम्प्यूटरों की बैटरियों में इस्तेमाल होता है. कार्बन मुक्त होने की वैश्विक दौड़ में लीथियम की भारी मांग है. दुनिया में सबसे ज्यादा लीथियम चिली में है. हाल ही में वहां की सरकार ने लीथियम एक्सट्रैक्शन में काम करने वाली दो निजी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने की घोषणा की है.
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया कभी निकल के दुनिया के प्रमुख निर्यातकों में से एक था. हालांकि, जून 2020 में देश ने निकल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इंडोनेशिया निकल के खनन से लेकर बैटरी बनाने के लिए धातुओं के इस्तेमाल पर खुद काम करने की योजना बना रहा है.
मेक्सिको
इस साल फरवरी में मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज मैनुअल लोपेज ओब्रादोर ने ऊर्जा मंत्रालय को देश के लीथियम भंडार की जिम्मेदारी देते हुए एक फरमान जारी किया था. अप्रैल 2022 में लीथियम भंडार का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था.
जिम्बाब्वे
पिछले दिसंबर में जिम्बाब्वे ने असंसाधित लीथियम के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार का कहना था लीथियम को खदानों से निकालकर सीमा पार ले जाने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया.
म्यांमार
टिन या रांगा इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग में इस्तेमाल होने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है. 2022 में म्यांमार के टिन उत्पादन का 70 प्रतिशत से अधिक वॉ जातीय समूह द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों से आया था. अप्रैल में वॉ मिलिशिया ने कहा था कि यह अगस्त से अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में खानों पर सभी काम को निलंबित कर देगा. इस कदम से टिन की कीमत में वृद्धि हुई.