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चेन्नई में बारिश का कहर

८ नवम्बर २०२१

दक्षिण भारत का प्रमुख शहर चेन्नई बारिश के कारण पूरी तरह थम गया. दो दिन से हो रही बारिश ने स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों समेत जनजीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है.

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तस्वीर: Arun Sankar/AFP/Getty Images

भारत की उत्पादन राजधानी कहा जाने वाला चेन्नई रविवार को जलमग्न हो गया. शनिवार रात से हो रही भारी बारिश के बाद हालात ऐसे थे कि कई निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.

स्थानीय मीडिया में ऐसे वीडियो दिखाए गए हैं जिनमें सड़कों को पानी से लबालब भरा देखा जा सकता है. पानी इतना ज्यादा था कि कारें तक डूबी दिखाई दे रही हैं. लोगों को निकालने के लिए रबर की नावों का इस्तेमाल किया गया. ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने ट्वटिर पर कहा कि उसने बाढ़ पीड़ितों के लिए कई जगह राहत केंद्र और मेडिकल कैंप लगाए हैं.

पानी को तरसती धरती की पांचवीं बड़ी नदी

हालात को देखते हुए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स को राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए बुलाया गया है. प्रशासन ने चेन्नई समेत चार जिलों के स्कूल कॉलेजों को कम से कम तीन दिन तक बंद रखने का ऐलान किया है. कम से कम चार दिन तक भारी बारिश के जारी रहने की संभावना जाहिर की गई है.

चेन्नई समेत कम से कम 12 जिलों में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मीडिया को बताया कि उन्होंने सभी मंत्रियों को राहत और बचाव कार्यों की कोशिशों में लग जाने के निर्देश दिए हैं. स्टालिन ने कहा, "मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट टीमों को प्रभावित इलाकों में भेज दिया है.”

2015 जैसी बारिश

मौसम पर लिखने वाले ब्लॉगर प्रदीप जॉन ने अपने फेसबुक पेज तमिलनाडु वेदरमैन पर कहा कि इस सप्ताहांत पर हुई बारिश चेन्नई में 2015 के बाद की सबसे तेज बारिश है. 2015 में नवंबर-दिसंबर में उत्तर पूर्वी मॉनसून के कारण पूरे दक्षिण भारत में भारी बारिश हुई थी.

1 दिसंबर 2015 को चेन्नई में भयंकर बारिश के बाद बाढ़ आ गई थी. 24 घंटे के भीतर 490 मिलीमीटर वर्षा ने कहर बरपाया था. शहर की उस भयानक बाढ़ में लगभग 300 लोग मारे गए थे और 18 लाख से ज्यादा प्रभावित हुए थे. उस बाढ़ में बीस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ था.

Indien | Überflutungen in Chennai
संकट में लोगतस्वीर: Sri Loganathan/ZUMA/picture alliance

रविवार को हुई बारिश ने चेन्नई के लोगों की छह साल पुरानी यादें ताजा कर दीं. चेन्नई के आसपास की सभी झीलों में पानी खतरे से ऊपर पहुंच गया है. चेंबरंबक्कम झील में 82 फुट से ज्यादा पानी भर चुका है. 2015 में भी इस झील में भरे पानी ने तबाही मचाई थी. अधिकारियों का कहना है कि अगर नियमित जितना पानी बाहर निकलता रहा तो ज्यादा खतरा नहीं है पर बारिश अधिक होती है तो बाढ़ आ सकती है.

केरल और उत्तराखंड के बाद

पिछले एक महीने में यह तीसरा ऐसा वाकया है जब एकाएक हुई बारिश के कारण आई बाढ़ ने लोगों को प्रभावित किया है. अक्टूबर में ही कोट्टायम समेत केरल के कई जिलों में बारिश के बाद बाढ़ आई थी. उस आपदा में 26 से ज्यादा लोगों की जान गई थी और हजारों लोग बेघर गए थे.

उसके फौरन बाद उत्तराखंड में भी भयानक बारिश ने तबाही मचाई और 40 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. सिर्फ नैनीताल में 25 लोगों की जान गई थी.

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