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समाज

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी

आमिर अंसारी
५ जनवरी २०२१

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने दो-एक के बहुमत से सेंट्रल विस्टा को मंजूरी दे दी है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं थीं, जिनमें लैंड यूज, पर्यावरण संबंधी याचिकाएं शामिल थीं.

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तस्वीर: IANS

सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है और इस फैसले के बाद अब नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं और पर्यावरण मंजूरी संबंधी मुद्दों को उठाया गया था. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ऐलान सितंबर 2019 में किया गया था. नया संसद भवन इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है. पिछले साल 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के लिए भूमि पूजन किया था. अब कोर्ट के फैसले से नई संसद बनने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण समिति की सिफारिशें सही है. कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल नहीं किया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण समिति की मंजूरी में भी त्रुटि नहीं है. कोर्ट का कहना है कि सेंट्रल विस्टा कमेटी की तरफ से मंजूरी देने में कोई गड़बड़ी नहीं की गई.

सरकार को शर्तों के साथ मिली मंजूरी

सेंट्रल विस्टा को जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने दो-एक के बहुमत से मंजूरी दी. बेंच में शामिल संजीव खन्ना ने अलग फैसला दिया, जिसमें परियोजना के अवार्ड के मुद्दे पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले को जनसुनवाई में वापस भेजा जाना चाहिए क्योंकि हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की पहले से मंजूरी नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले सरकार पर्यावरण कमेटी और हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी से मंजूरी ले.

याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "बहुत सारे याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग चिंताओं के साथ कोर्ट में याचिका दी थी. हमने कोर्ट में चेंज ऑफ लैंड यूज को लेकर याचिका दाखिल की थी. चेंज ऑफ लैंड यूज को तब मंजूरी मिली थी जब देश में लॉकडाउन लागू था. उस दौरान लोग अपनी राय दे नहीं पाए थे."

दिल्ली के लुटियंस इलाके में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया था. 7 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखने की मंजूरी दी थी, लेकिन इसके साथ में यह भी कहा था कि कोई निर्माण नहीं होगा. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि निर्माण के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखा जाना चाहिए. सेंट्रल विस्टा के तहत नए संसद भवन का भी निर्माण होना है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट करीब 20 हजार करोड़ का है, जिसमें से 971 करोड़ रुपये नए संसद भवन के निर्माण पर खर्च होंगे.

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