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मनीष सिसोदिया पर सीबीआई छापे

चारु कार्तिकेय
१९ अगस्त २०२२

सीबीआई ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर समेत कुल 21 स्थानों पर छापे मारे हैं. छापे दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में मारे गए हैं.

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मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदियातस्वीर: Qamar Sibtain/IANS

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के तीन महीनों बाद अब उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर हैं. सीबीआई ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में सिसोदिया के घर पर छापे मारे हैं.

छापों की जानकारी खुद सिसोदिया ने ट्वीट कर दी. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, "सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं . लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं.  बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-1 नहीं बन पाया."

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अन्य ट्वीटों में सिसोदिया ने लिखा, "ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें."

मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि सिसोदिया के घर के साथ सीबीआई ने कुछ सरकारी अधिकारियों के आवास समेत दिल्ली एनसीआर में कुल 21 ठिकानों पर छापे मारे हैं. हाल ही में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आबकारी नीति की जांच शुरू की थी.

क्या है नई आबकारी नीति

शाखा को संदेह है कि राजधानी में हाल ही में लागू की गई नई शराब नीति में अनियमितताएं हुई हैं. दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. इस घटनाक्रम के बाद सिसोदिया से 30 जुलाई को घोषणा की थी कि नई नीति को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाएगा.

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नई नीति नवंबर 2021 में लाई गई थी जिसके तहत दिल्ली में शराब की बिक्री के पूरे तंत्र में व्यापक परिवर्तन लाए गए थे. सरकार पूरी तरह से ग्राहकों को शराब बेचने के व्यापार से बाहर निकल गई थी और शराब की सभी सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया था.

शराब का खुदरा व्यापार पूरी तरह से निजी कंपनियों के हाथ में सौंप दिया गया था. उससे पहले शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार की 6,000 करोड़ रुपए सालाना कमाई होती थी और सरकार को उम्मीद थी कि नई नीति के बाद यह बढ़ कर 9,500 करोड़ हो जाएगी.

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लेकिन नीति लागू होने से पहले ही दिल्ली के शराब बाजार में जो उथल पुथल शुरू हुई वो कई महीनों तक चलती रही. लगभग आधी दुकानें बंद हो गईं. अप्रैल 2022 में जब दिल्ली में नए मुख्य सचिव नरेश कुमार की नियुक्ति हुई तो उन्होंने नई नीति में जांच के आदेश दिए.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कुमार की रिपोर्ट में नीति में कई अनियमितताओं को रेखांकित किया गया और दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की अनुशंसा की गई. आबकारी विभाग सिसोदिया खुद संभालते हैं इसलिए वो जांच कार्रवाई के केंद्र में हैं.

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