1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

चीनः यूरोप से लेगा ईवी पर ड्यूटी बढ़ाने का बदला!

१३ जून २०२४

यूरोपियन यूनियन(ईयू) ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर ड्यूटी में जबरदस्त बढ़ोत्तरी करके चीन और यूरोप के बीच व्यापारिक टकराव को हवा तो दे दी लेकिन अब डर है चीन के पलटवार का.

https://p.dw.com/p/4h0IE
चीन की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी बीवाईडी की कारें चीन में एक पोर्ट पर
यूरोप चीन की घरेलू कार कंपनियों को मिलने वाली छूट को गलत ठहराता हैतस्वीर: TANG KE/Avalon/Photoshot/picture alliance

यूरोपीय संघयूरोपियन संघ ने इसी हफ्ते कहा है कि वह सब्सिडी में छूट से जुड़ी अपनी एक जांच के बाद चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर 38 फीसदी की अतिरिक्त ड्यूटी लगाने जा रहा है. इसके बाद से चीन और यूरोप के बीच व्यापारिक जंग छिड़ने की संभावनाएं तेज हो गई हैं. चीन ने विश्व व्यापार संगठन के तहत ईयू पर कार्रवाई की बात कही है. यह स्थिति काफी जटिल रूप ले सकती है क्योंकि अगर यूरोप चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों के फैलते जाल को रोकना चाहता है तो चीन के पास भी यूरोप से होने वाले निर्यात पर कर लगाने का विकल्प है. कंपनियों को डर है कि चीन बदले की कार्रवाई करने के लिए ऐसे कदम उठा सकता है. हालात और बिगड़े तो दोनों ही तरफ निर्यातकों, आयातकों और लाखों लोगों के रोजगार पर असर भी पड़ सकता है. 

चीन ने अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उद्योग को रफ्तार देने के लिए रणनीतिक सूझबूझ दिखाते हुए, घरेलू कंपनियों को कई स्तरों पर सरकारी छूट दी. चीनी सरकार के मुताबिक, 2014 से 2022 के बीच उसने ईवी कंपनियों को सब्सिडी और कर में छूट देने के लिए 20,000 करोड़ युआन खर्च किए. इससे चीनी ईवी को वैश्विक बाजारों में अहम बढ़त मिलती है क्योंकि कंपनियां कारों की कीमत कम रखने में सक्षम है. ईयू ने चीनी कारों के बढ़ते प्रभाव को रोकने की कोशिश की है.

चीन में शाओमी की पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी का लॉन्च
चीनी सरकार ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पिछले सालों में बड़ी सरकारी छूट दी हैतस्वीर: Florence Lo/REUTERS

डेयरी उत्पादकों का डर

डेयरी उत्पादों से लेकर पोर्क का निर्यात करने वाली वैश्विक खाद्य कंपनियों में डर का माहौल है कि चीन में बनी ईवी पर यूरोपियन यूनियन में छूट-विरोधी ड्यूटी लगाए जाने के फैसले के बाद चीन पलटकर कार्रवाई जरूर करेगा. चीन के सरकारी मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक, घरेलू कंपनियां ईयू से आने वाले डेयरी और पोर्क में छूट के मसले पर जांच की सिफारिश करने की तैयारी में हैं. इसका नतीजा हो सकता है कि चीन में यूरोप से होने वाले आयात को लंबी अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाए.

2023 में, चीन के लिए यूरोप, डेयरी उत्पाद का सबसे बड़ा स्रोत रहा जहां से उसने करीब 36 फीसदी आयात किया. चीनी कंपनियों को यूरोपियन डेयरी और पोर्क आयात में छूट-विरोधी और सस्ता-माल बाजार में डालने के खिलाफ पड़ताल की गुजारिश करने का अधिकार है. यह बात चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने मीडिया से कही है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन की घरेलू कंपनियों को यह हक है कि वह बाजार में सामान्य प्रतियोगिता बनाए रखने और अपने हितों व अधिकारों की रक्षा के लिए जांच की अर्जी दे सकें."

चीनी कारों ने जर्मनी के सामने खड़ी कर दी है मुश्किल

किन उत्पादों पर होगा निशाना

न्यूजीलैंड में डेयरी कंपनीज एसोसिएशन की कार्यकारी निदेशक किंबर्ली क्रूथर ने कहा, "अगर अतिरिक्त व्यापार रुकावटें पैदा होंगी तो उससे वैश्विक बाजार में उलटफेर हो सकता है. हम ऐसी परिस्थितियां चाहते हैं जहां व्यापार में स्थायित्व और निश्चितता हो. बाजार अनिश्चितता नहीं चाहते." न्यूजीलैंड दुनिया में डेयरी उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक है और विदेशी कंपनियों के लिए डेयरी उत्पादन बड़ा क्षेत्र भी है.

यह साफ नहीं है कि चीन यूरोप के किन उत्पादों को निशाना बना सकता है लेकिन प्रोटीन पाउडर, क्रीम और ताजा दूध वो मुख्य उत्पाद हैं जो चीनी आयात की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. यूरोपीय कमीशन के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल ईयू ने करीब 170 करोड़ यूरो का निर्यात इन्हीं तीन उत्पादों के जरिए किया है. यानी अगर चीन ने बदले की कोई भी कार्रवाई की तो ईयू को करोड़ों का नुकसान एक झटके में होने के डर है.

खेती बचाने के लिए कैबरे का सहारा

खुला व्यापार

ईयू और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव को देखते हुए यूरोपीय अधिकारियों ने खाद्य उत्पादों पर ड्यूटी लगाने के खिलाफ चेताया है. ईयू के कृषि आयुक्त यानुस वोयचीहोवस्की ने अपनी चीन यात्रा के दौरान अप्रैल में रॉयटर्स से कहा कि उनका मकसद "जहां तक संभव हो, यह टालना है कि दूसरे सेक्टरों में चल रही दिक्कतों की कीमत खेती को चुकानी पड़े. यूरोपियन यूनियन का मानना है कि खाने का खुला व्यापार, दुनिया में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक अहम जरिया है."

हालांकि चीन का मत इससे अलग रहा है. उसने पिछले व्यापारिक झगड़ों के दौरान बदला लेने के लिए खाने-पीने के उत्पादों पर टैरिफ लगाने की नीति अपनाई है. बीती जनवरी में बीजिंग में ब्रांडी को निशाना बनाया गया था जब फ्रांस ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी ईयू जांच का समर्थन किया. चीन ने अप्रैल में एक कानून पास किया है जिसके तहत वह अमेरिका या ईयू के खिलाफ बदले की कार्रवाई करने में सक्षम है.

एसबी/ओएसजे(रॉयटर्स, एएफपी)

यूरोप को फतह करने पहुंचीं चीनी कारें