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इलेक्ट्रिक बसें पाकिस्तान में वायु प्रदूषण कम कर सकती हैं?

१७ मार्च २०२३

पाकिस्तान में कम से कम 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण वाहनों के कारण होता है और अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं. उनमें से एक इलेक्ट्रिक बसें भी हैं.

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पाकिस्तान 2021 में दुनिया के 118 सबसे प्रदूषित देशों में तीसरे स्थान पर था
पाकिस्तान 2021 में दुनिया के 118 सबसे प्रदूषित देशों में तीसरे स्थान पर थातस्वीर: Arif ALI/AFP

कराची के राजा कामरान का कहना है कि मोटरसाइकिल छोड़कर पाकिस्तान में पहली बार पेश की गई इलेक्ट्रिक बस में यात्रा करना उनके लिए न केवल आर्थिक रूप से बल्कि शहर के प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित हुआ है.

50 वर्षीय कामरान मोटरसाइकिल पर सफर करने के कारण पीठ दर्द से पीड़ित थे, लेकिन अब वे कहते हैं, "इलेक्ट्रिक बस सेवा से न केवल मेरे साप्ताहिक यात्रा खर्च कम हुए हैं बल्कि मेरे स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है. यह मददगार भी रहा है." इसके अलावा वे अब कुछ हद तक खुद को वायु प्रदूषण से बचाने में सक्षम हैं.

देश की आर्थिक राजधानी कराची में इलेक्ट्रिक बसों की सेवा जनवरी में प्रदूषण कम करने के अभियान के तहत शुरू की गई थी.

कामरान इस पहल की सराहना करते हैं लेकिन कहते हैं कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन बसों की संख्या फिलहाल बहुत कम है. उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि शुरुआत में ऐसी 50 बसें उपलब्ध कराई गई थीं, लेकिन उनमें से केवल 10 ही मौजूदा समय में इस्तेमाल में हैं और उनकी संख्या कम होने के कारण उन्हें कभी-कभी अपनी मनचाही बस के लिए 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है.

वायु प्रदूषण से जूझता पाकिस्तान

पूरे पाकिस्तान में वायु प्रदूषण एक बड़ी और लंबे समय से चली आ रही समस्या है. स्विस कंपनी आईक्यूएयर के मुताबिक पाकिस्तान 2021 में दुनिया के 118 सबसे प्रदूषित देशों में तीसरे स्थान पर था. ऐसी प्रदूषित हवा का एक प्रमुख कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है.

पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन  मंत्रालय के मुताबिक देश का कम से कम 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण वाहनों के कारण होता है. आंकड़ों के मुताबिक 2020 में पाकिस्तान में कुल 3.7 करोड़ वाहन थे, जबकि 2011 में इनकी संख्या बहुत कम थी.

कैसे कम हो देश का प्रदूषण

कराची में चलने वाली ई बसें एक बार में कम से कम 70 यात्री को ले जा सकती हैं. एक बार चार्ज होने पर वह 240 किलोमीटर तक का सफर कर सकती है. ऐसी 50 बसें सरकार और एक निजी कंपनी के बीच साझेदारी के जरिए 1.5 करोड़ डॉलर में खरीदी गईं हैं. उनके बीच हुए समझौते के मुताबिक संबंधित निजी कंपनी ने इन बसों को खरीद लिया है और आठ साल के संचालन के बाद इन्हें सिंध की प्रांतीय सरकार को सौंप दिया जाएगा.

सिंध के परिवहन सचिव अब्दुल हलीम शेख ने रॉयटर्स को बताया कि प्रांतीय सरकार ऐसी 100 और बसें खरीदने के लिए एशियाई विकास बैंक से तीन करोड़ डॉलर उधार लेना चाहती है.

इलेक्ट्रिक वाहनों पर पाकिस्तान का जोर

नवंबर 2019 में पाकिस्तान सरकार ने अगले पांच वर्षों में परिवहन व्यवस्था में पांच लाख इलेक्ट्रिक वाहन जिनमें ई-मोटरसाइकिल और ई रिक्शा समेत एक लाख इलेक्ट्रिक बसें, कार और ट्रक जोड़ने का लक्ष्य रखा था. लेकिन फिलहाल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

इसके अलावा सरकार के लक्ष्यों में से एक यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक पाकिस्तान में बिकने वाली कारों और ट्रकों में से एक तिहाई और मोटरसाइकिलों और बसों में से आधी बिजली से चलने वाली हों.

प्रदूषण कम करने के सरकारी उपाय 'बेकार'

लेकिन विश्लेषकों और विशेषज्ञों का कहना है कि कराची में किए गए ये उपाय प्रदूषण को कम करने के लिए नाकाफी हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के कराची अर्बन लैब में एसोसिएट डायरेक्टर मोहम्मद तौहीद का कहना है कि सरकार को इन उपायों के बजाय वाहनों और मोटरसाइकिलों की संख्या कम करने और वायु प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति जो अपनी धुआं छोड़ने वाली कार या मोटरसाइकिल पर काम करने जाता है, वह यह नहीं समझ पाता कि वह पर्यावरण के साथ क्या कर रहा है."

पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली दरिया लैब से जुड़े यासिर हुसैन का मानना ​​है कि हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कराची को 150 नहीं बल्कि कम से कम 1,500 इलेक्ट्रिक बसों को पेश करने की जरूरत है. उन्होंने इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और ई रिक्शा खरीदने के लिए सरकार को नरम शर्तों पर ऋण प्रदान करने का भी सुझाव दिया.

एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)