सरकारी नौकरी में महिलाओं की भागीदारी
भारत में सरकारी नौकरी पाने की चाहत रखने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी तो बढ़ी है, लेकिन नौकरी पाने की संख्या बेहतर स्थिति में नहीं है. जानिए क्या है महिलाओं की नौकरी की पाने की असल स्थिति.
महिलाओं का प्रतिनिधित्व
स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड सबसे अधिक सरकारी नौकरी देने वाली संस्था है. सेंट्रल सर्विस के तहत ग्रेड सी और ग्रेड डी की नौकरियों के लिए एसएससी ही परीक्षा आयोजित करती है. इसकी ओर से आयोजित सभी परीक्षाओं में कुल आवेदकों में 30.52 फीसदी महिलाएं हैं.
कितनी नौकरी मिलीं
आंकड़ों के मुताबिक कुल 1,22,98,827 लोगों ने एसएससी की परीक्षा के लिए आवेदन किए. इनमें 37,53,096 महिलाओं ने आवेदन किए. लेकिन कुल आवेदन में इनका जो हिस्सा है उस हिसाब से सफलता इन्हें नहीं मिली. सिर्फ 1,767 महिलाओं को ही नौकरी मिल पाई.
आवेदक ज्यादा, नौकरी कम
आंकड़ों के मुताबिक एसएससी की परीक्षाओं के लिए 1 करोड़ 22 लाख 98 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किए लेकिन 14,098 नौकरियां ही दी गईं, जिनमें 1,767 महिलाएं शामिल थीं.
लंबी लड़ाई
दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का कहना है कि 2019 में सिर्फ 20 प्रतिशत महिलाओं के पास नौकरी थी या वे नौकरी की तलाश में थीं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने नवंबर 2020 में नौकरियां और अन्य अवसरों में शहरी महिलाओं की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत बताई थी.
महामारी की मार
कोरोना वायरस महामारी के दौरान महिलाओं को नौकरियां गंवानी पड़ी. नौकरियों में उनकी वापसी बहुत देर से हुई. स्कूलों के बंद होने के कारण महिला टीचरों की नौकरी भी गईं और उनका वेतन आना बंद हुआ.
घर का बोझ
महिलाओं के सामने दोहरी चुनौती होती है. घर संभालने के साथ-साथ करियर को भी बनाना पड़ता है. कई बार उन्हें परिवार और नौकरी के बीच में किसी एक को चुनने का कठिन विकल्प भी सामने आ जाता है. कोरोना महामारी के दौर में देश में करीब चार लाख पचास हजार से अधिक स्कूल बंद हो गए थे लेकिन अब यह खुल रहे हैं. इस दौरान कई महिला टीचरों की नौकरी चली गई.
दुनिया में महिलाओं की हालत
पिछले साल आई वर्ल्ड वुमन 2020 रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में आधी से कम महिलाओं के पास नौकरियां हैं. वर्ल्ड वुमन 2020 रिपोर्ट में पाया गया था कि दुनिया ने महिलाओं के अधिकारों और आर्थिक सशक्तीकरण के मामले में मामूली उपलब्धि हासिल की और रोजगार और घरेलू हिंसा के खिलाफ जो उपाय 25 साल पहले रिपोर्ट में सुझाए गए थे उसके बाद से स्थिति में सुधार नहीं हुआ.